2007 से लखनऊ में चल रहे इस मदरसे को शासन की टीम ने बताया अवैध, यूपी Tak अंदर पहुंचा तो क्या दिखा?
लखनऊ के राजाजीपुरम के हैदरगढ़ की गलियों में एक मदरसा चल रहा है. इसका कोई रजिस्ट्रेशन नहीं है और ना ही इसके पास मान्यता है. आयोग की टीम ने भी यहां छापेमारी की थी और इसके खिलाफ एक रिपोर्ट यूपी सरकार को भी दी है.
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Lucknow News: उत्तर प्रदेश के करीब 13 हजार मदरसों पर खतरा मंडरा रहा है. दरअसल SIT ने यूपी के करीब 13 हजार मदरसों को बंद करने की सिफारिश कर दी है. इन सभी मदरसों के पास ना कोई कागजात हैं औऱ ना ही मान्यता. यहां तक की ये मदरसे इन्हें मिली फंडिंग के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं बता पाए.
बता दें कि SIT ने यूपी के 23 हजार मदरसों की जांच की थी. इनमें से कुछ ही हजार मदरसे ऐसे मिले हैं, जिनके पास थोड़े बहुत कागजात हैं. इसी बीच UP Tak की टीम राजधानी लखनऊ में चल रहे एक ऐसे मदरसे में पहुंची, जिसके खिलाफ आयोग ने यूपी सरकार को रिपोर्ट सौंपी है. रिपोर्ट में इसे अवैध मदरसा बताया गया है. इस दौरान यूपी तक ने मदरसे के अंदर जो-जो देखा, वह हैरान कर देने वाला था.
मदरसे का नहीं है कोई रजिस्ट्रेशन
बता दें कि लखनऊ के राजाजीपुरम के हैदरगढ़ की गलियों में एक मदरसा चल रहा है. इसका कोई रजिस्ट्रेशन नहीं है और ना ही इसके पास मान्यता है. आयोग की टीम ने भी यहां छापेमारी की थी और इसके खिलाफ एक रिपोर्ट यूपी सरकार को भी दी है.
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ये मदरसा सुंदरनागर में चल रहा है. UP Tak की टीम ने जब मदरसे के अंदर जाकर उसकी जांच की तो सामने आया कि मदरसे में हॉस्टल बना हुआ है. इसमें करीब 40 बच्चे रहते हैं. इसी के साथ क्षेत्र के करीब 39 बच्चे भी मदरसे में पढ़ने आते हैं.
बिहार तक के बच्चे हैं मदरसे के छात्र
आयोग की रिपोर्ट में सामने आया है कि इस मदरसे में बिहार तक के बच्चे पढ़ने आ रहे हैं. बिहार के कई छात्र इस मदरसे के छात्र हैं. आपको बता दें कि आयोग की जांच में मदरसा अपनी फंडिंग के बारे में कोई जानकारी नहीं दे पाया है.
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मदरसे में A/C लगा हुआ है और पानी के लिए आरओ बनाया हुआ है. मदरसा में छात्रों के बैठने और रहने की भी सुविधा अच्छी है. मगर इस मदरसे को इतना पैसा कहां से मिल रहा है, ये सबसे बड़ा सवाल है.
मौलाना ने क्या बताया
UP Tak ने जब इसके मौलाना से बात की तो उन्होंने बताया, ये मदरसा साल 2007 से चल रहा है. ये मदरसा सोसाइटी की निगरानी में चल रहा है. इसके लिए सरकार से किसी भी तरह का फंड नहीं लिया जाता है. ये मदरसा चंदे और लोगों के दान से चलता है. लोग इसके लिए चंदा देते हैं.
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मौलाना ने आगे बताया, हमें ज्यादा जानकारी नहीं है. सोसाइटी का रजिस्ट्रेशन है. सोसाइटी ही इसे चलाती है. हम इस मदरसे के लिए फंड लेने के लिए लोगों के घर जाते हैं और हमें लोग इसके लिए फंड भी देते हैं.
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