आगरा में गेस्ट लेक्चरर सूरज प्रताप रात में...2 छात्राओं ने लगाए प्रोफेसर पर सनसनीखेज आरोप, फिर ये हुआ
आगरा के पंडित दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण विकास संस्थान के गेस्ट लेक्चरर सूरज प्रताप पर दो छात्राओं ने शोषण और अभद्र व्यवहार के गंभीर आरोप लगाए हैं. छात्राओं ने शिकायत के बाद प्रोफेसर का कॉन्ट्रैक्ट समाप्त कर दिया गया और विश्वविद्यालय ने मामले की जांच शुरू कर दी है.
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उत्तर प्रदेश के आगरा से एक बेहद हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां के डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय से संबद्ध पंडित दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण विकास संस्थान के गेस्ट लेक्चरर सूरज प्रताप पर दो छात्राओं ने गंभीर शोषण और अभद्र व्यवहार के आरोप लगाए हैं. दोनों छात्राओं ने दावा किया है कि गेस्ट लेक्चरर ने उन्हें अशोभनीय मैसेज भेजे और निजी मुलाकात के लिए दबाव डाला. मामले की गंभीरता को देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने आरोपी के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की है और जांच शुरू कर दी है.
गेस्ट लेक्चरर के खिलाफ गंभीर आरोप
बीए और एमए की दो छात्राओं ने गेस्ट लेक्चरर सूरज प्रताप पर आरोप लगाया कि वह देर रात उन्हें गंदे और अभद्र मैसिज भेजता था. एक छात्रा ने बताया कि आरोपी ने लिखा कि "मैं शराब पी रहा हूं, मेरे साथ आकर शराब पी लो… मैं तुम्हारे सारे काम करवा दूंगा." छात्राओं का आरोप है कि पहले बीए की छात्रा को बहलाया-फुसलाया गया और फिर एमए की छात्रा के साथ भी यही व्यवहार दोहराया गया.
छात्राओं ने प्रशासन को दी शिकायत
परेशान होकर दोनों छात्राओं ने शुरुआत में मौखिक रूप से और बाद में लिखित शिकायत विश्वविद्यालय प्रशासन को दी. शिकायत के बाद विश्वविद्यालय ने त्वरित कार्रवाई करते हुए गेस्ट लेक्चरर सूरज प्रताप का कॉन्ट्रैक्ट समाप्त कर दिया. इसके अलावा, कॉलेज से जुड़े वाट्सऐप समूहों में भी छात्राओं ने प्रोफेसर के गलत व्यवहार की पुष्टि की है.
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जांच कमेटी का गठन
विश्वविद्यालय प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए विश्वविद्यालय स्तर पर जांच शुरू कर दी है. वाइस चांसलरअंशु रानी के निर्देश पर एक जांच समिति बनाई गई है जो तीन दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी. इसके बाद मामले में विधिक कार्रवाई की जाएगी. रजिस्ट्रार अजय मिश्रा ने इस बारे में बताया कि यह जांच सरकारी स्तर पर गठित की गई है और समिति अपनी जांच पूरी कर रही है.
प्रशासन का सख्त रुख
मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने साफ संकेत दिया है कि वे मामले को हल्के में नहीं ले रहे हैं और जांच उच्चस्तरीय औपचारिक प्रक्रिया के तहत की जा रही है. वाइस चांसलर ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच समिति को निर्देश दिए हैं कि वह जल्दी से जल्दी अपनी रिपोर्ट पेश करें ताकि उचित कार्रवाई की जा सके.
इस मामले के सामने आने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अगर आरोप सही पाए गए तो आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा किसी भी प्रकार की असुविधा या इन्डिसप्लिन को सहन नहीं किया जाएगा.
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