Swami Prasad Maurya & Akhilesh Yadav : आने वाले चुनावों को देखते हुए स्वामी का ये आईडिया.. कितना दिलाएगा फायदा?
Swami Prasad Maurya & Akhilesh Yadav : आने वाले चुनावों को देखते हुए स्वामी का ये आईडिया.. कितना दिलाएगा फायदा?
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Swami Prasad Maurya & Akhilesh Yadav : आने वाले चुनावों को देखते हुए स्वामी का ये आईडिया.. कितना दिलाएगा फायदा?
रायबरेली की ऊंचाहार विधानसभा के गौरा ब्लाक स्थित मान्यवर काशीराम महाविद्यालय में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव 3 अप्रैल यानी कल कांशीराम की मूर्ति का अनावरण करेंगे.. पूरे कार्यक्रम की अध्यक्षता समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्या करेंगे.. आपको बता दें कि यह महाविद्यालय स्वामी प्रसाद मौर्या का ही है.. स्वामी प्रसाद मौर्य के राजनीतिक अखाड़े की शुरुआत इसी विधानसभा से हुई थी हालांकि तब इस विधानसभा को डलमऊ विधानसभा के रूप में जाना जाता था और पहली बार स्वामी प्रसाद मौर्या ने यहीं से चुनाव जीतकर विधानसभा की सीढ़ी पर कदम रखा था..
2014 में देश की राजनीति में बदले हुए राजनीतिक समीकरण के बाद जहां एक तरफ क्षेत्रीय पार्टियों का जनाधार लगातार गिर रहा है वही अब समाजवादी पार्टी को भी लग रहा है कि यादव और मुस्लिम बिरादरी के साथ-साथ अब एक ऐसे राजनीतिक गठबंधन की जरूरत है जो एक बड़ा वोट उनके लिए ला सकते हैं..अब अखिलेश यादव को भी लगने लगा है कि यादव और मुस्लिम बिरादरी के साथ-साथ ऐसे वोट बैंक की जरूरत है जो ना सिर्फ इन्हें मजबूत कर सके बल्कि राजनैतिक और जाति समीकरण के आधार पर इनके नेताओं को विधानसभा पहुंचाने में भी कारगर साबित हो..और ऐसे में अखिलेश यादव ने एक बड़ा दांव खेलते हुए दलितों के मसीहा माने जाने वाले कांशी राम की मूर्ति का अनावरण करने का फैसला किया है.. कभी मायावती के कैबिनेट रहे कई बड़े नेता या यूं कहें 2007 से 12 के कई मंत्री इस वक्त समाजवादी पार्टी में शामिल हो चुके हैं और दलितों के एक बड़े वोट बैंक को समाजवादी पार्टी के पक्ष में करने की कोशिश भी कर रहे हैं ।
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Maurya has, once again, engaged in a gamble, one that is fraught with political and personal risks. He has dared to question the sanctity of one of the most popular Hindu epics Ramcharitmanas, months before the BJP-led government is billed to showcase the under-construction Ram Mandir in Ayodhya as a major accomplishment ahead of the 2024 Lok Sabha election.
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