BJP की जीत के जश्न की कीमत बाबर अली ने जान देकर चुकाई, जानें कौन थे ये, CM योगी क्या बोले?
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को पूर्ण बहुमत मिलने पर कुशीनगर जिले में मिठाई बांटने और जश्न मनाने पर मुस्लिम युवक…
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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को पूर्ण बहुमत मिलने पर कुशीनगर जिले में मिठाई बांटने और जश्न मनाने पर मुस्लिम युवक बाबर अली (25) की उन्हीं के समुदाय के पड़ोसियों ने जमकर पिटाई की, जिसके बाद लखनऊ में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. इस बीच, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाबर अली के निधन पर शोक जताया और उनके परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की. उन्होंने अधिकारियों को मामले की निष्पक्ष जांच करने का निर्देश दिया है.
सीएम कार्यालय की ओर से किए गए ट्वीट के अनुसार, “मुख्यमंत्री जी ने कुशीनगर के कठघरही गांव के श्री बाबर जी की लोगों द्वारा पिटाई से हुई मौत पर गहरा शोक व्यक्त किया है. मुख्यमंत्री जी ने शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है. उन्होंने मामले की गहनता से निष्पक्ष जांच हेतु अधिकारियों को निर्देश दिए हैं.”
#UPCM श्री @myogiadityanath जी ने कुशीनगर के कठघरही गांव के श्री बाबर जी की लोगों द्वारा पिटाई से हुई मौत पर गहरा शोक व्यक्त किया है।
मुख्यमंत्री जी ने शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।
उन्होंने मामले की गहनता से निष्पक्ष जांच हेतु अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) March 27, 2022
कौन थे बाबर अली?
कुशीनगर के रामकोला थाना क्षेत्र के कठघरहीं गांव के निवासी सूबेदार अली के सबसे छोटे बेटे बाबर अली गांव के अमवा चौराहे पर मुर्गा बेचने का काम करते थे. बाबर के बड़े भाई रुस्तम अली की मौत 12 साल पहले हो गई थी और दूसरे नंबर का भाई चंदे आलम मुंबई में कपड़ा सिलाई का काम करता है.
घर में मां-पत्नी और दो बच्चे
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पिता और बड़े भाई की मौत के बाद चंदे आलम और बाबर अलग-अलग अपनी घर गृहस्थी चलाते थे. घर में बाबर की मां-पत्नी के साथ एक बेटा और एक बेटी है, जिनकी उम्र क्रमशः 4 व 6 साल है. बाबर का 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की तरफ झुकाव हुआ और वह कार्यकर्ताओं के साथ पार्टी का प्रचार करने लगे.
दुकान से समय निकालकर करता थे प्रचार
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मिली जानकारी के अनुसार, अपनी दुकानदारी से समय निकाल कर बाबर अली बीजेपी के लिए प्रचार करते थे, जो उनके पट्टीदारों को नागवार लगता था. कई बार दबाव बनाने पर भी बाबर ने अपने पट्टीदारों की बात नहीं मानी और बीजेपी का समर्थन करते रहे. 10 मार्च को मतगणना के बाद बाबर ने लोगों को मिठाई खिलाई, तो हत्यारोपी पट्टीदारों की खुन्नस और बढ़ गई.
पट्टीदारों ने किया था हमला
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पट्टीदारों ने 20 मार्च को घर में घुसकर बाबर को बुरी तरह मारा-पीटा. उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी मौत हो गई. बाबर के पास कोई पैतृक जमीन और संपत्ति नहीं है. दुकान लगाकर ही वह अपना जीवन यापन करते थे.
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