पूर्वोत्तर रेलवे की ट्रेन दौड़ेगी 110 प्रति घंटे की रफ्तार से, डीजल पर निर्भरता होगी खत्म

ADVERTISEMENT

UPTAK
social share
google news

पूर्वोत्तर रेलवे की ट्रेन अब 110 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ेगी रेल की पटरियों पर. इसके लिए पूर्वोत्तर रेलवे इलेक्ट्रिक सुविधा को बेहतर बनाने का प्रयास कर रहा है. इलेक्ट्रिक सुविधा सही होने से पूर्वोत्तर रेलवे की,जो डीजल और फॉरेन करेंसी पर निर्भरता थी, वह खत्म हो जाएगी.

हरपुर उत्तर रेलवे लगभग 30 वर्ष में 1000 रेल खंडों में इसकी स्पीड बढ़ाकर 110 कर दी है. लूप लाइन गोरखपुर से गोंडा के बीच में भी ए प्रोसेस बहुत तेजी से चल रहा है. बहुत जल्द गोरखपुर से गोंडा तक भी ट्रेनों की स्पीड 110 किलोमीटर की रफ्तार से रेल के पटेरियों पर दौड़ेगी.

पूर्वोत्तर रेलवे गोरखपुर के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह बताया कि इलेक्ट्रिसिटी व्यवस्था बेहतर होने से 8000 किलोमीटर तक डीजल की बचत होगी और जो डीजल और फॉरेन करेंसी पर रेलवे की निर्भरता थी वह दूर हो जाएगी.

यह भी पढ़ें...

ADVERTISEMENT

उन्होंने बताया कि बहुत से जगहों पर जो मंडल से जुड़े हुए हैं. उन रेल लाइनों पर इलेक्ट्रिसिटी का काम पूरा हो चुका है. पहले जो ट्रेन हैं, 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से कम चल रही थीं, उनकी स्पीड बढ़ाकर 110 कर दी गई हैं और बहुत जल्द जो गोरखपुर से गोंडा तक लूप लाइन है ,यहां भी ट्रेनों की स्पीड अब 110 हो जाएगा.

मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि पहले जिन ट्रेनों की स्पीड 110 किलोमीटर की रफ्तार से कम है, उन ट्रेनों की स्पीड बढ़ा कर 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तक करने के लिए प्रयास लगातार रेलवे कर रही है. इसी क्रम में कई सेक्शन ऐसे हैं,  जहां पर 80, 90 या उससे कम स्पीड में ट्रेनें चलती थीं. उन खंडों की स्पीड बढ़ाई गई है.

ADVERTISEMENT

उन्होंने बताया कि अगर पूर्वोत्तर रेलवे की बात करें तो इस वित्तीय वर्ष में 1000 रेल खंडों में इसकी स्पीड बढ़ाकर 110 की गई और इसी क्रम में गोंडा से लेकर आनंद नगर के बीच में जो लूप लाइन है, गोरखपुर से लेकर गोंडा के बीच में पड़ने वाले उसके भी स्पीड बढ़ाने का प्रोसेस चल रहा है .

पंकज कुमार सिंह ने बताया कि आने वाले समय में सभी ट्रेन 110 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चल सके. उसके लिए जो भी हमारे पैरामीटर के कार्य चल रहे हैं. उसको चेक किया जा रहा है. इसके अतिरिक्त पचपेड़वा से लेकर शुभागपुर रेलखंड का इलेक्ट्रिसिटी कार्य पूरा हो गया है. यह प्रक्रिया पूरी होने से गोरखपुर के आसपास जो रेलवे का नेटवर्क पूरी तरीके से इलेक्ट्रीफाइड हो गया है. जिसके लिए पहले जो ट्रेन चलती थी लूप लाइन होकर गोंडा जाती थी .

ADVERTISEMENT

उन्होंने आगे बताया कि उन ट्रेनों को गोंडा तक डीजल इंजन से ले जाया जाता था. फिर गोंडा में कट कर उसको इलेक्ट्रिक इंजन लगाया जाता था. उधर से आने वाली ट्रेनों के लिए भी ए प्रोसेस होता था .जिसकी वजह से टाइम वहां पर ज्यादा लगता था. यह टाइम बढ़ेगा तो यात्रियों को बेहतर सुविधा मिलेगी .

पंकज कुमार सिंह ने बताया कि हमारे 11 पेयर ट्रेन ऐसे हैं, जो पैसेंजर और एक्सप्रेस मिलाकर चलते हैं. लूप लाइन होकर जाती है, इसके अलावा गुड्स ट्रेन इलेक्ट्रिक इंजन से चल पाएंगे. वित्तीय वर्ष 1 साल की बात करें करें तो 8000 किलोमीटर डीजल की बचत होगी, इससे जो हमारे डीजल पर निर्भरता हुआ वह कम होगी. जो फॉरेन करेंसी पर निर्भरता है वह भी कम होगी और जो इलेक्ट्रिफिकेशन है इलेक्ट्रिक इंजन से चलता है. वो मोर इन्वारमेंट फ्रेंडली है,यानी जो डीजल से कार्बन डाइऑक्साइड नाइस होता था वह नहीं होगा. उसकी वजह से पर्यावरण भी संरक्षित रहेगा. आसपास के लोग हैं जहां पोलूशन होता था वह नहीं होगा.

    follow whatsapp

    ADVERTISEMENT