Wrestlers Protest: पहलवान बजरंग, साक्षी और विनेश के खिलाफ FIR दर्ज, पर क्यों? जानें मामला

कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धरने पर बैठे पहलवानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. मिली जानकारी के मुताबिक, भारतीय जनता पार्टी…

कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धरने पर बैठे पहलवानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. मिली जानकारी के मुताबिक, भारतीय जनता पार्टी के सांसद और कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धरने पर बैठे ओलंपियन पहलवानों, साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है. बता दें कि बीते रविवार के दिन दिल्ली के जंतर-मंतर पर जो घटना घटी, उस मामले में इन पहलवानों के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने केस दर्ज किया है. 

आपको बता दें कि कल यानी रविवार के दिन जहां एक तरफ नए संसद भवन का उद्धाटन हो रहा था तो दूसरी तरफ पहलवानों ने महिला महापंचायत का ऐलान किया था. इसी के साथ आंदोलन कर रहे पहलवान नए संसद भवन की तरफ मार्च भी निकालने की कोशिश कर रहे थे. इसी दौरान विरोध कर रहे पहलवानों पर पुलिस ने सख्त कार्रवाई की थी. इस दौरान पुलिस ने साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया को भी हिरासत में ले लिया था.   

मिली जानकारी के मुताबिक, इस माामले में दिल्ली पुलिस ने पहलवानों के अलावा, प्रदर्शन के आयोजकों और अन्य लोगों के खिलाफ भी केस दर्ज किया है. इस सभी के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने आईपीसी की धारा- 147, 149, 186, 188, 332, 353, PDPP अधिनियम की धारा 3 के तहत केस दर्ज किया है.

क्या इस देश में तानाशाही शुरू हो गई है- साक्षी मलिक 

इस मामले को लेकर पहलवान साक्षी मलिक और विनेश फोगाट ने ट्वीट किया है. साक्षी और विनेश की तरफ से ट्वीट किया गया है, “दिल्ली पुलिस को यौन शोषण करने वाले बृज भूषण के ख़िलाफ़ FIR दर्ज करने में 7 दिन लगते हैं और शांतिपूर्ण आंदोलन करने पर हमारे ख़िलाफ़ FIR दर्ज करने में 7 घंटे भी नहीं लगाए. क्या इस देश में तानाशाही शुरू हो गई है? सारी दुनिया देख रही है सरकार अपने खिलाड़ियों के साथ कैसा बर्ताव कर रही है. एक नया इतिहास लिखा जा रहा है”

आपको बता दें कि महिला पहलवानों ने भाजपा सांसद और कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन शोषण का आरोप लगाया है. इस मामले मेंं पुलिस द्वारा केस भी दर्ज कर लिया गया है. अब विरोध कर रहे पहलवानों द्वारा बृजभूषण सिंह की गिरफ्तारी की मांग की जा रही है. बता दें कि पहलवानों को किसान संगठनों और खाप पंचायतों का समर्थन मिल रहा है. अब देखना यह होगा कि ये मामला आगे कहां तक जाता है.

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