ललितपुर के सोहन सिंह ने ऐवरेस्ट बेस कैंप पर योग कर विश्व रिकॉर्ड बनाकर बुंदेलखंड को किया गौरवांवित
उत्तर प्रदेश के जिले ललितपुर के गांव बरखेरा के रहने वाले सोहन सिंह यादव ने विश्व प्रसिद्ध एवरेस्ट पर्वत के बेस कैंप पर योग आसनों का प्रदर्शन कर एक अद्वितीय विश्व रिकॉर्ड स्थापित किया है, जिससे पूरा बुन्देलखण्ड क्षेत्र गर्व से भर उठा है.
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उत्तर प्रदेश के जिले ललितपुर के गांव बरखेरा के रहने वाले सोहन सिंह यादव ने विश्व प्रसिद्ध एवरेस्ट पर्वत के बेस कैंप पर योग आसनों का प्रदर्शन कर एक अद्वितीय विश्व रिकॉर्ड स्थापित किया है, जिससे पूरा बुन्देलखण्ड क्षेत्र गर्व से भर उठा है. सोहन सिंह ने 13 सितंबर को 5,364 मीटर की ऊंचाई पर योग के तीन उन्नत आसनों- सिरसासन (हेडस्टैंड पोज़), वृश्चिकासन (स्कॉर्पियन पोज़), और मयुरासन (पीकॉक पोज़) का प्रदर्शन किया. इस अद्वितीय कार्य की आधिकारिक पुष्टि 14 अक्टूबर को हुई, और इसे एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया. सोहन की इस उपलब्धि ने न केवल क्षेत्र का नाम रोशन किया है, बल्कि युवाओं को भी ऊंचे सपने देखने और उन्हें साकार करने की प्रेरणा दी है.
संघर्ष से सफलता तक का सफर
सोहन सिंह यादव का जन्म उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले के ब्लॉक बिरधा अंतर्गत ग्राम बरखेरा में 14 जून, 1975 को हुआ था. उनके जीवन में योग का बीज बचपन में ही बोया गया जब उनकी मां, कमला देवी, ने उन्हें योग का प्रारंभिक ज्ञान दिया. योग के प्रति यह रूचि उनके जीवन का अभिन्न हिस्सा बन गई. सोहन ने ललितपुर जिले में प्रारंभिक शिक्षा पूरी की और आगे की पढ़ाई के लिए राजस्थान के अलवर जिले से पीजीडीसीए में मास्टर डिग्री प्राप्त की.
शिक्षा के उपरांत वे कुछ साल विदेश में कार्य करने के बाद 2002 में चीन चले गए. इस दौरान उन्होंने योग को अपना करियर बनाने का फैसला किया. शुरू में उन्होंने आईटी और शिक्षण कार्य में अपनी योग्यता का उपयोग किया, लेकिन योग के प्रति उनका प्रेम कभी समाप्त नहीं हुआ. चीन में रहते हुए उन्होंने योग को लेकर लोगों में जोश और उत्साह उत्पन्न किया. धीरे-धीरे, उन्होंने चीन के विभिन्न शहरों में सोहन योगा केंद्र की स्थापना की, जिसमें जियामिन, शेनझेंन, गुईयांग, नानछांग और लोंगपेन शामिल हैं. आज उनके योग सेंटर में भारतीय योग के विविध पाठ्यक्रम, जैसे हठ योग, अष्टांग योग, फ्लो योग और थेरेपी कोर्स, चीनी नागरिकों में अत्यधिक लोकप्रिय हैं.
सोहन सिंह की लगन और प्रतिबद्धता ने उन्हें न केवल चीन में बल्कि पूरी दुनिया में एक प्रतिष्ठित योग गुरु बना दिया है. उनके योगदानों को भारतीय दूतावास द्वारा भी सम्मानित किया गया है और चीन में उनके योग के प्रति प्रेम के चलते उन्हें 'योगगुरु' का खिताब मिला है. चीनी लोगों में योग को बढ़ावा देने के उनके अथक प्रयासों ने उन्हें वहां के लोगों के दिलों में विशेष स्थान दिलाया है.
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योगगुरु सोहन का योगदान और उद्देश्य
सोहन सिंह का उद्देश्य हमेशा से योग के माध्यम से शारीरिक और मानसिक शुद्धि का प्रचार करना रहा है. वे मानते हैं कि योग न केवल शरीर को स्वस्थ रखता है बल्कि मन को भी स्थिरता प्रदान करता है जिससे जीवन में सुख और शांति का अनुभव होता है. चीनी लोगों के बीच योग की लोकप्रियता बढ़ाने के लिए सोहन ने कई योग केंद्र खोले, जहां 1 मिलियन से अधिक चीनी नागरिकों ने योग के माध्यम से शारीरिक और मानसिक संतुलन प्राप्त किया. सोहन ने योग के धार्मिक जुड़ाव से संबंधित मिथकों को तोड़ते हुए इसे एक सर्वजन सुलभ अभ्यास के रूप में प्रस्तुत किया, जो चीन में एक बड़ा परिवर्तन लेकर आया.
