नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट: आज PM रखेंगे आधारशिला, कनेक्टिविटी रहेगी जबरदस्त, जानें डिटेल्स

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी 25 नवंबर को ग्रेटर नोएडा के जेवर में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की आधारशिला रखेंगे. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश पांच अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट वाला एकमात्र राज्य बनने की दिशा में अग्रसर हो जाएगा. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक बयान में बताया गया है कि यह देश का पहला नेट जीरो एमिसन्स एयरपोर्ट होगा.

प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को ट्वीट कर कहा,

“कल, 25 नवंबर भारत और उत्तर प्रदेश के बुनियादी ढांचे के निर्माण में एक प्रमुख दिन है. दोपहर 1 बजे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का शिलान्यास किया जाएगा. इस परियोजना से वाणिज्य, कनेक्टिविटी और पर्यटन को काफी बढ़ावा मिलेगा.”

नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री.

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क्या रहेगा पीएम मोदी का आज का कार्यक्रम?

गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन के अनुसार, पीएम नरेंद्र मोदी गुरुवार सुबह 11:20 बजे दिल्ली से हेलीकॉप्टर के जरिए जेवर के लिए रवाना होंगे. उनका हेलीकॉप्टर 11:50 पर जेवर हेलीपैड पर लैंड करेगा. इसके बाद पीएम मोदी 12 बजे कार्यक्रम स्थल पर पहुंचेंगे.

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प्रधानमंत्री एयरपोर्ट के शिलान्यास के बाद प्रदर्शनी देखेंगे. इसमें एयरपोर्ट की विकास यात्रा के बारे में फिल्म दिखाई जाएगी. इसके बाद प्रधानमंत्री मंच पर आएंगे और लगभग आधे घंटे तक जनसभा को संबोधित करेंगे. वे एक घंटे तक कार्यक्रम स्थल पर रहेंगे. कार्यक्रम की सुरक्षा में करीब 5000 पुलिसकर्मियों को लगाया गया है.

जानिए नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की अहम जानकारियां

रणनीतिक नजरिए से नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का अलग महत्व होगा और इससे दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद के अलावा अलीगढ़, आगरा, फरीदाबाद और पड़ोसी क्षेत्र के लोगों की जरूरतें पूरी होंगी.

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के मुताबिक, पहली बार भारत में किसी ऐसे एयरपोर्ट की परिकल्पना की गई है, जहां एकीकृत मल्टी मॉडल कार्गो केंद्र हो और जहां सारा ध्यान लॉजिस्टिक संबंधी खर्चों और समय में कमी लाने पर हो. समर्पित कार्गो टर्मिनल की क्षमता 20 लाख मीट्रिक टन होगी, जिसे बढ़ाकर 80 लाख मीट्रिक टन कर दिया जाएगा.

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नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट में मेट्रो और हाई स्पीड रेलवे के स्टेशन होंगे. आसपास के सभी प्रमुख मार्ग और राजमार्ग, जैसे यमुना एक्सप्रेसवे, वेस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे, ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे, दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेसवे एयरपोर्ट से जोड़े जाएंगे. एयरपोर्ट को प्रस्तावित दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड रेल से भी जोड़ने की योजना है, जिसके चलते दिल्ली और एयरपोर्ट के बीच का सफर मात्र 21 मिनट का हो जाएगा. इस तरह एयरपोर्ट सड़क, रेल और मेट्रो से सीधे जुड़ने में सक्षम हो जाएगा.

नोएडा एयरपोर्ट की डिजाइन बनाने में इस बात का ध्यान रखा गया है कि परिचालन खर्च कम हो और तेजी से यात्रियों का आवागमन हो सके. एयरपोर्ट में टर्मिनल के नजदीक ही हवाई जहाजों को खड़ा करने की सुविधा होगी, ताकि उसी स्थान से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों के परिचालन में वायुसेवाओं को आसानी हो.

बता दें कि इस परियोजना का पहला चरण साल 2024 तक 10,050 करोड़ रुपये से ज्यादा की अनुमानित लागत से पूरा किया जाना है. पीएमओ ने बताया है कि पहले चरण के लिए भूमि अधिग्रहण से संबंधित और प्रभावित परिवारों के पुनर्वास का काम पूरा कर लिया गया है.

आपको बता दें कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश में 8 परिचालन एयरपोर्ट हैं, जबकि 13 हवाई अड्डे और 7 हवाई पट्टी विकसित की जा रही हैं.

उत्तर प्रदेश सरकार के बयान के मुताबिक, योगी आदित्यनाथ सरकार ने नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के चल रहे निर्माण के कारण विस्थापित लोगों के पुनर्वास के लिए 3301.16 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. बयान में बताया गया है कि एयरपोर्ट के निर्माण के चलते 7224 प्रभावित परिवारों को पहले ही 403.24 करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं.

वहीं, जेवर बांगर क्षेत्र में 3003 विस्थापित परिवारों को 25,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से भूमि आवंटित की गई है.

(भूपेंद्र चौधरी के इनपुट्स के साथ)

तस्वीरें: कैसा दिखेगा नोएडा में बनने वाला एशिया का सबसे बड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट?

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