60% तक बुकिंग कैंसिल हुई... महाकुंभ में भगदड़ के बाद होटल मालिकों ने बयान किया अपना दर्द
महाकुंभ 2025 में मौनी अमावस्या के स्नान के दौरान हुई भगदड़ का असर प्रयागराज के होटल उद्योग पर गहराता जा रहा है. हादसे के बाद बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने अपनी बुकिंग कैंसिल कर दी है, जिससे होटल व्यवसायियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.
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महाकुंभ 2025 में मौनी अमावस्या के स्नान के दौरान हुई भगदड़ का असर प्रयागराज के होटल उद्योग पर गहराता जा रहा है. हादसे के बाद बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने अपनी बुकिंग कैंसिल कर दी है, जिससे होटल व्यवसायियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. शहर के प्रमुख होटलों में जहां पहले कमरे पूरी तरह से बुक थे, अब वहां खालीपन दिखाई दे रहा है.
होटल व्यवसायियों का दर्द: "पहले वेटिंग थी, अब सन्नाटा है." प्रयागराज के सिविल लाइंस और हाईकोर्ट इलाके में स्थित कई होटलों के मैनेजरों ने बताया कि घटना के बाद से 60% तक बुकिंग रद्द हो चुकी हैं.
होटल आर.आर. इन के मैनेजर मुकुल कुमार ने बताया, "असर तो पड़ा है. मौनी अमावस्या के बाद की बुकिंग भी कैंसिल हो रही है, माघी पूर्णिमा के लिए किए गए आरक्षण भी रद्द हो गए हैं. यह सिर्फ हमारे होटल का हाल नहीं है, पूरे प्रयागराज के होटल इंडस्ट्री पर असर पड़ा है."
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वहीं, स्टार इन पैलेस होटल के मैनेजर अनिल श्रीवास्तव ने कहा, "बहुत ज्यादा असर पड़ा है. पहले कुंभ स्नान के लिए लोग वेटिंग में होते थे, लेकिन अब होटल खाली पड़े हैं. सड़कों पर भी पहले जैसी भीड़ नहीं दिख रही."
गोल्डन विला होटल के बुकिंग ऑपरेटर तौकीर सिद्दीकी ने बताया, "हमारे होटल के कमरे सामान्य दिनों से दोगुने किराए पर बुक हुए थे, लेकिन भगदड़ के बाद 20% तक बुकिंग कैंसिल हो चुकी हैं. अगर यही स्थिति रही तो हमें भारी नुकसान उठाना पड़ेगा."
होटल इंडस्ट्री पर आर्थिक संकट की आशंका
होटल व्यवसायियों का कहना है कि प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान पर्यटन और धार्मिक यात्राओं से जुड़ी अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगा है. हर साल कुंभ में लाखों श्रद्धालु आते हैं, जिससे होटल और रेस्टोरेंट उद्योग को जबरदस्त फायदा होता है. लेकिन भगदड़ के कारण इस बार स्थिति उलट गई है. फिलहाल, प्रयागराज के होटल व्यवसायी इस उम्मीद में हैं कि आने वाले प्रमुख स्नान पर्वों तक स्थिति सामान्य हो जाएगी और श्रद्धालु फिर से कुंभ में लौटेंगे.