भदोही के भानु प्रकाश के बैंक अकाउंट में क्रेडिट हो गए 99 अरब, खुशी हुई पर फिर पता चली ये कहानी

महेश जायसवाल

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उत्तर प्रदेश के भदोही में रहने वाले भानु प्रकाश का बैंक में अकाउंट था. भानु प्रकाश अपनी रोज की दिनचर्या में बिजी थे. मगर तभी उनके मोबाइल पर एक मैसेज आया. जैसे ही उन्होंने मोबाइल पर मैसेज देखा, उन्हें अपनी आंखों पर यकीन नहीं हुआ. दरअसल उनके बैंक अकाउंट में 1 लाख, 50 लाख, 1 करोड़ या 50 करोड़ नहीं बल्कि 99 अरब रुपये आ गए थे. 99 अरब रुपये उनके बैंक अकाउंट में क्रेडिट हो गए थे.

क्या है पूरा मामला

99 अरब रुपये अगर आपके बैंक अकाउंट में आ जाए तो आप क्या करेंगे? यकीनन आपके होश उड़ जाएंगे और दिमाग भी एक पल के लिए सुन्न हो जाएगा. अभी तक आपने बैंक अकाउंट में 50 लाख या 1 करोड़ या 10 करोड़ रुपये अचानक क्रेडिट होने की खबर सुनी होंगी. मगर उत्तर प्रदेश के भदोही में रहने वाले भानु प्रकाश के साथ जो हुआ, वह शायद ही उसे अपनी जिंदगी में कभी भुल पाए. ये पूरा मामला सुरियावां बाजार में स्थित बड़ौदा यूपी बैंक से सामने आया है. दरअसल उनके बैंक अकाउंट में कुछ ऐसी धनराशि क्रेडिट हुई, जिनकी रकम उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोची होगी. 99 अरब रुपये उनके बैंक अकाउंट में क्रेडिट हो गए. 


बैंक को दी जानकारी

बता दें कि भानु प्रकाश शुरू में तो सकते में आ गए और खुशी भी हुई. मगर जल्द ही उन्हें माजरा समझ आ गया. उन्होंने फौरन मामले की जानकारी बैंक को दी. बैंक ने फौरन अकाउंट पर होल्ड लगा दिया. बैंक अधिकारी के मुताबिक ग्राहक का केसीसी खाता है और वह एनपीए हो चुका है इसलिए सॉफ्टवेयर के कारण उसके खाते में गलत जानकारी दिखाई पड़ने लगी थी. उसे ठीक करने के लिए खाते को होल्ड पर रखा गया है

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बैंक का क्या कहना है?


रोहित गौतम, (शाखा प्रबंधक, बड़ौदा यूपी बैंक) के मुताबिक जो लोन के एनपीए खाते होते हैं, उससे जुड़े बचत खातों पर एक निश्चित अमाउंट पर रोक लग जाता है. जब खाताधारक कहीं अंगूठा लगा कर चेक करता है तो कॉन्टेक्ट टू ब्रांच लिखकर आता है. खाताधारक ने  भी अपना खाता चेक किया, जिसमें माइनस में अमाउंट आ रहा था. उसके एनपीए खाते के कारण ऐसा दिखाई दे रहा था. खाताधारक को समझाया गया तब उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया. फिलहाल उनके खाते को सही कराने का आश्वासन दिया गया है.


केसीसी और एनपीए क्या होता है?


केसीसी (किसान क्रेडिट कार्ड) जो किसानों को उनकी फसल के लिए सरकार की एक योजना के तहत बैंक लोन देता है. बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक के नियमों के अनुसार, अगर किसी बैंक लोन की किस्त 90 दिनों तक यानी की तीन महिनों तक नहीं चुकाई जाती है तो उस लोन को एनपीए ( नॉन परफॉरमिंग एसेट) घोषित कर दिया जाता है.

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(इस खबर को यूपी Tak के साथ इंटर्नशिप कर रहे अमित पांडेय ने एडिट किया है.)

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