NEET सॉल्वर गैंग: वाराणसी पुलिस के हाथ लगा बड़ा सुराग, जारी की ‘सरगना’ की तस्वीर
MBBS और BDS के लिए देशभर में होने वाली नीट परीक्षा में हाल ही में सेंधमारी का खुलासा हुआ था. वाराणसी पुलिस के हत्थे चढ़े…
ADVERTISEMENT
MBBS और BDS के लिए देशभर में होने वाली नीट परीक्षा में हाल ही में सेंधमारी का खुलासा हुआ था. वाराणसी पुलिस के हत्थे चढ़े इस गैंग में बीएचयू, केजीएमयू समेत कई प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टर और पढ़ाई कर रहे छात्र शामिल बताए जा रहे हैं.
अब इस मामले में पुलिस को एक बड़ा सुराग मिला है. दरअसल इस गैंग का सरगना जो पुलिस के लिए एक पहेली बना हुआ था, उसकी पूरी कुंडली मिलने का वाराणसी पुलिस ने दावा किया है.
सालों से नीट परीक्षा में सेंधमारी करने के आरोपी नीलेश उर्फ पीके की तस्वीर और उसके घर तक वाराणसी पुलिस पहुंच चुकी है. फिलहाल नीलेश फरार है लेकिन इस सेंधमारी में शामिल उसके करीबियों पर शिकंजा कसा जा रहा है.
यह भी पढ़ें...
ADVERTISEMENT
पीके उर्फ नीलेश को ही सेंधमारी करने वाला गैंग का सरगना बताया जा रहा है. 7 दिन पहले तक पीके के नाम के अलावा वाराणसी पुलिस इस गैंग सरगना के बारे में कुछ नहीं जानती थी लेकिन 7 दिन के अंदर वाराणसी पुलिस ने इस मास्टरमाइंड की पूरी कुंडली निकाल ली है.
मौजूदा वक्त में पीके उर्फ प्रेम कुमार उर्फ नीलेश पटना की पाटलिपुत्र कॉलोनी में अपने परिवार के साथ रह रहा था.
ADVERTISEMENT
पटना में 4 मंजिला आलीशान मकान, महंगी गाड़ियों का काफिला रखने वाला ‘जालसाज’ पीके खुद को डॉक्टर बताता है. पहली बार पुलिस के रडार पर आया पीके उर्फ नीलेश अब अपने परिवार के साथ फरार हो गया है.
पुलिस ने पटना के उस फोटो स्टूडियो वाले को भी दबोचा है जो फोटो मिक्स कर हाइब्रिड फोटो तैयार कर रहा था.
ADVERTISEMENT
बताया जा रहा है कि पीके ने सॉल्वर और असल अभ्यर्थियों को टारगेट करने के लिए अलग-अलग टीमें बना रखी थीं, जिसमें पटना का विकास महतो, केजीएमयू का ओसामा शाहिद, बिहार का बबलू और त्रिपुरा का देबु शामिल है.
मिली जानकारी के मुताबिक, ये लोग जरूरतमंद सॉल्वरों को तलाश करते, 1सॉल्वर को 5 लाख रुपये दिए जाते, जबकि अभ्यर्थी से 25 से 30 लाख रुपये परीक्षा पास कराने को लिए थे. पीके इस धंधे में हो रही कमाई की रकम अपने पिता केवीएन सिंह के खाते में लेता था.
बताया जा रहा है कि पीके उर्फ प्रेम कुमार उर्फ नीलेश सॉल्वर गैंग को बेहद शातिराना ढंग से चला रहा था. यही वजह थी कि अब तक ना तो पीके पकड़ा गया और ना ही पीके के बारे में कोई जानकारी या उसकी फोटो पुलिस के पास थी. बीते सप्ताह नीट परीक्षा के दौरान बीएचयू से बीडीएस सेकंड ईयर की पढ़ाई कर रही जूली हिना विश्वास की जगह पर परीक्षा दे रही थी, उस हिना विश्वास के बारे में भी वाराणसी पुलिस ने अहम जानकारी जुटाई है.
पीके ने हिना विश्वास और उसके दवा व्यवसाई पिता को परीक्षा से 1 दिन पहले दिल्ली बुलाया था. दिल्ली में दोनों के बीच मीटिंग हुई और फिर परीक्षा वाले दिन बाप-बेटी वाराणसी के उस सेंटर तक पहुंच गए, जहां पर सॉल्वर बनकर जूली महतो हिना विश्वास की जगह परीक्षा दे रही थी. पुलिस को शक है 30 लाख रुपये लेकर सॉल्वर से परीक्षा पास कराने वाले पीके उर्फ नीलेश ने हिना और उसके पिता को वाराणसी के सेंटर तक सिर्फ इसलिए बुलाया ताकि पकड़े जाने पर हिना विश्वास कह सके कि उसने वाराणसी सेंटर पर परीक्षा दी थी और जिसकी तस्दीक उसका मोबाइल लोकेशन अपने आप कर देता.
फिलहाल वाराणसी पुलिस ने बिहार पुलिस की मदद से पटना और छपरा में छापेमारी की तो पीके उर्फ नीलेश तो फरार हो गया लेकिन वाराणसी पुलिस को अब उसकी तस्वीर हासिल हुई है. वाराणसी पुलिस कमिश्नर सतीश गणेश का कहना है कि जिस गैंग सरगना को आज तक किसी ने देखा ही नहीं उसकी तस्वीर हासिल होना हमारे लिए अहम सुराग है. उन्होंने कहा कि हमने पीके उर्फ नीलेश की तस्वीर को जारी किया है ताकि इसकी तलाश में आम लोगों की भी मदद ली जा सके और दूसरे लोग इसकी जालसाजी में फंसने से बच सकें.
NEET सॉल्वर गैंग: BHU-KGMU के स्टूडेंट धराए, शातिर सरगना की कहानी कर देगी हैरान
ADVERTISEMENT