झांसी में सालों बाद लौट-लौट कर आ रहीं पति से दूर भागी पत्नियां, ये 7 केस आपको चौंका देंगे
योगी सरकार की बीड़ा (BIDA) योजना ने बुंदेलखंड में रिश्तों की दुनिया में भूचाल ला दिया है. 22 साल बाद लौटी पत्नी, बॉयफ्रेंड संग भागी पत्नी और करोड़ों के लिए टूटा परिवार. जानें मुआवजे की मोटी रकम ने कैसे सामाजिक ढांचे को बदल दिया.
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योगी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण यानी 'बीड़ा' किसानों को मुआवजा देने के साथ-साथ रिश्तों की दुनिया में भी अप्रत्याशित हलचल पैदा कर दी है. मुआवजे में मिली मोटी रकम से वर्षों से टूटे रिश्ते फिर जुड़ने लगे हैं. कई महिलाएं जो लंबे समय से पति से अलग रह रही थीं, अब बीड़ा की रकम आते ही अपना घर, अपना परिवार याद करने लगी हैं.
बीड़ा योजना अब सिर्फ औद्योगिक विकास नहीं बल्कि बुंदेलखंड के सामाजिक ढांचे में आने वाले बड़े बदलाव की शुरुआत बनकर उभर रही है.
आइए आपको एक-एक कर सभी मामले बताते हैं
पहला मामला: मुआवजे की रकम की खबर सुन 22 साल बाद लौटी पत्नी
पहला मामला लगभग डेढ़ साल पहले (जुलाई 2024 में) झांसी के रक्सा थाना क्षेत्र के ग्राम सारमऊ से सामने आया था. यहां के निवासी करीब 60 वर्षीय अनिल मिश्रा बीड़ा योजना की मुआवजा राशि के बाद अचानक सुर्खियों में आ गए थे. अनिल के मुताबिक 22 साल पहले उनकी पत्नी का किसी दूसरे व्यक्ति से प्रेम संबंध हो गया था. घरेलू कलह और आर्थिक तंगी बढ़ी. विवाद इतने बढ़े कि पत्नी ने उनके खिलाफ फर्जी मुकदमा दर्ज करा दिया और वह जेल भी भेजे गए. जेल से लौटने पर उनकी पत्नी दोनों बच्चों को लेकर प्रेमी संग चली गई और अनिल अकेले रह गए. जीवन से निराश होकर अनिल प्रीतमपुर स्थित काली मां मंदिर में पुजारी बनकर रहने लगे.
इसी बीच उनकी जमीन बीड़ा प्राधिकरण में चली गई, जिसके बदले उन्हें 28 लाख रुपये मुआवजा मिला. यह जानकारी मिलते ही उनकी पत्नी और बच्चे अचानक मंदिर पहुंच गए और उन्हें साथ चलने का दबाव बनाने लगे. अनिल ने पुराने अनुभव याद कर उनके साथ जाने से इनकार कर दिया. इससे नाराज परिवारजन उनके पास रखे डेढ़ लाख रुपये लेकर भाग गए. अनिल ने इसकी शिकायत रक्सा थाने में भी की थी.
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दूसरा मामला: करोड़ों रुपये के मुआवजे ने परिवार दो हिस्सों में बांट दिया
दूसरा मामला लगभग 7 महीने पुराना है. झांसी के रक्सा थाना क्षेत्र के इमलिया गांव में बीड़ा मुआवजे की बड़ी रकम ने एक बुजुर्ग दंपती का परिवार दो हिस्सों में बांट दिया था. जहां 95 वर्षीय किसान लक्ष्मी नारायण की 23 एकड़ जमीन बीड़ा में अधिग्रहीत हुई, जिसके बदले 2 करोड़ 85 लाख रुपये मुआवजा तय हुआ. लेकिन जब पहली किस्त के रूप में 1 करोड़ 55 लाख रुपये उनके खाते में पहुंची, तभी मुआवजे की रकम में हिस्सेदारी को लेकर चारों बेटों के बीच विवाद शुरू हो गया. दो बड़े बेटे रामबाबू और देवेंद्र बुजुर्ग पिता को अपने साथ ले गए, जबकि वृद्ध मां को छोटे बेटे वीरेंद्र के पास भेज दिया गया. इसके बाद बुजुर्ग मां ने इस बंटवारे से परेशान होकर रक्सा थाने में अपने बेटों के खिलाफ शिकायत भी की.
तीसरा मामला: मुआवजे में हिस्सेदारी न मिलने पर पत्नी ने किया पति के साथ रहने से मना
तीसरा मामला जून 2025 का है. तब झांसी के रक्सा थाना क्षेत्र के पुनावली दौलतराम की पत्नी ने बीड़ा के मुआवजे में हिस्सेदारी न मिलने पर पति के साथ रहने से इनकार कर दिया था. दौलतराम ने थाने में एक शिकायत दर्ज कराते हुए बताया था कि पिता की जमीन बीड़ा में जाने पर परिवार को 35 लाख रुपये मुआवजा मिला था. इसके बाद पत्नी और उसके मायके वालों ने पैसों में हिस्सा मांगना शुरू कर दिया. पत्नी के पिता की ओर से पांच लाख रुपये व एक मकान की मांग की जा रही थी. दौलतराम का आरोप था कि डेढ़ साल से पत्नी मायके में है और वह कई बार बुला चुका, लेकिन वह लौटने को तैयार नहीं. इस कारण वह अपनी बेटी से भी नहीं मिल पा रहा था. पिछली बार ससुराल जाने पर उसके साथ मारपीट भी की गई. अब पत्नी मुआवजे में से मोटी रकम मांग रही है, नहीं तो साथ रहने से मना कर रही है.
