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बेटे ने पहले डीप फ्रिजर में रखने को बोला फिर वृद्धाश्रम से शव बुला मरी मां को दफना दिया! 6 बच्चों वाली शोभा गुप्ता की कहानी

आदित्य भारद्वाज

UP News: गोरखपुर की शोभा गुप्ता ने अपनी जिंदगी के आखिरी अपने पति के साथ जौनपुर के वृद्धाश्रम में गुजारे. उनकी मौत के बाद भी उनके बेटों ने उनके साथ अच्छा नहीं किया.

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UP News: भारतीय संस्कृति में मां-पिता को भगवान के समान माना गया है. मगर आज कल लगातार ऐसी खबरें सामने आ रही हैं, जिसमें बच्चे बड़े होते ही अपने मां-पिता को घर से निकाल रहे हैं या फिर उन्हें वृद्धाश्रम में रहने के लिए मजबूर कर रहे हैं. ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के जौनपुर से सामने आया है, जिसे सुन हर कोई हैरान है. हर किसी के मन में सवाल है कि आखिर कोई बेटा अपनी ही मां के साथ ऐसा कैसे कर सकता है?

गोरखपुर की शोभा देवी गुप्ता ने 6 बच्चों को जन्म दिया, जिसमें 3 बेटियां और 3 बेटे हैं. मगर जब उनकी मौत हुई तो सबसे बड़े बेटे ने वृद्धाश्रम से ये कह दिया कि मां के शव को डीप फ्रीजर में रख दो. 4 दिन बाद आकर शव को ले लेंगे. बड़े बेटे ने साफ कहा कि अभी घर में उसके बेटे की शादी है. घर में शव आ गया तो अपशगुन हो जाएगा. इसलिए मां के शव को 4 दिन के लिए डीप फ्रीजर में रखवा दो. बता दें कि आखिर में इस मां को हिंदू रिती रिवाजों से अंतिम संस्कार भी नसीब नहीं हुआ. आगे जानिए शव के साथ बड़े बेटे ने क्या किया?

1 साल पहले बड़े बेटे ने मां-पिता को घर से निकाला था

ये कहानी है गोरखपुर के रहने वाले किराना कारोबारी भुआल गुप्ता की. भुआल गुप्ता गोरखपुर के भरोईया गांव में अपनी पत्नी शोभा देवी गुप्ता के साथ रहते थे. दोनों के 6 बच्चे हुए, जिसमें 3 बेटे और 3 बेटियां हैं. भुआल गुप्ता ने जिंदगी भर मेहनत की और अपने बच्चों को कामयाब बनाया फिर सभी की शादी की जिम्मेदारी भी निभाई. मगर 1 साल पहले सबसे बड़े बेटे ने घर में विवाद होने के बाद बुजुर्ग माता-पिता को घर से निकाल दिया.

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अयोध्या-मथुरा होते हुए जौनपुर के वृद्धाश्रम में मिली जगह

बेटे और परिवार की इस हरकत से बुजुर्ग पति-पत्नी बेहद आहत हुए और अपनी जिंदगी खत्म करने के लिए राजघाट आ गए. मगर वहां लोगों ने दोनों को समझाया कि जिंदगी खत्म करके कुछ नहीं होगा. आप दोनों अयोध्या या मथुरा चले जाइये. वहां भगवान का भजन करिए और वहां आपके रहने-खाने का भी इंतजाम हो जाएगा.

बुजुर्ग पत्नी-पति मथुरा पहुंचे तो वहां लोगों ने दोनों को जौनपुर के वृद्धाश्रम में भेज दिया. इसके बाद से दोनों जौनपुर के वृद्धाश्रम में जीवन गुजार रहे थे. 3 बेटे और 3 बेटियां होने के बाद भी बुजुर्ग मां-बाप के लिए किसी के घर में कोई जगह नहीं थी.

मौत हुई तो बड़े बेटे ने दी ये प्रतिक्रिया

इसी दौरान शोभा देवी के पैर में दिक्कत होने लगी और धीरे-धीरे इनका स्वास्थ्य खराब रहने लगा. बीते 19 नवंबर के दिन शोभा देवी की मौत हो गई. मौत के बाद वृद्धाश्रम चलाने वाले रवि चौबे ने सबसे पहले शोभा देवी के छोटे बेटे को मां की मौत की जानकारी दी. छोटे बेटे ने कहा कि कुछ समय दीजिए, बड़े भाई से बात करके बताते हैं.

इसके बाद रवि चौबे ने खुद बड़े बेटे से बात की. बड़े बेटे ने साफ कहा कि घर में शादी है. 4 दिन के लिए शव डीप फ्रीजर में रख दो. शव घर में आ गया तो अपशगुन हो जाएगा. इसी बीच पूरे परिवार को मां की मौत की जानकारी मिल गई.

फिर शव के साथ ये किया गया

परिवार के अन्य लोगों ने अपील की कि किसी भी तरह से शव को जौनपुर से गोरखपुर भेज दीजिए. मां को आखिरी बार देखना है. वृद्धाश्रम ने किसी तरह से शव को जौनपुर से गोरखपुर भेजा. मगर वहां बड़े बेटे ने शव का अंतिम संस्कार नहीं किया. बड़े बेटे ने मां के शव को दफना दिया. पिता से कह दिया गया कि 4 दिन बाद शव निकालकर अंतिम संस्कार कर देंगे. अब भुआल गुप्ता का कहना है कि 4 दिन में तो शव को कीड़े खा जाएंगे.

माता-पिता से मिलने कोई नहीं आया

वृद्धाश्रम के संचालक रवि चौबे ने बताया, जब से ये लोग यहां रहने के लिए आए हैं, तब से इन दोनों से मिलने कोई नहीं आया. कभी-कभी छोटे बेटे का फोन आ जाता था और वह हाल-चाल पूछ लेता था. मगर अपने माता-पिता से मिलने दोनों का कोई भी बेटा-बेटी नहीं आए.

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