उत्तर प्रदेश के गोरखपुर स्थित एक होटल में पुलिस की दबिश के बाद कानपुर के एक शख्स की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत होने से हड़कंप मच गया है. इस शख्स के साथ रुके दोस्तों ने पुलिस पर पिटाई का आरोप लगाया है.
इस मामले में पहले पुलिसकर्मियों का बचाव करते हुए गोरखपुर के एसएसपी ने दबिश के दौरान शख्स के हड़बड़ाहट में गिरने से सिर में चोट लगने की बात कही. मगर यह बयान जारी करने के थोड़ी देर बाद ही उन्होंने थाने के प्रभारी निरीक्षक जगत नारायण सिंह समेत छह पुलिसकर्मियों को निलंबित कर जांच एसपी नॉर्थ मनोज अवस्थी को सौंप दी.
क्या है पूरा मामला?
बताया जा रहा है कि गोरखपुर पुलिस सोमवार-मंगलवार की दरम्यानी रात होटल और सरायों में रुकने वाले लोगों की जांच के लिए निकली थी, इसी क्रम में ‘संदिग्धों के ठहरने की सूचना पर’ रामगढ़ताल थाना क्षेत्र के देवरिया बाईपास रोड पर स्थित एक होटल के कमरे को खुलवाया गया. यहीं रुके कानपुर के रहने वाले मनीष कुमार गुप्ता की इस मामले में मौत हुई है. उनके साथ रुके हरियाणा के गुरुग्राम के रहने वाले अरविंद सिंह ने बताया कि वे होटल कृष्णा पैलेस के अपने रूम नंबर 512 में सो रहे थे.
अरविंद ने बताया कि रात को 12.30 के बीच डोर बेल बजी, मनीष गुप्ता और प्रदीप सोए हुए थे. उन्होंने बताया, ”कमरे में होटल का एक कर्मचारी और पांच से सात पुलिसवाले अंदर आए. वे पहचान पत्र दिखाने को कहने लगे.”
अरविंद के मुताबिक, उन्होंने अपना पहचान पत्र दिखा दिया, इसके बाद प्रदीप की आईडी भी दिखा दी गई, फिर मनीष गुप्ता से भी आईडी दिखाने को बोला गया, ”उन्होंने इतनी रात को जांच करने पर सवाल उठाए. इसके बाद पुलिसवालों ने सामान चेक करने के लिए कहा. उन लोगों ने सामान चेक करा दिया.”
अरविंद का आरोप है कि पुलिसवालों ने शराब पी हुई थी और उन्होंने जब कहा कि वे लोग आतंकवादी थोड़े ही हैं, जो उनके साथ इस तरह का व्यवहार किया जा रहा है, इस पर पुलिसवाले भड़क गए और जेल भेजने की धमकी देने लगे.
अरविंद का कहना है कि इसके बाद पुलिसवाले थप्पड़ मारने लगे, प्रभारी निरीक्षक जगत नारायण सिंह और सब्जी मंडी चौकी इंचार्ज अक्षय कुमार मिश्रा लगातार थप्पड़ मारते हुए नीचे लेकर चले आए.
अरविंद ने बताया, इसी बीच उन्होंने देखा कि पुलिसवाले मनीष गुप्ता को घसीटते हुए लिफ्ट से नीचे लेकर आ रहे हैं और उनके सिर से खून बह रहा था, उन्होंने अपनी पीसीआर वैन में मनीष गुप्ता को डाला और उन्हें पीछे बिठाया.
अरविंद ने बताया कि वे लोग गोरखपुर पहली बार आए हैं, वे अपने दोस्त चंदन सैनी से मिलने के लिए आए थे, इसी बीच पुलिसवालों से उन्होंने कहा कि वे उनके दोस्त चंदन सैनी से बात कर लें, उन्होंने चंदन सैनी को कॉल करके पूछा तो उन्होंने बताया कि उनके दोस्त रुके हुए हैं, इसके बाद पुलिसवाले मनीष को अस्पताल में इलाज के लिए ले गए.
इस मामले पर गोरखपुर के बढ़यापार के रहने वाले राणा प्रताप चंद ने बताया कि उनके तीन दोस्त हरियाणा के गुड़गांव, दिल्ली और कानपुर से आए थे. उन्होंने बताया कि दोस्तों की कॉल आई कि पुलिस ने रेड की है, पुलिस ने रूम खुलवाया, तीन गेस्ट एक कमरे में रुके थे, दो गेस्ट की पिटाई किया. उन्होंने बताया कि एक गेस्ट नीचे सोए थे, पुलिस ने उन्हें उठाया और पिटाई करने लगे, इसी दौरान वह पुलिसवालों के धक्का देने से जमीन पर गिर गए और सिर में चोट लगने के बाद ब्रेन हेमरेज होने से उनकी मौत हो गई.
वहीं, मामले पर गोरखपुर के एसएसपी विपिन ताडा ने बताया कि अपराधियों की चेकिंग के दौरान रामगढ़ताल पुलिस एक होटल में गई, वहां पर तीन संदिग्ध युवक अलग-अलग शहरों से आए थे, पुलिस होटल मैनेजर को साथ में लेकर युवकों से पूछताछ करने के लिए गई थी, इसी दौरान हड़बड़ाहट में कमरे में गिरने से एक शख्स को चोट लग गई.
उन्होंने बताया कि बीआरडी में इलाज के दौरान शख्स की मौत हो गई. एसएसपी ने बताया कि ये लोग गोरखपुर क्यों आए थे और कितने दिन यहां पर किसके साथ रहे थे, इसकी भी जांच की जा रही है. हालांकि पुलिस ने इस मामले में कुल छह पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है.
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