UP Tak Exclusive: क्या रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में नहीं जा रहे चारों शंकराचार्य?
एक तरफ प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने के लिए साधु-संत समेत अन्य गणमान्य लोगों को निमंत्रण भेजा जा रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ चर्चा है कि चारों शंकराचार्यों प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में नहीं शामिल होंगे.
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अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है. प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को भव्य बनाने के लिए जोरों-शोरों से तैयारियां चल रही हैं. एक तरफ प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने के लिए साधु-संतो समेत अन्य गणमान्य लोगों को निमंत्रण भेजा जा रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ चर्चा है कि चारों शंकराचार्यों प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में नहीं शामिल होंगे.
यूपीतक ने चारों शंकराचार्यों के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल न होने को लेकर पड़ताल की है.
ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य ने क्या कहा?
ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने बताया कि उन्हें प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने का कोई निमंत्रण नहीं आया है. प्राण प्रतिष्ठा समारोह में निमंत्रण नहीं मिलने की वजह पूछी गई तो उन्होंने कहा कि उन्हें इसके बारे में कुछ पता नहीं है.
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अगर निमंत्रण मिला तो क्या आप जाएंगे? इस सवाल पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि हमने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि अभी हमारी हिम्मत नहीं है भगवान श्री राम के सामने खड़े होने की, क्योंकि राम ने गाय के लिए अवतार धारण किया था. भगवान श्रीराम को लेकर आई थी गाना बजा रहे हो ना आप लोग जो राम को लाए हैं हम उनको लेंगे आप आपको पता है, क्योंकि जब पृथ्वी के ऊपर अत्याचार बना कि भगवान ने कहा कि हम अंशु के साथ धारण करेंगे और तब तुम्हारी भर का हरण करेंगे. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि जब गौहत्या बंद हो जाएगी तो हम राम जी के दर्शन करने जाएंगे.
नाराजी के सवाल पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि हम इस बात से भारतीय जनता पार्टी से प्रसन्न है कि उन्होंने देश में हिंदू वातावरण बनाया है, हिंदुओं के सोए हुए स्वाभिमान को जगाया है. हिंदू गौरव महसूस कर रहा है. इस बारे में हम उनके प्रशंसक हैं, जहां पर गलती होती है उतने बारे में हम बोलते हैं. हम पूरी तरह से किसी के लाभ हैं और ना किसी तरह से है, गलती करता है अपने बारे में हम बोलते हैं. हम पूरी तरह से किसी के और ना किसी तरह से पूरे के पक्ष में है.
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उन्होंने आगे कहा कि माता-पिता अपने बच्चों को डांटता है तो इसी तरह से हम गुरु हैं सबको कुछ कह सकते हैं, जो भी गलती करेगा उसका परिणाम आएगा. वहीं उन्होंने कहा कि सभी कह रहे हैं कि हम मोदी के एंटी होंगे. हम मोदी के एंटी नहीं हैं, प्रो एंटी हैं, क्योंकि हम यह नहीं चाहते कि मोदी कोई ऐसी गलती करें कि कोई उसके परिणाम के चलते पतन हो जाए, क्योंकि हम नहीं चाहते कि मोदी कोई ऐसी धर्मशास्त्र की गलती करें कि उसके पास प्रणाम स्वरूप उनका कोई गलती ना हो.
पुरी पीठ के शंकराचार्य ने क्या कहा?
पुरी पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने बताया है कि उन्हें प्राण प्रतिष्ठा समारोह में एक लोग के साथ आने का निमंत्रण मिला है, लेकिन वह नहीं जाएंगे. नाराजगी से जुड़े सवाल पर निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि नाराज होना क्रोध पर क्रोध करना होता है. शास्त्रीय से कोई भी काम नहीं हो रहा, इसीलिए मैं प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भाग नहीं लूंगा.
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जब शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती से पूछा गया कि क्या आपसे कोई सुझाव लिया गया तो उन्होंने कहा कि सुझाव किससे लेंगे. हम किस आधार पर देंगे. हमसे मांगा नहीं, हमने दिया नहीं. योगी और मोदी धार्मिक क्षेत्र का नेतृत्व अपने पास रखे हुए हैं, तो हम लोग से सुझावों की क्या जरूरत है? उन्होंने आगे कहा कि मोदी जी अपनी बुद्धिहिनता का परिचय दे रहे हैं, हमसे सीखते भी हैं और टकराते भी रहते हैं.
द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य ने क्या कहा?
द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती की तरफ से बयान जारी किया गया है. बयान के मुताबिक, रामजन्मभूमि अयोध्या के विषय में शंकराचार्य मठ द्वारकाशारदापीठ गुजरात की ओर से कोई बयान प्रसारित नहीं किया गया है. किसी समाचार पत्र में प्रकाशित समाचार जगद्गगुरु शंकराचार्य जी महाराज की बिना आज्ञा के प्रकाशित हुआ है, जो भ्रामक है.
बयान में आगे कहा गया है कि रामजन्मभूमि प्राप्त करने के लिए रामालय ट्रस्ट एवं रामजन्मभूमि पुनरुद्धार समिति के माध्यम से हमारे गुरुदेव भगवान ने अनेकानेक प्रयास किए थे. लगभग 500 वर्षों का विवाद समाप्त हुआ है, यह सनातन धर्मांवलम्बियों के लिए प्रसन्नता का अवसर है.
बयान के मुताबिक, हम चाहते हैं कि अयोध्या में होने जा रहे परमात्मा श्रीराम के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के सभी वेद-शास्त्रानुसार, धर्मशास्त्रों की मर्यादा का पालन करते हुए विधिवत् संपन्न हों. ऐसी भगवान द्वारकाधीश से प्रार्थना है.
श्रृंगेरी शारदा पीठम के शंकराचार्य ने क्या कहा?
श्रृंगेरी शारदा पीठम के शंकराचार्य भारती तीर्थ महास्वामीजी की तरफ से बयान जारी किया गया है. बयान के मुताबिक, “इस ऐतिहासिक (प्राण प्रतिष्ठा) कार्यक्रम में शामिल कई भक्त नेताओं ने जगद्गुरुओं को काम के बारे में जानकारी दी है. हमारे जगद्गुरु द्वारा व्यक्तिगत रूप से भाग लेने का कोई कार्यक्रम नहीं है. उसी दिन इस महान क्षण को चिह्नित करने के लिए हमारे जगद्गुरु पास के राम मंदिर में पुन:प्रतिष्ठा करेंगे और साथ ही 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला पार्थिस्टा का जश्न मनाने के लिए विभिन्न समारोहों में भाग लेंगे. हम सभी के लिए यह एक महान ऐतिहासिक क्षण है जिसे पूरे गर्व के साथ मनाया जा रहा है.”
(सुमी राजप्पन और अमरजीत चहल के इनपुट्स के साथ)
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