Varanasi Tak: काशी विश्वनाथ मंदिर में दान के लिए भेजे जा रहे मनी ऑर्डर में हुआ घोटाला?
द्वादश ज्योतिर्लिंग में से एक और अनगिनत शिव भक्तों की आस्था का केंद्र वाराणसी (Varanasi Tak) के काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Temple) में दान…
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द्वादश ज्योतिर्लिंग में से एक और अनगिनत शिव भक्तों की आस्था का केंद्र वाराणसी (Varanasi Tak) के काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Temple) में दान…
द्वादश ज्योतिर्लिंग में से एक और अनगिनत शिव भक्तों की आस्था का केंद्र वाराणसी (Varanasi Tak) के काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Temple) में दान के लिए भेजे गए मनी ऑर्डर में कथित तौर पर घोटाले का मामला सामने आया है. इस संबंध में मंदिर प्रशासन की तरफ से संबंधित थाने में हेराफेरी और धोखाधड़ी का मुकदमा मंदिर के सहायक कंप्यूटर ऑपरेटर के खिलाफ दर्ज कराया गया है.
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इतना ही नहीं, सहायक कंप्यूटर ऑपरेटर को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए जवाब-तलब भी किया गया है. अब मंदिर प्रशासन अलर्ट हुआ है तो पिछले 10 सालों के मनी ऑर्डर के रिकॉर्ड को खंगाला भी शुरू किया है.
अगर आप भी काशी स्थित बाबा विश्वनाथ के भक्त हैं और पिछले कुछ वर्षों में आपने मनी ऑर्डर के जरिए मंदिर में दान भेजा है तो यह जरूरी नहीं है कि दान की गई रकम मंदिर में सही हाथों तक पहुंची ही हो, क्योंकि पिछले 3 वर्षों का किसी तरह का रिकॉर्ड मनी ऑर्डर का मंदिर में नहीं मिल सका है. इसकी जानकारी मंदिर के अधिकारी को उस समय हुई जब उन्होंने कार्यालय का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान लगभग डेढ़ लाख रुपए जो पिछले 3 वर्षों में दानदाताओं की तरफ से मनी ऑर्डर के शक्ल में भेजे गए थे, उसका कोई लेखा-जोखा ही नहीं मिला.
अंत में संबंधित कर्मचारी सहायक कंप्यूटर ऑपरेटर शिव भूषण दिवेदी से भी पूछताछ की गई तो उसने भी संतोषजनक जवाब नहीं दिया. इस संबंध में सहायक कंप्यूटर ऑपरेटर शिव भूषण द्विवेदी को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए उससे जवाब भी तलब मंदिर प्रशासन ने किया है लेकिन तभी से वह फरार है.
थक हार कर बीते 3 अगस्त को ही मामला संबंधित चौक थाने में शिव भूषण द्विवेदी के खिलाफ धोखाधड़ी और हेराफेरी का दर्ज करा दिया गया और अब मंदिर प्रशासन पिछले 10 सालों के मनी ऑर्डर का रिकॉर्ड खंगालने में जुट गया है. जिसकी जद में कई अन्य कर्मचारी भी नप सकते हैं और लूटपाट की यह रकम और भी बढ़ सकती है.
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हालांकि इस मामले में न तो मंदिर प्रशासन और ना ही पुलिस के आला अधिकारी कुछ बोलने को तैयार हैं, क्योंकि मामला सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय से भी जुड़ा हुआ है. बताया यह भी जाता है कि FIR के वक्त ही पूरे मामले की जांच रिपोर्ट भी बनकर तैयार थी जो वाराणसी प्रशासन के हाथों शासन को सौंपी जानी है.
(पूरी खबर ऊपर शेयर किए गए वीडियो में भी देखा जा सकता है.)
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