आगरा में गुलफाम को मार हेकड़ी दिखाने वाले प्रियांश यादव, शिवम बघेल का एनकाउंटर! अगला नंबर पुष्पेंद्र का?
Agra murder case: आगरा में रेस्टोरेंट मालिक की हत्या के बाद सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने के मामले में मनोज चौधरी समेत तीन लोग गिरफ्तार. पुलिस ने मुख्य आरोपी की तलाश शुरू की.
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Agra Police Encounter: आगरा में बीते 23 अप्रैल को ताजगंज थाना क्षेत्र में रेस्टोरेंट मालिक के भाई गुलफाम की हत्या के मामले में अब बड़ा एक्शन लिया है. बता दें कि पुलिस ने आरोपी प्रियांश यादव और शिवम बघेल को एनकाउंटर के बाद अरेस्ट कर लिया है. इसके अलावा पुलिस ने सह अभियुक्त मनोज चौधरी को (वीडियो वायरल करने वाला) भी गिरफ्तार किया है. बता दें कि मुठभेड़ के दौरान आरक्षी गिरेंद्र सिंह भी घायल हुए हैं, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है. आरोप है कि खाने के पैसों को लेकर हुए मामूली विवाद में प्रियांश यादव, शिवम बघेल और पुष्पेंद्र बघेल ने गुलफाम को गोली मार दी थी.
सोशल मीडिया पर हुई क्या चर्चा?
गुलफाम की हत्या बाद के सोशल मीडिया पर दावा किया जाने लगा कि उसका धर्म पूछकर गोली मारी गई और उसकी हत्या कर दी गई. हालांकि पुलिस ने इस दावे का खंडन किया. दरअसल, आतंकियों ने कश्मीर के पहलगाम में हिंदू पर्यटकों को चुन-चुन कर निशाना बनाया और धर्म पूछकर गोलियां मारी. इसके बाद से देशभर में गुस्सा है.
पहले जानिए गुलफाम के साथ हुआ क्या?
गुलफाम शिल्पग्राम रोड स्थित एक रेस्टोरेंट में काम करता था. जैसे ही गोली मारने की खबर आई, वैसे ही सोशल मीडिया पर दावा किया जाने लगा कि गुलफाम को नाम पूछकर उसको गोली मार गई है. जिस समय उसको गोली मारी गई, उस समय उसका साथी सैफ अली भी मौजूद था.
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वायरल वीडियो में किया गया ये दावा
घटना के बाद सोशल मीडिया पर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गई. मनोज चौधरी उर्फ मनोज चाहर ने अपनी इंस्टाग्राम आईडी पर करणी सेना के प्रदर्शन का हवाला देते हुए क्षत्रिय गोरक्षा दल का नाम लिया और पहलगाम में हुई आतंकी घटना के बदले में "26 के बदले 2600" लेने की बात कहकर भड़काऊ वीडियो वायरल किया.
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अभी भी एक आरोपी है फरार
बता दें कि इस मामल में अभी भी एक मुख्य आरोपी पुष्पेंद्र बघेल फरार है और उसकी तलाश जारी है. पुलिस ने सोशल मीडिया पर फैलाई गई अफवाह को गंभीरता से लिया और इसे माहौल खराब करने की साजिश करार दिया. इस घटना ने स्थानीय लोगों में दहशत फैला दी थी, लेकिन पुलिस ने कार्रवाई कर स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की है. जांच के बाद पुलिस ने स्पष्ट किया कि यह हत्या पैसों के विवाद के कारण हुई थी, न कि किसी सांप्रदायिक वजह से.