चौथा मामला: मुआवजे की रकम पर बहू-ससुर आमने सामने आ गए थे
चौथा मामला अगस्त 2025 का था. तब छतरपुर गांव में बीड़ा के मुआवजे में मिली रकम को लेकर ससुर और बहु थाने में आमने-सामने आ गए थे. अभिलाषा यादव ने थाने में शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया कि उनके ससुर प्रेम सिंह ने बीड़ा को जमीन बेचकर 18 लाख रुपये प्राप्त किए, जिनमें से 9 लाख रुपये का प्लॉट उनके पति और देवर के नाम करा दिया गया, लेकिन बाकी पैसा देने से इनकार कर रहे हैं और मांगने पर धमकाते हैं. वहीं ससुर प्रेम सिंह यादव का कहना था कि जमीन का पूरा मुआवजा उन्हें मिला और वह पहले ही 9 लाख रुपये बहू के परिवार को दे चुके हैं. उनका आरोप है कि शेष पैसों को लेकर बहू और बेटा उनके साथ मारपीट कर रहे हैं.
पांचवा मामला: 35 लाख के मुआवजे की खबर सुन वापस आ गई रेखा
एक महिला अपने छोटे-छोटे दो बच्चे छोड़कर प्रेमी के साथ कई सालों से रह रही थी. लेकिन जब मुआवजे की रकम की बात सामने आई तो उसे उसके बच्चे याद आ गए. पति की मौत और 35 लाख रुपये मुआवजा मिलने की जानकारी के बाद पांच साल पहले बच्चों को छोड़कर चली गई रेखा अचानक वापस लौटी. इसके बाद बच्चों ने अपनी मां पर मारपीट और संपत्ति कब्जाने के आरोप लगाते हुए थाने में शिकायत दर्ज कराई. रेखा का पति मृतक ज्वाला प्रसाद अहिरवार की जमीन बीड़ा में जाने से हर भाई को 35 लाख रुपये मिले थे. ज्वाला प्रसाद ने इस रकम से नक्शा टोल के पास 50x50 का एक प्लॉट भी खरीदा था. पत्नी रेखा की वापसी के बाद परिवार में तनाव बढ़ गया. बच्चों ने आरोप लगाया कि उनकी मां उन्हें प्रताड़ित करती है और पिता द्वारा खरीदी गई संपत्ति पर अपना अधिकार जताने लगी है. मामले की गहन जांच जारी है. उन्होंने कहा कि परिवारिक विवाद के मामले में आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है.
छठा मामला: मुआवजे की रकम लेकर बॉयफ्रेंड संग भागी पत्नी
यह मामला लगभग 15 दिन पुराना है. मायके में रह रही पत्नी को जब बीड़ा के मुआवजे की रकम की जानकारी हुई तो वह अचानक ससुराल पहुंची और दो-तीन दिन बाद अपने बॉयफ्रेंड के साथ पैसे और जेवर लेकर भाग गई. रक्सा थाना क्षेत्र के ग्राम अमरपुर निवासी पुष्पेंद्र सिंह ने अपनी पत्नी सोनम उर्फ सोनिया यादव पर नकदी और जेवर चोरी का आरोप लगाया।. पुष्पेंद्र ने बताया कि शादी दिसंबर 2023 में हुई थी, लेकिन पत्नी अक्सर ससुराल में नहीं रहती थी और कई बार मायके चली जाती थी. चार महीने पहले मायके गई सोनम हाल ही में वापस आई, लेकिन 13–14 नवंबर की रात अचानक घर से गायब हो गई. गायब होने पर घर की तलाशी में बीड़ा के मुआवजे में मिले लगभग 3.50 लाख रुपये नकद और लाखों के सोने-चांदी के जेवर भी गायब पाए गए. पड़ोस की सीसीटीवी में देर रात एक स्कॉर्पियो कार जाते हुए देखी गई, जिसे पुष्पेंद्र ने अपनी पत्नी के बॉयफ्रेंड अभिषेक की कार बताया. पुष्पेंद्र ने रक्सा थाने में मामले की शिकायत दर्ज कराई.
सातवां मामला: बहन के देवर संग भागी थी पुष्पा अब आ गई पैसे मांगने
सातवां मामला झांसी के रक्सा थाना क्षेत्र स्थित ग्राम इमलिया से सामने आया. लगभग 5 साल से पति को छोड़कर अपनी बहन के देवर के साथ रह रही पत्नी को जब बीड़ा में मिले मुआवजे की जानकारी मिली तो वह अचानक घर वापस आ गई. पति से मुआवजे में मिले 40 से 50 लाख रुपए में अपने हिस्से की बात करने लगी. हाल ही में बीड़ा से 46 लाख रुपये का मुआवजा आया, जिसमें 20 लाख रुपये सुरेंद्र के खाते में गए. मुआवजे के बाद पत्नी अचानक घर लौट आई और अपने हिस्से व बेटे के हिस्से का 8 लाख रुपये मांगने लगी. विवाद बढ़ने पर दोनों पक्ष रक्सा थाने पहुंचे। थाने में दो दिन तक पंचायत कराई गई, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला. पत्नी पैसा न मिलने पर एफआईआर दर्ज कराने की चेतावनी दे रही है, जबकि सुरेंद्र और उनके परिवार ने कोई हिस्सा देने से इनकार किया है.
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