एक रुपये में आंख का ऑपरेशन तो हुआ लेकिन रोशनी ही चली गई, कानपुर का दर्दनाक मामला
Kanpur News: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में डॉक्टरों पर फिर एक बार इलाज के दौरान लापरवाही बरतने का आरोप लगा है. मिली जानकारी के…
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Kanpur News: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में डॉक्टरों पर फिर एक बार इलाज के दौरान लापरवाही बरतने का आरोप लगा है. मिली जानकारी के अनुसार, एक बुजुर्ग ने आरोप लगाया है कि उर्सला अस्पताल के डॉक्टरों की लापरवाही के चलते उन्हें अपनी आंखों की रोशनी गंवानी पड़ी है. बता दें कि पीड़ित से ऑपरेशन की फीस मात्र एक रुपये ली गई थी, जबकि 5000 रुपये लेंस का खर्चा लिया गया था. वहीं, पीड़ित की ओर से शिकायत मिलने के बाद सीएमओ ने मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं.
विस्तार से जानिए पूरा मामला
आपको बता दें कि सनिग्वा निवासी राजेंद्र प्रसाद पेशे से फर्नीचर कारीगर हैं. 14 फरवरी को आंखों में दिक्कत होने के बाद वह उर्सला अस्पताल पहुंचे, जहां पर डॉक्टरों ने जांच की और आंखों में मोतियाबिंद के बारे में जानकारी दी. इसके बाद 28 फरवरी को डॉक्टर ने 1 रुपये ऑपरेशन की फीस और 5000 रुपये लेंस का खर्चा बताया. फिर 2 मार्च को उनका डॉ. अजय कुमार और डॉ. केएम कटियार द्वारा मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया गया. 4 मार्च को पीड़ित के आंख की पट्टी खुली और तकरीबन 1 हफ्ते तक उनको एक दम ठीक दिखाई दिया, लेकिन उसके बाद अचानक से आंखों में धुंधलापन छा गया, जिसके बाद वह फिर से डॉक्टर के पास अस्पताल पहुंचे.
आई ड्रॉप डालने के बाद भी ठीक नहीं हुई आंखों की रोशनी
जब राजेंद्र प्रसाद अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टर ने उन्हें आई ड्रॉप डालने को दी. इसके बाद राजेंद्र प्रसाद ने कई बार ड्रॉप डाली डालने मगर उनकी रोशनी ठीक नहीं हुई और 17 मार्च को रोशनी आंखों की रोशनी पूरी तरह चली गई. आरोप है कि इसके बाद पीड़ित ने अस्पताल के तीन-चार चक्कर काटे, लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला. आखिरकार किसी और जगह जांच कराने के बाद पीड़ित को पता चला कि उनकी आंख का पर्दा कट के लटक गया है, जिसके कारण उनकी आंखों की रोशनी चली गई है. परेशान होकर अपनी शिकायत लेकर पीड़ित राजेंद्र प्रसाद सीएमओ ऑफिस पहुंचे और उन्हें पूरा मामला बताया. वहीं, शिकायत पत्र प्राप्त होने के बाद उस आधार पर उर्सला सीएमएस को जांच सौंप दी गई है.
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गौरतलब है कि इससे पहले पिछले साल नवंबर के महीने में कानपुर में बर्रा के आराध्या आई सेंटर में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद छह लोगों की आंखों की रोशनी चली गई थी. बता दें कि ऑपरेशन कराने वाले चार रोगियों की आंखों में बुरी तरह सड़न पैदा हो गई थी और संक्रमण की वजह से उनकी कॉर्निया गल कर सफेद हो गई थी. इसके बाद हॉस्पिटल को सील कर दिया गया था.
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