प्रयागराज में उफान पर गंगा और यमुना, पानी में डूबा संगम स्थल, कुंभ का काम प्रभावित
Prayagraj flood : सावन के महीने में हो रही लगातार बारिश के बाद उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बारिश-बाढ़ का कहर दिखना शुरू हो गया है.
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Prayagraj flood : सावन के महीने में हो रही लगातार बारिश के बाद उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बारिश-बाढ़ का कहर दिखना शुरू हो गया है. एक तरफ वाराणसी घाट डूबने शुरू हो गए हैं तो वहीं, दूसरी तरफ प्रयागराज में भी गंगा और यमुना अपने उफान पर हैं. प्रयागराज में गंगा और यमुना दोनों ही नदियों का जलस्तर लगातार तेज़ी से बढ़ रहा है. संगम में आयी बाढ़ के चलते जहां सभी घाट पानी में समा गए हैं.
बाढ़ के कारण रुका कुंभ का काम
प्रयागराज में गंगा और यमुना के उफान पर होने से संगम की ओर जाने वाले सभी रास्ते पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं. जिन रास्तों पर गाड़ियां फर्राटे भरा करती थी उन रास्तों पर अब नाव चल रही हैं. बाढ़ के आने से जनवरी माह में लगने वाले सबसे बड़े धार्मिक मेले कुम्भ मेले के काम भी प्रभावित हुए हैं. संगम में चारों और पानी ही पानी नजर आ रहा है. बाढ़ के पानी में झोपड़ी, दुकानें, आरती स्थल भी समा गए हैं. तीर्थ पुरोहितों की झोपड़ियां और उसमें मौजूद समान पानी मे समा गए हैं. फिलहाल संगम स्थल पर पानी कम होने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं.
गंगा और यमुना उफान पर
बता दें कि प्रयागराज में गंगा और यमुना का डेंजर लेबल 84.734 है. हालांकि दोनों नदियां चेतावनी बिंदु के काफी नजदीक हैं. बढ़ते जल स्तर के कारण प्रयागराज के आस पास की छोटी नदियों के भी उफान पर आने से ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ने लगी है.अब लोग सुरक्षित स्थान को तलाश करने में लग गये है. अगर ऐसे ही पानी लगातार बढ़ता रहा तो निचले इलाकों में रहने वालों की परेशानी बढ़ सकती है. हांलाकि दोनों नदियां अभी डेंजर लेवल से नीचे बह रही हैं.
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