इंडिगो एयरलाइंस में करनी है जॉब तो मिलो…अभिषेक सिंह-राजनाथ ने कई राज्यों के युवाओं से खिलवाड़ किया
UP News: कानपुर पुलिस ने एक लड़की की शिकायत पर जांच की तो इस पूरे गैंग का खुलासा हुआ. इसके बाद अभिषेक सिंह और राजनाथ सिंह गिरफ्त में आए. 6 राज्यों में ये दोनों फर्जीवाड़ा कर रहे थे.
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UP News: कानपुर पुलिस ने ठगी का बड़ा खुलासा किया है और अभिषेक सिंह और राजनाथ सिंह नामक दो लोगों को गिरफ्तार किया है. अभिषेक सिंह और राजनाथ सिंह ने कई राज्यों के युवाओं की जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया है. नौकरी दिलाने के नाम पर ये दोनों युवाओं की जिंदगी के साथ ऐसा खेल खेलते थे, जिसे जान पुलिस भी सकते में हैं.
दरअसल इन दोनों ने इंडिगो एयरलाइंस समेत बड़ी कंपनियों मे निकलने वाले नौकरी के ऑफर को ही अपनी ठगी का जरिया बना लिया था. बकायदा इन दोनों ने नेटवर्क बनाया और ठगी का बड़ा कारोबार खड़ा किया. मगर एक लड़की की वजह से ये दोनों पकड़े गए और पूरा मामला सामने आ गया.
जानिए ये पूरा मामला
बता दें कि यह लोग सोशल मीडिया पर नौकरी का विज्ञापन निकलने वाली साइट से आंकड़े निकाल और उसके बाद एक फर्जी साइट बनाकर लोगों को नौकरी का फर्जी ऑफर देते थे. ये दोनों युवाओं से उनके दस्तावेज भी मंगा लेते थे और पैसा लेकर उनको फर्जी ऑफर लेटर भी दे देते थे.
कानपुर पुलिस ने एक लड़की की शिकायत पर जांच की तो इस पूरे गैंग का खुलासा हुआ. दरअसल कानपुर की रहने वाली एक लड़की ने क्राइम ब्रांच से शिकायत की थी उसने डिप्लोमा करने के बाद नौकरी के लिए एक वेबसाइट पर अप्लाई किया था.
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इसके बाद उसे एक नंबर से कॉल आया और कहा गया कि उसकी नौकरी इंडिगो एयरलाइंस में लग जाएगी. उससे उसके दस्तावेज भी मंगवाए गए और इंडिगो एयरलाइंस का जॉइनिंग लेटर भी दे दिया गया. इसकी एवज में उससे रुपये भी ले लिए गए. मगर जब उसने ऑफर लेटर जांचा तो ये फर्जी निकला. लड़की ने इसकी शिकायत क्राइम ब्रांच से की. क्राइम ब्रांच ने जब इस साइट की जांच की तो पता चला कि इस साइट का नेटवर्क आंध्र प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश जैसे छह राज्यों में फैला हुआ है. यह इस तरह से सैकड़ो लोगों को फर्जी नौकरी कहां पर लेटर जारी कर चुका है.
काफी पढ़े लिखे हैं दोनों आरोपी
पुलिस के मुताबिक, दोनों आरोपी जालौन के रहने वाले हैं. अभिषेक सॉफ्टवेयर इंजीनियर है. इसके पहले वह महाराष्ट्र में भी जेल जा चुका है. राजनाथ सिंह ग्रेजुएशन करने के बाद एलएलबी कर रहा था. पुलिस के अनुसार उत्तर प्रदेश के लखनऊ, गाजियाबाद, मेरठ, गौतमबुद्ध नगर के साथ साथ दिल्ली, राजस्थान, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश में भी इन्होंने अपना जाल बिछा रखा था. इनके द्वारा 2020 से अब तक सैकड़ों की संख्या में घटनाओं को अंजाम दिया जा चुका है.