लंपी वायरस की चपेट में पश्चिमी यूपी की 15000 गायें, 115 की मौत, सरकार अलर्ट

अभिषेक मिश्रा

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गुजरात और हरियाणा के बाद लंपी वायरस (Lumpy Virus) पश्चिमी यूपी की गायों में तेजी से फैल रहा है, जिसमें 15000 केस सामने आ चुके हैं. अभी तक करीब 1414 गांव तक यह वायरस का कहर पहुंच चुका है. यूपी सरकार ने लंपी वायरस की रोकथाम के लिए टीम-9 बनाई है, जो बीमारी को रोकने के लिए 29 अगस्त से 3 सितंबर तक 6 दिवसीय अभियान चला रही है.

राज्य में अगस्त महीने के दूसरे हफ्ते से शुरू हुए स्किन डिजीज का संक्रमण पश्चिम की 21 जनपद अलीगढ़, अमरोहा, बागपत, बिजनौर, बदायूं, बुलंदशहर, एटा, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, हापुड़, हाथरस, मथुरा, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, संभल, शाहजहांपुर, शामली, फिरोजाबाद और बरेली में लगातार फैल रहा है. इन जनपदों के 1414 गांव में 15,000 से ज्यादा मवेशी लंपी वायरस की गिरफ्त में हैं.

दूसरी तरफ 30 अगस्त तक के आंकड़ों के मुताबिक 115 गोवंश की मृत्यु हुई है, जो 0.79 प्रतिशत मृत्युदर है. वहीं पशु पैठ, मेले और पशुओं के आवागमन पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है और सरकार का दावा है कि लगातार टीकाकरण से इस काबू पा लिया जायेगा.

वहीं सहारनपुर में लंपी वायरस के चलते अब तक 31 पशुओं की मौत हो गई है. सहारनपुर में अब तक कुल 4530 गौवंश संक्रमित हैं, जिनमें से अब तक 2880 गोवंश उपचार के बाद ठीक हुए हैं. बिजनौर में भी लंपी बीमारी से 4 पशुओं की मौत हो गई है और 407 बीमार हैं. वहीं 5900 पशुओं का टीकाकरण किया गया है.

बुलंदशहर की अगर बात करें तो यहां 383 पशुओं में लंपि रोग के लक्षण हैं, लंपि और अन्य रोग से दो पशुओं की मौत हो चुकी है. प्रशासन अलर्ट मोड में है, जहां गोशाला में छिड़काव के साथ-साथ संक्रमित जानवरों को अलग रखा गया है. इसके साथ ही मथुरा में भी 800 मामले सामने आए हैं और मथुरा के दुवासू में पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय में लंपी रोग के नमूनों की जांच प्रयोगशाला स्थापित कराई गई है.

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यूपी तक से बातचीत करते हुए राज्य पशुपालन निदेशालय के निदेशक डॉ. इंद्रमणि ने कहा कि जिन जिलों में ज्यादा कैसे आए वहां चिकित्सा अधिकारी और नगर विकास ने मिलकर काम किया.17 लाख वैक्सीन प्रभावित जिलों में भी दी जा चुकी है, जिसमें मुजफ्फरनगर, मेरठ, सहारनपुर, बिजनौर, मथुरा और अलीगढ़ ज्यादा प्रभावित जिले हैं. फिलहाल 15,000 से ज्यादा बीमार पशु हैं. कल तक (मंगलवार) 115 वर्षों की मृत्यु की सूचना है.

वहीं निदेशक ने कहा कि प्रशासन ने अलर्ट करते हुए सभी पशु मेलों पर रोक लगाई है. इसके साथ ही प्रभावित जिलों का दौरा करके वहां मॉनिटरिंग की जा रही है. अगले 5 से 6 दिनों में इस पर काबू पा लिया जाएगा. वहीं इंसेक्टिसाइड के साथ-साथ पशुओं को चिन्हित कर अलग किया जा रहा है और हाइड्रोक्लोराइड सप्लाई के छिड़काव के जरिए वेक्टर को कम करने की कोशिश है.

इस बीमारी को लेकर के एक्सपर्ट्स का मानना है कि संक्रमण से बचाव के लिए पहले से सावधानियों को अपनाना जरूरी है. एनिमल वेलफेयर ऑफिसर अभिनव वर्मा के मुताबिक, वैक्सीनेशन के जरिए इस पर काबू पाया जा सकता है लेकिन जरूरी है कि ऐसे संक्रमण की पहचान होते ही जानवर को अलग कर दिया जाए और किसी भी तरीके से इस संक्रमण को फैलने से रोका जाए.

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एक्सपर्ट्स ने आगे बताया कि इस बीमारी में जानवर के शरीर पर लाल चकत्ते पड़ते हैं और संक्रमण तेजी से फैलता है. पश्चिमी यूपी में दूसरे राज्यों से आए जानवरों से यह संक्रमण यूपी में फैला है, जिसे केवल टीकाकरण के जरिए काबू में किया जा सकता है.

वहीं राज्य के पशुधन विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने भी लंपी वायरस को लेकर अलर्ट होने की बात कही है. यूपी तक से बातचीत में मंत्री ने कहा कि लंबी वायरस एक बड़ी समस्या है, जिसको लेकर के राज्य की सीमाएं हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश से बंद कर दी गई हैं. इसके साथ ही अलर्ट जारी है और किसी भी तरह के मेले के आयोजन पर रोक लगी है.

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