संभल जामा मस्जिद कमेटी ने रंगाई-पुताई के लिए लिखा ASI को लेटर, अब मामले में आया नया ट्विस्ट

अनूप कुमार

UP News: संभल जामा मस्जिद की पुताई को लेकर मस्जिद कमेटी की तरफ से भारतीय पुरातत्व विभाग को लेटर लिखा गया है. ASI से मस्जिद की रंगाई-पुताई के लिए इजाजत मांगी गई है. बता दें कि अब इस मामले को लेकर हिंदू संगठनों में भारी गुस्सा देखने को मिल रहा है.

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संभल जामा मस्जिद की पुताई को लेकर मस्जिद कमेटी की तरफ से भारतीय पुरातत्व विभाग को लेटर लिखा गया है. ASI से मस्जिद की रंगाई-पुताई के लिए इजाजत मांगी गई है. बता दें कि अब इस मामले को लेकर हिंदू संगठन सामने आ गए हैं और उन्होंने मस्जिद कमेटी के लेटर का विरोध किया है. उनका भारी गुस्सा इस मामले में देखने को मिल रहा है.

हिंदू संगठनों का कहना है कि विवादित परिसर के पुताई की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. उनका कहना है कि पुताई के नाम पर विवादित ढांचे से छेड़छाड़ की जा सकती है. हिंदू संगठनों ने इस मामले में सख्त विरोध की चेतावनी भी प्रशासन को दी है. सनातन सेवक संघ की तरफ से तहसीलदार को इसको लेकर ज्ञापन भी सौंपा गया है. 

क्या बोले हिंदू संगठन?

संभल की जामा मस्जिद इंतजामिया कमेटी की जामा मस्जिद की पुताई की मांग का विरोध होना शुरू हो गया है. सनातन संघ ने पुताई की मांग का विरोध करते हुए तहसीलदार को ज्ञापन दिया है. पुताई की अनुमति दिए जाने पर हिंदू संगठन ने हिंदू समाज के सख्त विरोध की चेतावनी दी है. 

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सनातन सेवक संघ के जिलाध्यक्ष की अगुवाई में संगठन कार्यकर्ता संभल तहसील पहुंचे और वहां तहसीलदार को ज्ञापन दिया. सनातन सेवक संघ की तरफ से कहा गया कि विवादित स्थल हिंदू मंदिर था. साल 1974 तक परिसर में भजन कीर्तन होते थे. मगर उस समय के सांसद बर्क ने भजन कीर्तन बंद करवा दिया. यहां पुताई के समय विवादित जगह से छेड़छाड़ हो सकती है. 

हिंदू पक्ष का ये है दावा

दरअसल हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल की जामा मस्जिद को मंदिर तोड़कर बनाया गया है. मुगल काल में यहां भव्य हरिहर मंदिर को गिराया गया और यहां मस्जिद बनाई गई. हिंदू पक्ष मुगल काल पर लिखी किताबों और ब्रिटिश इंडिया ASI रिपोर्ट को अपने दावों का आधार बनाता है. दूसरी तरफ मुस्लिम पक्ष का कहना है कि ये मस्जिद मंदिर तोड़कर नहीं बनाई गई थी. फिलहाल मामला कोर्ट में चल रहा है.

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