Dimple Yadav:डिंपल यादव ने BJP के खिलाफ गजब संभाला मोर्चा,ताबड़तोड़ एक्शन में डिंपल!

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Dimple Yadav:डिंपल यादव ने BJP के खिलाफ गजब संभाला मोर्चा,ताबड़तोड़ एक्शन में डिंपल!

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24 के समर के लिए पूरा यादव कुनबा जुट गया..अखिलेश यादव संभाल रहे हैं मोर्चा,तो कहीं चाचा शिवपाल..और इसमें यादव परिवार की बहू भी पीछे नहीं..सपा के गढ़ को बचाने या फिर वापस पाने की कोशिशें लगातार जारी हैं..जिसमें मैनपुरी भी बेहद खास है..और मैनपुरी की कमान थाम रखी है डिंपल यादव ने..वो लगातार यहां के दौरे कर रही हैं..लोगों के दुख सुख में शामिल होने पहुंच रही हैं..सोमवार को सपा सांसद डिंपल गोकुलपुर अरसारा पहुंचीं..जहां कुछ दिन पहले सामूहिक हत्याकांड हुआ था..ऐसे में डिंपल उस परिवार के दर्द में शरीक होने पहुंची..उन्होंने मृतक की मां से घटना की जानकारी ली..डिंपल को घटना बताते हुए मां शारदा देवी बिलख पड़ीं..ऐसे में डिंपल यादव भी मानो भावुक हो गईं,,उनकी भी आंखें नम हो गईं..इस दौरान डिंपल यादव ने मृतकों को श्रद्धांजलि दी..तो शोक संतप्त परिवार को हर संभव मदद का भरोसा भी,,तो वहीं जो लोग इसमें घायल हैं उनके इलाज का खर्च भी उठाने की बात सपा सांसद ने की.आपको बता दें कि नेता जी के देहांत के बाद पिछले साल दिसंबर में हुए लोकसभा उपचुनाव में जीत के बाद से लगातार डिंपल यादव अपने संसदीय क्षेत्र में एक्टिव हैं..और इन दिनों उनके दौरे और भी ज्यादा बढ़ गए हैं..ऐसे में इसे 2024 की तैयारी के तौर पर भी देखा जा रहा है..ताकि यादव लैंड की इस सबसे खास सीट पर,नेता जी की सीट पर 2024 में बंपर जीत हासिल की जा सके..वहीं यहीं कि करहल सीट से अखिलेश यादव भी विधायक हैं तो ये लोकसभा सीट सपा की साख का बड़ा सवाल है..क्योंकि बीजेपी भी हर सूरते हाल में इस सीट को अपने खाते में डालना चाहती है..जिसके लिए वो नेता जी का नाम भी जप रही है,,आपको बता दें कि मैनपुरी सीट पर अब तक सपा 8 बार चुनाव जीत चुकी है..खुद मुलायम सिंह यादव यहां से 5 बार सांसद रहे..नेता जी से यहां के लोगों का हार्ट टू हार्ट कनेक्शन था..वो खुद लोगों के सुख दुख में शामिल हुआ करते थे..नेता जी का लोगों से व्यकि्तगत जुड़ाव ही यहां सपा की सबसे बड़ी ताकत थी..जिसका असर आस-पास की यादव बेल्ट की सीटों पर भी माना जाता था,,और मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में उसकी बदौत नेता जी के ना होने पर उनकी बहू डिंपल यादव को 2 लाख से ज्यादा से वोटों से जीत मिली थी..ऐसे में अखिलेश यादव और डिंपल उसी कनेक्शन को बरकरार रखने की कोशिशों में जुटे हुए हैं..ताकि उनका बेस यहां मजबूत रहे 2024 के लिए..तो डिंपल ताबड़तोड़ अपने इलाके में एक्टिव हैं..तो अखिलेश कन्नौज समेत और गढ़ों को साधने में लगे हैं..जबकि आज़मगढ़ की जिम्मेदारी मिली है चाचा शिवपाल को..ऐसे में आप क्या कहेंगे..क्या नेता जी के ना होने पर जो वैक्यूम बना है उसे यादव परिवार की ये बहू भर पाएगी,क्या अपने तमाम गढ़ों में फिर से बंपर वापसी की कोशिश यादव कुनबे की कामयाब हो पाएगी..कमेंट बॉक्स में अपनी राय जरूर रखे।

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