जिस जगह से कभी का चलता था अतीक का राज अब वहां लग रहे चौके-छक्के, माफिया का घर बना क्रिकेट का मैदान
Prayagraj News : उत्तर प्रदेश के टॉप-10 माफिया गिरोह में शामिल IAS-227 के सरगना अतीक अहमद का आशियाना इन दिनों बच्चों के लिए खेल का मैदान बन गया है.
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Prayagraj News : उत्तर प्रदेश के टॉप-10 माफिया गिरोह में शामिल IAS-227 के सरगना अतीक अहमद का आशियाना इन दिनों बच्चों के लिए खेल का मैदान बन गया है. मरहूम अतीक अहमद के घर में अब मुहल्ले के बच्चे स्कूल से लौटने के बाद मोहल्ले के बच्चे इन दिनों जमकर चौके छक्के लगाते हैं. आप को बता दे माफिया अतीक अहमद के खिलाफ करवाई करते हुए 22 सितंबर 2020 को पुलिस और पीडीए के 10 बुलडोज़र ने मिलकर अतीक़ के 3000 वर्ग गज में बने मकान को को ढहा दिया था.
जिस जगह से कभी का चलता था अतीक का राज अब वहां लग रहे चौके-छक्के
प्रयागराज के चकिया इलाके में बने अतीक अहमद के इस मकान पर ध्वस्तीकरण की करवाई के बाद अब मोहल्ले के बच्चों के लिए खेल का मैदान बन चुका है. और सिर्फ अतीक अहमद के घर में चारों तरफ मलबा ही मलबा नजर आता है. जिस हिस्से में मलबा का ढेर पड़ा है, उसमें अशरफ रहा करते था. जिस हिस्से में बच्चे क्रिकेट खेल रहे हैं. उसमें अतीक अहमद का परिवार रहा करता था. तकरीबन 3000 वर्ग गज में बने इस मकान में अतीक और अशरफ का परिवार रहा करता था.
बता दें कि 15 अप्रैल 2023 को अतीक़ और अशरफ की हत्या के बाद ये जगह पूरी तरफ से वीरान हो गई. अतीक़ और अशरफ की पत्नी उमेश पाल हत्या की साजिश में ईनामिया घोषित होने के बाद से फरार है. जबकि बड़ा बेटा उमर लखनऊ तो दूसरे नंबर का अली नैनी सेंट्रल जेल में बंद है. चौथे और पांचवे नंबर के बेटे बाल सुधार गृह से छूटने के बरौली के हटवा गांव में अपने एक रिश्तेदार के घर पर रह रहे हैं. अतीक अहमद के घर के हालात ये हैं कि अब यहां कोई भूलकर भी झांकने नही आता ऐसे में घनी बस्ती के बीच मैदान मिलने से मोहल्ले के बच्चो की जैसी चांदी हो गई.
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माफिया की जमीन बना क्रिकेट का मैदान
बड़े बुजुर्ग यहां आने से भले ही कतराते हो लेकिन बच्चे यहां बेझिझक बैट-बाल लेकर पहुंच जाते है और फिर जमकर चौके-छक्के लगाते नजर आते हैं. लेकिन जब अतीक अहमद का सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा था. तो इस घर की तरफ से जाने से भी लोग कतराते थे और घर में एंट्री करने से पहले चार बार सोचना पड़ता था. इस घर में वही लोग प्रवेश करते थे, जो अतीक अहमद को भली भांति जानते थे या उन्हें कोई काम होता था.
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