आजम खान के रिजॉर्ट पर पुलिस ने मारा छापा, नगर पालिका के तिजोरी चोरी मामले में हुई कार्रवाई
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान (Azam Khan) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. अब रामपुर पुलिस ने शुक्रवार को…
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समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान (Azam Khan) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. अब रामपुर पुलिस ने शुक्रवार को आजम खान के हमसफर रिजॉर्ट पर छापा मारा. जानकारी के मुताबिक, हमसफर रिजॉर्ट से पुलिस को कुछ बरामद नहीं हुआ.
मामले में सीओ सीटी अनूप चौधरी ने बताया कि साल 2005 में रामपुर नगर पालिका की तिजोरी चोरी का केस दर्ज किया गया था. उन्होंने बताया कि इसी मामले में मुखबिर की सूचना पर तिजोरी की तलाश के लिए हमसफर रिजॉर्ट में छापेमारी की गई.
सीओ सीटी के मुताबिक, छापेमारी की कार्रवाई के दौरान कुछ नहीं मिला.
बता दें कि पिछले दिनों आजम की जौहर यूनिवर्सिटी में सफाई मशीनें, लिफ्ट शाफ्ट में किताबें और फर्नीचरों की बरामदगी की गई थी.
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गुरुवार को रामपुर पुलिस ने कोर्ट से जौहर यूनिवर्सिटी का सर्च वॉरंट मांगा था. कोर्ट ने पुलिस के प्रार्थना पत्र को खारिज कर कहा था कि पुलिस और मजिस्ट्रेट की रिपोर्ट में भिन्नता है, इसलिए पुलिस की ओर से सर्च वॉरंट के लिए दिए गए प्रार्थना पत्र को निरस्त किया जाता है.
आजम की जौहर यूनिवर्सिटी की जांच का मुद्दा सपा अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने पिछले दिनों उत्तर प्रदेश विधानसभा में उठाया था. उन्होंने कहा था कि यूनिवर्सिटी की जांच तो ऐसे हो रही है जैसे कोई बम रख दिया हो.
जौहर यूनिवर्सिटी से सफाई मशीनें, लिफ्ट शाफ्ट में किताबें और फर्नीचरों की बरामदगी के बाद आजम और उनके विधायक बेटे अब्दुल्ला आजम ने अपनी सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों को वापस कर दिया.
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आजम को मिली वाइफ श्रेणी की सुरक्षा के सभी तीनों गनर वापस लौट गए थे. इसी तरह अब्दुल्ला आजम की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों को जब उनकी लोकेशन नहीं मिली और उनसे संपर्क नहीं हो सका तो उन लोगों ने पुलिस लाइन में रिपोर्ट किया था.
गौरतलब है कि जौहर यूनिवर्सिटी का नियंत्रण कथित रूप से अपने हाथ में लेने की राज्य सरकार की कार्रवाई के खिलाफ आजम की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हुई.
चीफ जस्टिस उदय उमेश ललित, न्यायमूर्ति एस. रवींद्र भट्ट और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की एक पीठ ने बुधवार को आजम खान की ओर से पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल के उस प्रतिवेदन पर गौर किया, जिसमें कहा गया था कि राज्य सरकार निजी विश्वविद्यालय के खिलाफ कई तरह की कार्रवाई कर रही है.
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