ट्रेन में सुविधा न मिली तो HC के जज ने लिया था एक्शन, अब CJI चंद्रचूड़ ने चिट्ठी में कह दी बड़ी बात
UP News: दिल्ली से प्रयागराज ट्रेन से यात्रा के दौरान असुविधा होने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज द्वारा रेलवे से स्पष्टीकरण मांगने पर चीफ जस्टिस…
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UP News: दिल्ली से प्रयागराज ट्रेन से यात्रा के दौरान असुविधा होने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज द्वारा रेलवे से स्पष्टीकरण मांगने पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने दखल देते हुए आपत्ति जताई है. दरअसल, जस्टिस चंद्रचूड़ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट रजिस्ट्रार के रेलवे अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगने पर आपत्ति जताई है. इसी के चलते चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने सभी 25 हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को चिट्ठी लिखी है.
अपनी चिट्ठी में सीजेआई ने लिखा कि हाईकोर्ट के एक अधिकारी ने रेलवे महाप्रबंधक को पत्र लिखा. रेलवे जीएम को संबोधित पत्र ने न्यायपालिका के भीतर और बाहर दोनों जगह उचित बेचैनी पैदा कर दी है. सीजेआई ने जजों को नसीहत देते हुए लिखा है कि जजों को मिलने वाली ‘प्रोटोकॉल सुविधाएं’ उनके विशेषाधिकार का पैमाना नहीं हैं. विशेषाधिकार के दावे पर जोर देने के लिए उनके इस्तेमाल की जरूरत नहीं होनी चाहिए जो उन्हें समाज से अलग करती हों.
अपने पत्र में सीजेआई ने आगे कहा कि न्यायिक अधिकार का विवेकपूर्ण प्रयोग या उपभोग बेंच के अंदर और बाहर दोनों जगह इसका ध्यान रखना चाहिए. यही वह चीज है जो न्यायपालिका की विश्वसनीयता और वैधता और समाज को उसके न्यायाधीशों पर विश्वास बनाए रखती है.
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यह है पूरा मामला
दरअसल, इलाहाबाद हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार (प्रोटोकॉल) आशीष कुमार श्रीवास्तव ने 14 जुलाई को एक पत्र जारी किया. इसमें कहा गया है था 8 जुलाई को पुरुषोत्तम एक्सप्रेस (ट्रेन संख्या 12802) के एसी-1 कोच से जस्टिस चौधरी को अपनी पत्नी के साथ नई दिल्ली से प्रयागराज जाना था. ट्रेन तीन घंटे से ज्यादा लेट आई.
जज को नहीं मिली मदद
टीटीई को बार-बार सूचित किया गया, उसके बावजूद जज की मदद करने और जरूरत के लिए कोच में कोई जीआरपी कर्मी नहीं मिला. इसके अलावा, बार-बार कॉल करने के बावजूद पैंट्री कार कर्मचारी ने ध्यान नहीं दिया और जस्टिस परिवार को ना खाने के लिए कुछ उपलब्ध कराया. इस पर जस्टिस चौधरी ने पेंट्रीकार मैनेजर राज त्रिपाठी को फोन किया, लेकिन उन्होंने भी कॉल नहीं उठाया.
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जज ने तलब किया जवाब
आशीष कुमार श्रीवास्तव की ओर से जारी पत्र में आगे कहा गया है कि इस घटना से जज को काफी असुविधा हुई. इस संबंध में जस्टिस चौधरी ने रेलवे के अधिकारियों, जीआरपी कर्मियों और पेंट्रीकार मैनेजर के आचरण और कर्तव्य के प्रति लापरवाही को लेकर नाराजगी जताई है. जस्टिस चौधरी ने रेलवे के जनरल मैनेजर को दोषी कर्मचारियों से जवाब मांगने का आदेश दिया है. जज ने रेलवे अधिकारियों से घटना के संबंध में कोर्ट को जवाब देने के लिए कहा है.
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