मां-पिता को खोजते हुए अमेरिका से 20 साल बाद लखनऊ आई थी महोगनी, मिला परिवार? जानें पूरी कहानी

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मां-पिता को खोजते हुए अमेरिका से 20 साल बाद लखनऊ आई थी महोगनी, मिला परिवार?
मां-पिता को खोजते हुए अमेरिका से 20 साल बाद लखनऊ आई थी महोगनी, मिला परिवार?
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Lucknow News: अमेरिका से एक लड़की करीब 20 साल बाद अपने मां-पिता को खोजते हुए लखनऊ आई थी. करीब 30 दिनों तक वह लड़की, अपने अमेरिकन दोस्त के साथ अपने मां-पिता को खोजती रही. लड़की ने अपने माता-पिता को खोजने के लिए दिन-रात एक कर दिया. ये मामला काफी चर्चाओं में भी बना रहा. अब जब 1 महीना हो गया है और लड़की का भारत में वीजा भी खत्म हो गया है तो आपके मन में भी सवाल आ रहा होगा कि क्या वह लड़की अपने माता-पिता को खोजने में कामयाब हुई? इस सवाल का जवाब जानने से पहले आप ये पूरा मामला जान लीजिए और समझ लीजिए.

साल 2002 लखनऊ का चारबाग स्टेशन और वहां मिली एक बच्ची

बात साल 2000 की है. लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पर एक मासूम बच्ची लावारिस हालत में मिलती है. मौके पर जीआरपी पुलिस पहुंचती है. पहले माता-पिता और बच्ची के परिवार को काफी खोजा जाता है. मगर किसी का कुछ पता नहीं चलता. बच्ची इतनी छोटी होती है कि वह अपना नाम तक नहीं बता पाती. इसके बाद जीआरपी पुलिस मासूम को अनाथालय भेज देती है.

फिर चली जाती है अमेरिका

बच्ची 2 साल तक अनाथालय में ही रहती है. 2002 में एक अमेरिकी महिला बच्ची को गोद ले लेती है और उसे लेकर अमेरिका चली जाती है. रातों-रात वह भारतीय से अमेरिकी हो जाती है. वहीं अमेरिकी महिला, अमेरिका में बच्ची का पालण पोषण करती है. मगर साल 2023 यानी कुछ महीने पहले ही उसकी मौत हो जाती है.

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मगर अपनी मौत से पहले वह महिला उस बच्ची को उसके भारतीय होने और लखनऊ अनाथालय से लाने का सच बता देती है. ये सुनते ही वह लड़की अमेरिका से अपने दोस्त के साथ भारत आ जाती है और अपने परिवार की तलाश करने लगती है. बता दें कि जब उसे लखनऊ से अमेरिकी महिला ने गोद लिया था तब उसका नाम रेखा था. मगर अब उसका नाम महोगनी हो चुका है.

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क्या मिला महोगनी को उसका परिवार?

आपको बता दें कि महोगनी अपने दोस्त के साथ अपने परिवार को पूरे 1 महीने तक खोजती रही. वह अनाथालय भी गई, जहां से उसे गोद लिया गया था. यहां तक की वह पुलिस के पास भी गई. मगर महोगनी को उसका परिवार नहीं मिला. महोगनी की लाख कोशिशों के बाद वह अपने माता-पिता से नहीं मिल पाई.

मगर महोगनी ने हिम्मत नहीं हारी है. महोगनी का कहना है कि मां, आपको खोजने मैं फिर आऊंगी. बता दें कि अब महोगनी का वीजा भी खत्म हो गया है और वह वापस अपने दोस्त के साथ अमेरिका जा रही है.

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दिल्ली की महिला ने किया था मां होने का दावा

बता दें कि तलाशी अभियान के बीच दिल्ली की एक महिला ने महोगनी की मां होने का दावा किया था. दरअसल उसकी बच्ची भी उसी साल उसी रेलवे स्टेशन से लापता हो गई थी. महिला को लगा कि शायद महोगनी उसकी ही बच्ची है. मगर जब डीएनए टेस्ट हुआ तो महिला का दावा गलत साबित हुआ और महोगनी को निराशा हाथ लगी.

पूरा मामला यहां जानें: 20 साल बाद अमेरिका से लखनऊ आई महोगनी खोज रही असली मां बाप को, हाथ में हैं सिर्फ कुछ फोटो

महोगनी के पास है सिर्फ कुछ फोटो

दरअसल महोगनी के हाथों में उसकी बचपन की कुछ फोटो हैं. महोगनी ने बताया, “मैं साल 2000 में पुलिस को लावारिस हालत में लखनऊ के चरबाग रेलवे स्टेशन पर मिली थी. काफी खोजबीन के बाद जब मेरे परिजनों का पता नहीं चला तो मुझे लखनऊ के लीलावती मुंशी बालगृह (अनाथालय) भेज दिया गया. इस अनाथालय से करीब दो साल बाद एक अमेरिकी महिला ने मुझें गोद ले लिया और अपने साथ लेकर यूएस चली गई.

महोगनी ने आगे बताया कि जिस महिला ने मुझे गोद लिया उनका नाम कैरोल ब्रांड था. कैरोल एक सिंगल मदर थी, लेकिन गोद लेने के कुछ साल बाद उसका नेचर बदल गया. महोगनी के मुताबिक, बड़े होने पर कैरोल उसे तंग करने लगी. उसके बारे में अपमानजनक बातें करने लगी. मगर कुछ समय पहले उनका निधन हो गया. महोगनी के मुताबिक, कैरोल ने मरने से पहले उसे सारी बाते बता दी और गोद लेने से जुड़े सारे कागज उसे सौंप दिए.

फिलहाल महोगनी ने अमेरिका जाने की तैयारी कर ली है. मगर हिम्मत नहीं हारी है. महोगनी का कहना है कि वह फिर भारत वापस आएगी और अपने परिवार की तलाश करेगी.

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