महाकुंभ में मौतों को लेकर अफवाह फैलाने के लिए इन 7 पर हो गया केस, पूरी लिस्ट देखिए और जानिए इन्होंने क्या किया था
महाकुंभ 2025 को लेकर सोशल मीडिया पर झूठी खबरें फैलाने वालों के खिलाफ पुलिस ने कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है.
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प्रयागराज: महाकुंभ 2025 को लेकर सोशल मीडिया पर झूठी खबरें फैलाने वालों के खिलाफ पुलिस ने कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है. मौनी अमावस्या के दिन हुई दुर्घटना को लेकर भ्रामक दावे करने और नेपाल की घटना को महाकुंभ से जोड़कर अफवाह फैलाने पर सात 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट और एक इंस्टाग्राम अकाउंट के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.
अफवाहों का सच: नेपाल की घटना को महाकुंभ से जोड़ा
पुलिस जांच में सामने आया कि ब्रजेश कुमार प्रजापति नामक व्यक्ति ने अपने एक्स (Twitter) हैंडल से नेपाल की एक पुरानी घटना का वीडियो शेयर करते हुए इसे महाकुंभ का बताया. यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिससे लोगों में भ्रम की स्थिति बनी. इसी तरह, अन्य छह सोशल मीडिया अकाउंट्स ने भी इसी वीडियो को शेयर कर अफवाह फैलाने का काम किया.
पुलिस द्वारा जिन सोशल मीडिया अकाउंट्स को चिह्नित कर उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, वे हैं:
ब्रजेश कुमार प्रजापति (@brajeshkmpraja)
राजन शाक्य (@RAJJANS206251)
अशफाक खान (@AshfaqK12565342)
सत्य प्रकाश नगर (@Satyapr78049500)
प्रियंका मौर्य (@Priyank232332)
आकाश सिंह भारत (@Akashsinghjatav)
अभिमन्यु सिंह (@Abhimanyu1305)
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इसके अलावा, इंस्टाग्राम अकाउंट टाइगर यादव (@tigeryadav519) ने भी एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें दावा किया गया कि महाकुंभ में मृतकों के शवों को नदी में बहाया जा रहा है. इतना ही नहीं, इस वीडियो में यह भी कहा गया कि गंभीर रूप से घायल लोगों की किडनी निकालकर उनके शवों को नदी में फेंक दिया जा रहा है.
सरकार की छवि धूमिल करने की साजिश?
इस फर्जी वीडियो को लेकर कुंभ मेला प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है. पुलिस ने इसे उत्तर प्रदेश सरकार और प्रशासन की छवि खराब करने की साजिश करार दिया है. एसएसपी (कुंभ) राजेश द्विवेदी ने कहा, "सोशल मीडिया पर महाकुंभ से जुड़ी झूठी खबरें फैलाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. पुलिस ऐसे तत्वों पर कड़ी नजर रख रही है और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है."
यूपी पुलिस की अपील: अफवाहों से बचें
कुंभ मेला पुलिस ने जनता से अपील की है कि किसी भी खबर या वीडियो को बिना सत्यापन के शेयर न करें. सोशल मीडिया पर झूठी अफवाहें न केवल समाज में दहशत फैलाती हैं, बल्कि दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन की व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करती हैं.
महाकुंभ 2025 को लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह के फर्जी दावे किए जा रहे हैं, लेकिन पुलिस इन पर सख्त कार्रवाई कर रही है. आम जनता से अपील की गई है कि वे सतर्क रहें और किसी भी भ्रामक सूचना को बिना पुष्टि किए साझा करने से बचें. झूठी खबरें फैलाने वालों की डिजिटल गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है, और दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कदम उठाए जाएंगे.