अयोध्या में जो मस्जिद बननी थी उसके साथ हो गया बड़ा खेल, पूरी इनसाइड स्टोरी जानिए कहां फंसा मामला
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या के धन्नीपुर में बन रही मस्जिद की चार कमेटियों को भंग कर दिया गया है.
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Ayodhya News : अयोध्या के धन्नीपुर में बनने वाली मस्जिद को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या के धन्नीपुर में बन रही मस्जिद की चार कमेटियों को भंग कर दिया गया है. मस्जिद का निर्माण करने वाले इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (IICF) ने सुचारू रूप से निर्माण के लिए चार कमेटियां गठित की थीं.
भंग की गई कमेटियां
ट्रस्ट के सचिव अतहर हुसैन ने यूपी तक को बताया कि ये कमेटियां क्यों भंग की गईं और इस फैसले के पीछे का क्या कारण है. अतहर हुसैन ने कहा, "IICF एक ट्रस्ट है और इसमें फंड मोबिलाइजेशन को सुचारू रूप से करने के लिए समय-समय पर कई फैसले लेने पड़ते हैं. हमारा वर्तमान फोकस फंड मोबिलाइजेशन को तेज करना और FCRA के तहत अकाउंट्स से संबंधित सभी आवश्यकताओं को पूरा करना है. इसलिए हमने सभी कमेटियों और सबकमेटियों को भंग कर दिया है."
फंड की कमी
उन्होंने यह भी बताया कि, एफसीआरए अप्रूवल के लिए फंड की तेज़ी से आवश्यकता है और इसके बिना निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हो सकता. हमें बड़े निर्माण के लिए बड़े फंड्स की जरूरत है. इसलिए, सबसे पहले एफसीआरए अप्रूवल लेना और फिर फंड मोबिलाइजेशन को तेज करना हमारा मुख्य लक्ष्य है." इस मस्जिद के साथ एक बड़ा चैरिटेबल हॉस्पिटल भी बनाया जा रहा है, और इसे सस्टेन करने हेतु बड़े फंड्स की आवश्यकता है. अतहर ने कहा, "हमारा उद्देश्य है कि यह मस्जिद और म्यूजियम हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक बने और पूरी दुनिया को एकता का संदेश दे. लेकिन इसके लिए हमें पर्याप्त फंड मोबलाइजेशन की जरूरत है."
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गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 9 नवंबर को अयोध्या में विवादित राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद स्थल पर राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया था. साथ ही केंद्र को सुन्नी वक्फ बोर्ड को वैकल्पिक पांच एकड़ जमीन आवंटित करने का निर्देश दिया था. न्यायालय के आदेश के अनुपालन में अयोध्या जिला प्रशासन ने सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को अयोध्या की सोहावल तहसील स्थित धन्नीपुर गांव में जमीन दी थी. राम मंदिर स्थल से धन्नीपुर मस्जिद स्थल लगभग 22 किमी दूर है. एक तरफ जहां अयोध्या राम मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा हो गई है और मंदिर का निर्माण तेजी से हो रहा है तो वहीं दूसरी तरफ मस्जिद का निर्माण अभी तक शुरू भी नहीं हुआ है.
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