आगरा में SBI के क्लर्क सुरेंद्र सिंह लापता... आखिर बार भांजे से कहे थे ये शब्द और दिया था लेटर जिसे पढ़ मचा हड़कंप
उत्तर प्रदेश के आगरा में भारतीय स्टेट बैंक की छीपीटोला स्थित हाउसिंग लोन शाखा के वरिष्ठ क्लर्क सुरेंद्र पाल सिंह के लापता होने से हड़कंप मच गया है.
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उत्तर प्रदेश के आगरा में भारतीय स्टेट बैंक की छीपीटोला स्थित हाउसिंग लोन शाखा के वरिष्ठ क्लर्क सुरेंद्र पाल सिंह के लापता होने से हड़कंप मच गया है. लापता होने से पहले सुरेंद्र पाल सिंह ने एक पत्र लिखकर बैंक में हो रहे मानसिक उत्पीड़न, अपशब्दों और बेइज्जती का दर्द बयां किया है. सुरेंद्र पाल सिंह ने लिखे हुए पत्र को अपने भांजे के हाथों में थाम कर कहीं चले गए. जाते-जाते उन्होंने भांजे से कहा था की दवा लेने जा रहा हूं.लेकिन अब तक उनका कुछ पता नहीं चल पाया है.
पत्र में क्या लिखा?
18 अगस्त को लिखे गए इस पत्र में सुरेंद्र पाल सिंह ने कहा 'अब मैं और अपशब्द, गाली-गलौज नहीं सुन सकता. रोज की बेइज्जती से बहुत परेशान आ चुका हूं.' पत्र में उन्होंने एजीएम (महाप्रबंधक) विक्रम कुमार धेजा पर आरोप लगाया कि वे स्टाफ व ग्राहकों के सामने उन्हें बेइज्जत करते हैं. उन्होंने लिखा कि उनपर झूठे आरोप लगाए जाते हैं. ट्रांसफर की धमकी दी जाती है और वे पहले से ही गंभीर बीमारियों (हाईपरटेंशन, एंग्जाइटी, सर्वाइकल व स्लिप डिस्क) से जूझ रहे हैं. यहां तक कि वेतन रोकने और शाखा में उनकी पोस्टिंग पर सवाल उठाने जैसी बातें पत्र में दर्ज हैं. पत्र के अंत में उन्होंने ये भी लिखा कि अब मेरी मानसिकता जवाब दे चुकी है. इसके आगे क्या करूंगा मुझे नहीं पता. अगर कुछ हुआ तो जिम्मेदार एजीएम विक्रम कुमार धेजा होंगे.'
परिजनों के आरोप
परिजनों का कहना है कि दो दिन बाद भी उनका कोई सुराग नहीं मिला है. पुलिस थाने में सुरेंद्र से संबंधित एफआईआर दर्ज कर ली गई है. इस मामले में परिजन आज पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार से भी मिले थे और उन्होंने दीपक कुमार को आपबीती सुनाई है. परिजनों ने सोशल मीडिया पर भी अपील की है.
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सुरेंद्र पाल की पत्नी विद्या सिंह ने बताया कि 'बैंक में जॉब करते समय एजीएम के द्वारा उनको मेंटली ह्यूमिट किया जाता था. उनके साथ गलत व्यवहार होता था और उनकी बीमारी को लेकर मजाक बनाया जाता था. इस वजह से वह काफी टाइम से डिप्रेशन में थे. लेकिन जब चीज ज्यादा बढ़ गई तो उन्होंने नोट में लिखा.सुरेंद्र पाल सिंह के पिता रमेश चंद्र ने कहा कि 'मामला बैंक का था. एजीएम विक्रम कुमार थे. वह उसको परेशान करते थे. कहते थे तेरा ट्रांसफर कर दूंगा और बहुत बुरी बुरी बात भी उसे कहते थे.
डीपी सिटी सोनम कुमार ने फोन पर मौखिक रूप से बताया है कि इस संबंध में थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और जांच कार्रवाई चल रही है.