चीन में योग का प्रचार-प्रसार करने के बाद अब सोहन का उद्देश्य भारत में योग को और अधिक मजबूत करना है. उनकी योजना है कि वह भारत में भी इसी प्रकार के योग केंद्रों की स्थापना करें और लोगों के मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य में योगदान दें.
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बुन्देलखण्ड से जुड़े हैं सोहन सिंह
हालांकि सोहन सिंह चीन में एक बड़े योग गुरु के रूप में प्रसिद्ध हो चुके हैं. लेकिन उनका दिल आज भी अपनी मातृभूमि ललितपुर और बुन्देलखण्ड से जुड़ा हुआ है. चीन में रहते हुए भी वे अपनी जड़ों को नहीं भूले हैं. कोरोना महामारी के दौरान उन्होंने अपने गांव और बुन्देलखण्ड क्षेत्र के लोगों के स्वास्थ्य की चिंता व्यक्त की. उन्होंने संदेश दिया कि कोविड- 19 से सुरक्षा के लिए उचित सावधानी बरतना अत्यंत आवश्यक है. उन्होंने अपने लोगों से आग्रह किया कि वे समय-समय पर हाथ धोएं, मास्क का उपयोग करें, और सुरक्षित रहें.
सोहन सिंह का यह संदेश लोगों के प्रति उनकी स्नेह और जिम्मेदारी को दर्शाता है. उनका कहना है "मैं चीन में रहकर भी अपने वतन के लिए दुआएं करता हूं और चाहता हूं कि मेरे देशवासी स्वस्थ और सुरक्षित रहें."
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बुन्देलखण्ड के लिए गर्व का क्षण
सोहन सिंह द्वारा एवरेस्ट के बेस कैंप पर योग प्रदर्शन कर विश्व रिकॉर्ड बनाना न केवल उनके लिए बल्कि सम्पूर्ण बुन्देलखण्ड के लिए गर्व की बात है. उनके इस साहसिक कार्य ने यह सिद्ध कर दिया कि मेहनत, लगन और समर्पण से कोई भी अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है. सोहन सिंह ने ललितपुर और बुन्देलखण्ड को पूरे देश और दुनिया में एक नया स्थान दिलाया है.
सांसद शर्मा और बैद्यनाथ परिवार सदैव सोहन के साथ
ललितपुर के बेटे सोहन सिंह यादव की हर उपलब्धि पर झांसी लोकसभा सांसद अनुराग शर्मा और उनका प्रतिष्ठित बैद्यनाथ परिवार हमेशा साथ खड़ा रहा है. सांसद अनुराग शर्मा ने न केवल सोहन जी की उपलब्धियों को सराहा है. बल्कि समय-समय पर उनके हर कदम को प्रोत्साहित भी किया है. बैद्यनाथ परिवार जो भारतीय पारंपरिक चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में अपना विशेष योगदान रखता है सोहन सिंह के कार्यक्रमों के लिए सभी प्रकार का सहयोग प्रदान करता आया है और आगे पर्वतों का रोहण करने के लिए बैद्यनाथ परिवार सहयोग करेगा.
चाहे सोहन सिंह का चीन में योग शिक्षा का विस्तार हो या एवरेस्ट जैसी ऊंचाई पर योग प्रदर्शन के लिए उनकी तैयारी, बैद्यनाथ परिवार ने उनके हर मिशन में न सिर्फ आर्थिक बल्कि मानसिक और भावनात्मक समर्थन भी प्रदान किया है. सांसद अनुराग शर्मा का मानना है कि सोहन सिंह जैसे योग गुरु भारत के सांस्कृतिक और शारीरिक स्वास्थ्य के प्रतीक हैं और इन्हें हर स्तर पर प्रोत्साहन मिलना चाहिए. शर्मा जी के नेतृत्व में बैद्यनाथ परिवार ने सोहन जी के प्रयासों में सहयोग देकर देश-विदेश में योग को बढ़ावा देने के उनके प्रयासों को साकार करने में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
(यह इंपैक्ट फीचर प्रचार-प्रसार विभाग के सौजन्य से प्रकाशित किया गया है.)
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