अतीक को गोली मारने वाले शूटर सनी के परिवार वालों का हाल देखिए, बर्बादी की है पूरी दास्तान

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Atiq Ahmed News: वो कहते हैं न कि माफियागिरी और गुंडई कितनी भी बड़ी हो जाए, लेकिन उसका एक न एक दिन अंत जरूर होता है. इस बात को तो खुद अतीक ने भी माना था कि उसकी माफियागिरी अब खत्म हो गई थी. मगर उसे यह नहीं पता था कि उमेश पाल की हत्या के बाद उसका पूरा साम्राज्य बर्बाद हो जाएगा और परिवार नष्ट. अतीक अहमद और उसका भाई अशराफ अब इस दुनिया में नहीं हैं.  दोनों की हत्या प्रयागराज में पुलिस कस्टडी के दौरान गोलियों से भूनकर कर दी गई थी. अतीक और अशरफ को जिन्होंने मारा उनका नाम सनी सिंह, लवलेश तिवारी और अरुण मौर्य है.  फिलहाल तीनों जेल में हैं, लेकिन दूसरी तरफ उनका परिवार गुमनानी के अंधेरे में जीने को मजबूर है. इस बीच 'आजतक' से जुड़ीं मृदुलिका झा ने तीनों शूटरों के परिवार से बातचीत कर ग्राउंड रिपोर्ट की है. आज आप इस खबर में सनी के परिजनों की कहानी जानिए. 

आजतक की टीम जब सनी के घर पहुंची तो वहां उनकी उसके भाई पिंटू से मुलाकात हुई. गली के मुहाने पर टीम को दो छोटे-छोटे मकान मिले, इन्हीं में एक घर वो था, जहां पहले सनी रहता था.  यहां गौर करने वाली बात यह है कि घटना के बाद दो कमरों के घर में पुलिस चौकी बन गई, जिसका काम बगल में बसे सनी के परिवार की सेफ्टी था. मगर अब घर खाली पड़ा है. इस घर के सामने सनी के घरवाले रहते हैं, जिनमें उसके भाई-भाभी और बच्चे शामिल हैं. 

 

 

सनी के भाई पिंटू से क्या बात हुई?

सनी के बारे में पूछने पर पिंटू ने कहा, "हमको नहीं पता, क्या हुआ, क्या नहीं. उस रात (अतीक-अशरफ की हत्या वाली रात) समाचार में देखा तब जाना कि कुछ बड़ा कांड हो गया है. फिर पुलिस घर आ गई. लगभग पूरा साल सामने रही. हम कहीं भी जाते तो साथ चलती. सेफ्टी के लिए."

सवाल: आपको सेफ्टी की क्या जरूरत?"

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पिंटू ने कहा: "क्या पता! भाई उल्टा-सीधा कर गया. अब वो तो जेल में है. हम बच्चों को पाल-पोस तक नहीं पा रहे. चाय-समोसे का ठेला लगाते थे. वो भी बंद करना पड़ा. डर से घर ही पड़े रहते हैं. कोई ऊंच-नीच हो जाए."

सवाल: भाई क्या हमेशा से ही ऐसा था?

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पिंटू ने कहा: "हां. पांच-छह साल का था, जब डांटने पर घर से भाग गया. तब से बाहर ही बाहर रहा. कभी लौटा नहीं. गुस्सेवर तो था. लेकिन ऐसा कर डालेगा, सोचा नहीं था."

सवाल: फिर ये सामने वाला मकान, सनी लौटा नहीं तो वहां कौन रहता था?

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पिंटू ने कहा: "अब क्या बताएं.’ पिंटू दिर ‘नैना’...पत्नी को आवाज देते हुए कहता है- ‘तुम्हीं बात करो, हमको तो डर लग जाता है.’

सवाल: ये बताइए कि भाई से फिर मुलाकात हुई आपकी?

पिंटू ने कहा: "हां. मिलौनी (मुलाकात) में गए थे पिछले महीने. लेकिन कुछ बात नहीं हुई. बस उसने इतना ही कहा कि संभलकर रहना. कहीं बाहर आना-जाना मत. बाल-बच्चों को देखते रहना. जमाना खराब है. हमको रोना आ गया. कांड तो तुम कर गए. अब जमाना क्या खराब!"

 

 

सवाल: "अभी घर का खर्च कैसे चल रहा है?"

पिंटू ने कहा: "सब बेच-बूच दिया. पुलिसवाले साथ थे तो कभी-कभार काम पर चला जाता था. किसी दुकान में समोसे बना लिए. कहीं कुछ और. अब वो भी नहीं. उधार पर है सब."

सवाल: अतीक को मारते हुए आपके भाई ने एक धार्मिक नारा लगाया था

पिंटू का जवाब: "हां. बड़ा भगत (भक्त) था वो. यहां भी रहा तो हरदम पूजा-पाठ करता. गरम खून है. गलत देखा तो सही कर डाला."
 
इसके बाद पिंटू की पत्नी ने देवर के नाम लिए बगैर कहा, "जबसे ऐसा किया है, स्थिति खराब होती चली गई. रिश्तेदार थोड़ी-बहुत मदद कर दें लेकिन जिंदगीभर कौन पालेगा. हमारे पास न खेत-न बाती. डर अलग."
 
सवाल: आपको क्या लगता है, सनी ने क्यों किया होगा ऐसा?

पिंटू की पत्नी ने कहा: "अब हम क्या बताएं. हम तो उससे कभी मिले ही नहीं. नौ साल हुए शादी को. वो न तब आया था, न बाल-बुतरू हुए, तब लौटा. अलग ही रहता. वो तो टीवी पर देखा तो पता लगा कि हमारे देवर हैं ये. इतना बड़ा काम कर गए चुपके ही चुपके."
 
सवाल: आपको पता है आपके देवर ने क्या किया, किसे मारा?

पिंटू की पत्नी ने कहा: "टीवी पर ही सब देखा. सही भी लगता है. पुलिसवाले भी कह रहे थे कि नाम हो गया तुम लोगों का. अब रुआब से रहा करो. डरो मत. लेकिन डर तो हो गया है. ये बाहर नहीं जाते. गए तो धड़का लगा रहता है. तीन छोटे बच्चे. मैं अकेली क्या कर लूंगी."
 
खर्चा-पानी कैसे चल रहा है आप लोगों का?

जैसे-तैसे हो रहा है. आज दोपहर खाया. रात का पता नहीं. बच्चों की फीस नहीं दे पा रहे. राशन कार्ड भी नहीं बन रहा. आज जाओ तो कल बुलाते हैं. कल पहुंचो तो कहते हैं कि कागज हेरा (खो) गया. बार-बार जाने पर खटका अलग. शादी में जो मिला, सब बेच-बूच दिया. देखिए, नाक की तरफ इशारा करते हुए- ये छल्ली ही बाकी है.

 

 

गौरतलब है कि अतीक की हत्या में सनी समेत बाकी दो शूटरों के पास जिगाना पिस्टल बरामद हुई थी. तुर्की-मेड इस पिस्टल की कीमत लगभग 5 लाख है. 
 

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