आजमगढ़ में सास रमावती राजभर को लगी गोली उनके दामाद संजीव पांडे पर चली ही नहीं थी! केस में आया बड़ा ट्विस्ट
उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में बीते शुक्रवार को एक मामूली वाहन टक्कर का विवाद इस कदर बढ़ गया कि गोलियां चल गईं. अब इस मामले में एक नया अपडेट सामने आया है.
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उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में बीते शुक्रवार को एक मामूली वाहन टक्कर का विवाद इस कदर बढ़ गया कि गोलियां चल गईं. इस दौरान 55 साल की रमावती देवी की मौत हो गई. अभी तक इस मामले में ये जानकारी सामने आई थी कि दामाद संजीव को बचाने के लिए रमावती देवी ने अपनी जान दे दी. वहीं मृतका की बेटी ने कहा था कि "ठाकुर मेरे जीजा को मारने आए थे, लेकिन मेरी मां बीच में कूद पड़ी और अपनी जान दे दी." लेकिन अब इस मामले में एक नया मोड़ सामने आया है.
क्या है पूरा मामला?
संजीव पांडे चारपहिया वाहन से अपनी ससुराल आ रहे थे. रास्ते में गांव के ही विश्वकेतु सिंह जो बाइक पर बच्चों के साथ जा रहे थे, उनकी गाड़ी की हल्की टक्कर संजीव के वाहन से हो गई. इस मामूली विवाद ने तीखा रूप ले लिया और दोनों में कहासुनी होने लगी. कुछ देर बाद विश्वकेतु अपने घर गया और अपने पिता भगवान सिंह को साथ लेकर वापस आया. दोनों ने आरपीएस स्कूल के पास लाठी-डंडों से हमला कर दिया. इस दौरान गोली भी चली जिससे संजीव पांडे की सास रमावती देवी की मौत हो गई.
दामाद ने क्या बताया?
दामाद संजीव पांडे ने बताया कि विवाद पूरी तरह एकतरफा था और गोली उन्हीं को मारने की नीयत से चलाई गई थी. लेकिन सास रमावती ने जान देकर उन्हें बचा लिया. मृतका की बेटी ने भी कहा, "ठाकुर मेरे जीजा को मारने आए थे, लेकिन मेरी मां बीच में कूद पड़ी और अपनी जान दे दी."
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पुलिस ने बताई पूरी सच्चाई
अभी तक की जानकारी के अनुसार संजीव पांडे को मारने के लिए विश्वकेतु ने असलहा निकालकर फायरिंग की थी, जिसमें रमावती देवी की मौत हो गई. हालांकि आजमगढ़ के एएसपी चिराग जैन ने नई जानकारी दी है. चिराग जैन ने बताया कि दोनों पक्षों के विवाद के बीच संजीव पांडेय का एक साथी अवधेश नारायण सिंह भी गाड़ी में था और उसने विश्वकेतु सिंह को मारने के इरादे से गोली चलाई थी जिसमें रमावती की मौत हो गई.
चिराग जैन ने बताया कि इस मामले में संजीव पांडे और उसके साथी ने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की थी जिससे विश्वकेतु सिंह को फंसाया जा सके. हालांकि घटनास्थल के पास में लगे सीसीटीवी कैमरे में गांव के कुछ लोग दिखाई दिए जिनसे पूछताछ की गई. इस दौरान पता चला कि गोली अवधेश नारायण सिंह द्वारा चलाई गई थी. अवधेश नारायण के पास से असलहा और कारतूस भी बरामद किए गए हैं.फिलहाल आरोपियों को जेल भेजा जा चुका है और आगे की विधिक कार्रवाई जारी है.