मौत से पहले आखिरी कॉल और बच्चों से ये बोले अंगद, कुवैत हादसे ने गुप्ता परिवार को गहरे जख्म दिए

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UP News: कुवैत के मंगाफ में लगी भयानक आग में 45 भारतीयों की मौत हुई है. अब सभी मृतक भारतीयों के शव वायु सेना के विमान से भारत जाए ला रहे हैं. बता दें कि भारत के 45 मृतकों में से 3 मृतक उत्तर प्रदेश से थे. ऐसे में यूपी सरकार भी लगातार विदेश मंत्रालय से संपर्क में बनी हुई है. बता दें कि इस इमारत में सुबह चार बजे आसपास भीषण आग लग गई थी. जिस समय ये घटना घटी, सभी इमारत के अंदर सो रहे थे.

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के रहने वाले जिन 3 लोगों की मौत कुवैत में हुए इस हादसे में हुई है, उनमें से दो युवक गोरखपुर के रहने वाले हैं. तीसरा शख्स गोरखनाथ थाना क्षेत्र के जैतपुर उत्तरी के रहने वाले हैं. यहां रहने वाले अंगद गुप्ता की भी इस हादसे में मौत हो गई है. जब से परिजनों को अंगद गुप्ता की मौत के बारे में जानकारी मिली है, पूरे परिवार में कोहराम मचा हुआ है. परिजनों का रो- रो कर बुरा हाल है.  

मौत से पहले ये हुई थी आखिरी बात

बताया जा रहा है कि गोरखनाथ थाना क्षेत्र के जटेपुर उत्तरी के रहने वाले अंगद गुप्ता लगभग 9 वर्ष पूर्व कुवैत गए थे. वहां पर एक प्राइवेट कंपनी में कैशियर का काम करते थे. गुरुवार को मंगाफ शहर के एक बहुमंजिला मॉल में हुए इस अग्निकांड में उनकी मौत हो गई. 
तब तक परिजनों को इस बात की खबर तक नहीं थी कि कुवैत में हुए इस हादसे में उनके बेटे अंगद की भी मौत हो गई है. पिछले गुरुवार को जैसे ही एंबेसी से फोन आया और उन्हें अंगद की मौत की सूचना दी गई, परिवार में कोहराम मच गया. 

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बता दें की अंगद गुप्ता ने मौत से कुछ घंटे पहले अपने परिवार से आखिरी बार फोन पर बात की थी. इस दौरान अंगद ने परिजनों का हाल-चाल जाना और अपने बच्चों से कहा कि वब पढ़ाई-लिखाई में बहुत मन लगाए. बताया जा रहा है कि बच्चों से फोन पर हुई आखिरी बात में अंगद ने अपने बच्चों को बहुत प्यार किया और परिवार के हर सदस्य से बात की. इसके कुछ ही घंटे बाद अंगद गुप्ता भी इस हादसे की चपेट में आ गए और उनकी दर्दनाक मौत हो गई. 

अंगद गुप्ता अपने पीछे पत्नी रीता देवी, बड़ी बेटी अंशिका गुप्ता, मझला बेटा आशुतोष व छोटा बेटा सुमित गुप्ता को छोड़कर गए हैं. बता दें कि मुख्यमंत्री योगी सरकार भी पीड़ित परिवारों की सहायता के लिए आगे आए हैं.

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पूरा परिवार आर्थिक तौर से अंगद पर निर्भर था

मिली जानकारी के मुताबिक, अंगद ही अपने परिवार के इकलौते कमाऊ सदस्य थे. पूरे परिवार की जिम्मेदारी उनके ऊपर थी. इस घटना से पूरा परिवार टूट गया है और उसके सामने भविष्य का सवाल भी खड़ा हो गया है. अंगद का पूरा परिवार आर्थिक तौर से अंगद के ऊपर ही निर्भर था.

परिजनों ने की मांग 

बता दें की मृतक अंगद गुप्ता के परिजनों ने अब राज्य सरकार और केंद्र सरकार से मदद की गुहार लगाई है. अंगद के परिवार वालों ने सरकार से मांग की है कि वह अंगद की बड़ी बेटी को नौकरी दें और परिवार को आर्थिक सहायता दें.

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( ये खबर हमारे यहां इंटर्न कर रही श्रद्धा तुलस्यान ने एडिट की है)
 

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