अल्फा भेड़िया को पकड़ने के लिए अब मादा के प्रेम जाल में फंसाने की तैयारी, वन विभाग ने बनाया ये प्लान

राम बरन चौधरी

Bahraich News : बहराइच जिले के महसी क्षेत्र के तीन दर्जन गाँवों में पिछले 70 दिनों से आतंक का पर्याय बना आदमखोर भेड़िया अब भी वन विभाग की पकड़ से दूर है.

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बहराइच का आदमखोर भेड़िया
बहराइच का आदमखोर भेड़िया
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Bahraich News : बहराइच जिले के महसी क्षेत्र के तीन दर्जन गाँवों में पिछले 70 दिनों से आतंक का पर्याय बना आदमखोर भेड़िया अब भी वन विभाग की पकड़ से दूर है. पाँच भेड़ियों को पकड़ने के बाद अब माना जा रहा है कि इस झुंड का सरदार, जिसे अल्फा भेड़िया कहा जाता है, अपने अन्य साथी भेड़ियों की तलाश में भटक रहा है. इसी दौरान उसने गुस्से में बीते हफ्ते कई हमले किए हैं. वन विभाग ने अब इस चुनौती को निपटने के लिए एक नई तरकीब पर काम शुरू किया है.

मादा की प्री-रिकॉर्डेड आवाज से भेड़िये को फंसाने की कोशिश

डीएफओ अजीत सिंह के मुताबिक, अल्फा भेड़िए को पकड़ने के लिए मादा भेड़िए की प्री-रिकॉर्डेड आवाज का उपयोग किया जाएगा. इसे खेतों के बीच बजाकर, उम्मीद है कि अल्फा भेड़िया अपनी मादा साथी की तलाश में इस आवाज की ओर आकर्षित हो जाएगा और वन विभाग के जाल में फंस जाएगा. हालांकि, इसमें सफलता मिलने की संभावना अभी अनिश्चित है क्योंकि वन विभाग को उसकी सटीक मौजूदगी का क्षेत्र नहीं पता है.

पहले भी किए जा चुके हैं ये प्रयास

भेड़िए को भगाने व पकड़ने के लिए वन विभाग ने पहले भी कई उपाय किए हैं. इनमें हाथी की लीद छिड़काव और बच्चों की यूरिन भीगी टेडी डॉल का उपयोग प्रमुख रहे हैं. हाथी की लीद का छिड़काव भेड़ियों में सूंघने की अधिक क्षमता के कारण किया गया था ताकि वे इन इलाकों को हाथी के मौजूदगी वाले क्षेत्र मानकर छोड़ दें. वहीं, बच्चों की यूरिन भीगी टेडी डॉल का उपयोग कर उसे आकर्षित करने की कोशिश की गई थी. इसके साथ ही, वन विभाग प्रभावित गांवों के निकट पटाखों का निरंतर उपयोग कर रहा है ताकि तेज आवाज से भेड़िया गाँव की ओर न आए.

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पाँच भेड़ियों को पकड़ने के बाद भी, अल्फा भेड़िया अब तक वन विभाग की पहुँच से दूर है और इस दौरान दो बच्चों समेत पांच लोगों पर हमले हो चुके हैं. वन विभाग ने हालांकि इन हमलों को भेड़िए के हमले होने से इनकार किया है. 

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