UP का छात्रों को चाहिए सस्ता एजुकेशन लोन तो करना होगा ये काम, पढ़ाई में नहीं आएगी रुकावट
यूपी के छात्रों के लिए कई सरकारी और निजी बैंक सस्ते एजुकेशन लोन ऑफर करते हैं, जिनके बारे में जानना हर छात्र के लिए जरूरी है.
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Education loan for students: उत्तर प्रदेश के लाखों छात्र हर साल यूपी बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं में भाग लेते हैं और अपने भविष्य को संवारने के लिए उच्च शिक्षा की ओर कदम बढ़ाते हैं. लेकिन कई बार आर्थिक तंगी उनके सपनों के आड़े आ जाती है. ऐसे में सस्ते एजुकेशन लोन छात्रों के लिए एक वरदान साबित हो सकते हैं जो न केवल उनकी पढ़ाई का खर्च उठाने में मदद करते हैं. बल्कि किफायती ब्याज दरों और लचीले भुगतान विकल्पों के साथ उनके करियर को नई दिशा भी देते हैं. यूपी के छात्रों के लिए कई सरकारी और निजी बैंक सस्ते एजुकेशन लोन ऑफर करते हैं, जिनके बारे में जानना हर छात्र के लिए जरूरी है.
1. पीएम विद्या लक्ष्मी योजना
ये योजना केंद्र सरकार की एक पहल है. पीएम विद्या लक्ष्मी योजना, छात्रों को शिक्षा के लिए ऋण लेने में मदद करती है. इस योजना के तहत, छात्रों को 7.5 लाख रुपये तक के ऋण के लिए बकाया राशि का 75% क्रेडिट गारंटी मिलती है. 8 लाख रुपये तक की वार्षिक पारिवारिक आय वाले छात्रों को ऋण निर्धारित अवधि के दौरान 10 लाख रुपये तक के ऋण पर 3% ब्याज छूट मिलती है और बैंकों को छात्रों को शिक्षा ऋण उपलब्ध कराने में मदद मिलती है. विद्या लक्ष्मी के माध्यम से एजुकेशन लोन के लिए आवेदन करने वाले आवेदकों की आयु 18 से 35 वर्ष निर्धारित की गयी है. हालांकि बैंक की नीतियों के आधार पर विशिष्ट आयु सीमा अलग-अलग भी हो सकती हैं.
2. केंद्रीय क्षेत्र ब्याज सब्सिडी योजना
यह योजना भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा 2009 में शुरू की गई थी. इसका उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के छात्रों को सहायता देना है. जिन छात्रों के परिवार की सालाना आय 4.5 लाख रुपये तक है, वे इस योजना के लिए योग्य हैं. 10 लाख रुपये तक (भारत में पढ़ाई के लिए). कोर्स की अवधि और उसके बाद 1 साल के मोरेटोरियम पीरियड तक ब्याज सरकार वहन करती है. यह केवल तकनीकी और प्रोफेशनल कोर्सेज के लिए मान्य है, जो NAAC, NBA या CFTI से मान्यता प्राप्त संस्थानों में हों. केनरा बैंक इस योजना को लागू करने के लिए मुख्य बैंक है.
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3. डॉ. अम्बेडकर केंद्रीय क्षेत्र योजना
ये योजना अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग (ईबीसी) के मेधावी छात्रों को विदेश में उच्च अध्ययन करने के लिए ब्याज सब्सिडी देती है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य विदेश में उच्च शिक्षा (स्नातकोत्तर, एम.फिल. या पीएचडी) प्राप्त करने वाले छात्रों को सहायता प्रदान करना. यह योजना भारतीय बैंक संघ (आईबीए) की शिक्षा ऋण योजना के अंतर्गत अनुसूचित बैंकों से लिए गए शैक्षिक ऋण पर ब्याज सब्सिडी देती है.
इस योजन के तहत आवेदक को विदेश में मास्टर्स, एम.फिल या पीएचडी स्तर पर किसी भी पाठ्यक्रम में प्रवेश प्राप्त किया होना चाहिए. आवेदक का आईबीए की शिक्षा ऋण योजना के अंतर्गत किसी अनुसूचित बैंक से ऋण लिया होना चाहिए तथा आवेदक की कुल आय (सभी स्रोतों से) 8,00,000 रुपये प्रति वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए.
क्रेडिट गारंटी फंड स्कीम फॉर एजुकेशन लोन (CGFSEL)
भारत सरकार ने शिक्षा को हर वर्ग तक पहुंचाने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनमें से एक है क्रेडिट गारंटी फंड स्कीम फॉर एजुकेशन लोन (CGFSEL). यह योजना उन छात्रों के लिए वरदान साबित होती हैजो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और बिना कोलैटरल या गारंटर के एजुकेशन लोन लेना चाहते हैं. CGFSEL का उद्देश्य छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता देना और बैंकों को लोन देने में जोखिम से सुरक्षा प्रदान करना है. लोन की राशि 7.5 लाख रुपये तक है. सरकार डिफॉल्ट की स्थिति में 75% तक की गारंटी देती है.
प्रमुख सरकारी बैंक और उनके लोन ऑप्शंस
- SBI एजुकेशन लोन: 8.15% से शुरू ब्याज दर, 20 लाख तक लोन, लड़कियों को 0.50% छूट.
- PNB उदान: विदेशी पढ़ाई के लिए 8.30% से शुरू, 1 करोड़ तक लोन.
- बैंक ऑफ बड़ौदा: 8.25% से शुरू, 125 लाख तक लोन.
आवेदन प्रक्रिया
- अपने कोर्स और जरूरत के आधार पर लोन स्कीम चुनें.
- संबंधित बैंक की वेबसाइट या विद्या लक्ष्मी पोर्टल पर आवेदन करें.
- दस्तावेज जैसे मार्कशीट, एडमिशन लेटर, आधार कार्ड, आय प्रमाण जमा करें.
- लोन अप्रूवल के बाद नियम व शर्तें समझें.
( इस खबर को हमारे साथ इंटर्नशिप कर रही दीपा पांडेय ने सम्पादित किया है.)