लखीमपुर खीरी हिंसा: फरार चल रहे अंकित दास ने कोर्ट में लगाई सरेंडर की एप्लीकेशन

संतोष शर्मा

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लखीमपुर हिंसा मामले में जांच कर रही है पुलिस टीम ने लखनऊ से लेकर लखीमपुर खीरी तक छापेमारी का दौर तेज कर दिया है. जिसका नतीजा है कि घटना के बाद से फरार चल रहे अंकित दास ने मंगलवार, 12 अक्टूबर को कोर्ट में सरेंडर एप्लीकेशन डाल दी है. अंकित दास के साथ उसके पारिवारिक ड्राइवर लतीफ की तरफ से भी सरेंडर एप्लीकेशन डाली गई है. सीजेएम कोर्ट ने अंकित दास के सरेंडर एप्लीकेशन पर तिकुनिया पुलिस से रिपोर्ट मांगी है.

पुलिस ने अब जीप के पीछे चल रही फॉर्च्यूनर और स्कॉर्पियो मैं बैठे लोगों पर भी शिकंजा कसना शुरू दिया है. मिली जानकारी के मुताबिक, फॉर्च्यूनर अंकित दास के परिवार के सदस्य के नाम पर रजिस्टर्ड है. वहीं, दूसरी तरफ पीछे चल रही स्कॉर्पियो लखीमपुर के एक ठेकेदार की बताई गई है. हालांकि, कागजी तौर पर इस ठेकेदार ने सेकंड हैंड खरीदी गई स्कॉर्पियो को ट्रांसफर नहीं कराया है, लेकिन अंकित दास के करीबी उस ठेकेदार से पूछताछ की जा रही है.

जानकारी यहां तक मिली है कि इसी ठेकेदार का ड्राइवर अंकित दास को नेपाल बॉर्डर तक छोड़कर आया था. वहीं पुलिस ने दूसरी एफआईआर लिखाने वाले सुमित जायसवाल की भी तलाश तेज कर दी है. सुमित जायसवाल थार जीप में बैठा था, जो घटना के बाद उग्र भीड़ को देख भाग गया था.

सूत्रों की मानें तो पुलिस अब यह जानने की कोशिश कर रही है कि आशीष मिश्रा घटनास्थल पर मौजूद थे या नहीं? अगर मौजूद थे, तो वह किसी गाड़ी में सवार थे, थार या फॉर्च्यूनर?

पीछे चल रही फॉर्च्यूनर में बैठे एक युवक से पूछताछ का वीडियो वायरल हुआ है, वह युवक शेखर है, जिसे पुलिस ने 12 अक्टूबर को गिरफ्तार कर लिया है. शेखर ने ही पूछताछ में बताया कि अंकित दास फॉर्च्यूनर में मौजूद थे, वह बाकी लोगों को नहीं पहचानता है. अब अंकित दास से ही आशीष मिश्रा की मौजूदगी की पुष्टि हो पाएगी.

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हालांकि, पुलिस को अब तक जानकारी मिली है कि आशीष मिश्रा और अंकित दास बेहद करीबी रहे हैं, दोनों एक ही गाड़ी में जाते थे. ऐसे में 3 अक्टूबर को तिकुनिया में जब हिंसा हुई तो उस वक्त अंकित दास अकेले फॉर्च्यूनर में मौजूद रहे और आशीष मिश्रा दंगल कार्यक्रम में, यह पुलिस को खटक रहा है. लिहाजा अंकित दास का बयान पुलिस के लिए इस पूरी जांच का अहम बिंदु होगा.

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