आगरा के ताजमहल को शाहजहां ने 1631 में दिया था ये अनोखा नाम, जानकर यकीन नहीं होगा
उत्तर प्रदेश के आगरा में स्थित ताजमहल भारत की सबसे खूबसूरत ऐतिहासिक इमारतों में से एक है. इसे विश्व भर में अपनी अनूठी वास्तुकला और शानदार कारीगरी के लिए जाना जाता है, जो हर साल लाखों पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है.
ADVERTISEMENT

1/6
उत्तर प्रदेश के आगरा में स्थित ताजमहल भारत की सबसे खूबसूरत ऐतिहासिक इमारतों में से एक है. इसे विश्व भर में अपनी अनूठी वास्तुकला और शानदार कारीगरी के लिए जाना जाता है, जो हर साल लाखों पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है. ताजमहल का निर्माण शाहजहां ने अपनी प्रिय पत्नी मुमताज महल की याद में करवाया था. यह न केवल एक मकबरा है बल्कि प्रेम और समर्पण की अनुपम कहानी का प्रतीक भी है.

2/6
ताजमहल का निर्माण कार्य 1631 में यमुना नदी के तट पर शुरू हुआ था. जब शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज महल की मृत्यु के बाद उन्हें सम्मान देने का फैसला लिया. इस भव्य परियोजना को पूरा करने में लगभग 22 साल का लंबा समय लगा, जो इसकी जटिलता और भव्यता को दर्शाता है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस कार्य में 20,000 से अधिक कारीगरों और श्रमिकों ने दिन-रात मेहनत की थी.

3/6
बता दें कि जब मुमताज की कब्र को ताजमहल के अंदर दफनाया गया तब शाहजहां ने इसे 'रउजा-ए-मुनव्वरा' नाम दिया था. लेकिन बाद में इसे जनता और इतिहासकारों ने 'ताजमहल' के नाम से जाना, जो 'ताज' (शाहजहां की पत्नी के लिए) और 'महल' (मकबरे) से मिलकर बना है.

4/6
ताजमहल की वैश्विक मान्यता 1983 में मिली जब इसे यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल घोषित किया. यूनेस्को की मान्यता ने इसे विश्व पर्यटन मानचित्र पर और मजबूत स्थिति दी, जिससे हर साल लाखों पर्यटक इसे देखने आते हैं.

5/6
ताजमहल की खूबसूरती उसकी अनूठी कारीगरी में निहित है, जिसमें 28 विभिन्न प्रकार के बहुमूल्य और रंगीन पत्थरों का इस्तेमाल किया गया था. इन पत्थरों को भारत के विभिन्न हिस्सों से और विदेशों से मंगवाया गया था, जो इसकी भव्यता को दर्शाता है.

6/6
ताजमहल न केवल एक स्मारक है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक धरोहर और पर्यटन का केंद्र भी है. हर साल दुनिया भर से आने वाले पर्यटक इसकी सुंदरता और इतिहास से प्रभावित होते हैं. आगरा की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में ताजमहल की भूमिका अहम है, जो स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा करता है.