UPTET: पेपर लीक से बचने के लिए इस बार खास व्यवस्थाएं, जानें कब तक परीक्षा के हैं आसार
उत्तर प्रदेश अध्यापक पात्रता परीक्षा ( यूपी टीईटी 2021) पेपर लीक होने के कारण रद्द हुई थी. बताया जा रहा है कि यूपीटीईटी की नई…
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उत्तर प्रदेश अध्यापक पात्रता परीक्षा ( यूपी टीईटी 2021) पेपर लीक होने के कारण रद्द हुई थी. बताया जा रहा है कि यूपीटीईटी की नई परीक्षा अगले साल में जनवरी के दूसरे सप्ताह के बाद होगी, लेकिन अभी तक परीक्षा की तारीख का कोई आधिकारिक ऐलान नहीं हुआ है. जल्द ही परीक्षा की नई तारीख के ऐलान की संभावना जताई जा रही है.
नई परीक्षा के लिए नए प्रश्न पत्र बनाने के बाद एक सिक्योर्ड प्रिंटिंग प्रेस का चयन किया जाएगा, जहां से पूरे सुरक्षा मानकों के साथ प्रश्न पत्र छपवाया जा जाएगा.
28 नवंबर को टीईटी परीक्षा का पेपर लीक हुआ तो बताया गया कि एक महीने के अंदर दोबारा परीक्षा करा ली जाएगी, लेकिन 28 दिसंबर तक यह परीक्षा दोबारा हो पाना मुश्किल है. टीईटी परीक्षा अब जनवरी 2022 के दूसरे सप्ताह के बाद ही कराई जा सकती है. इस देरी के पीछे केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी सीटीईटी की ऑनलाइन परीक्षा है.
दरअसल, 16 दिसंबर से केंद्रीय अध्यापक पात्रता परीक्षा ऑनलाइन मोड में होनी है. कंप्यूटर सेंटर पर होने वाली सीटीईटी की परीक्षा 16 दिसंबर से शुरू होकर 13 जनवरी तक चलेगी. टीईटी के साथ सीटीईटी की परीक्षा में बड़ी संख्या में अभ्यर्थी बैठते हैं. ऐसे में टीईटी परीक्षा के लिए तारीखें खोजना भी एक बड़ी चुनौती है.
ऐसे कई अभ्यर्थी होते हैं जो यूपीटीईटी के साथ-साथ सीटीईटी का फॉर्म भी भरते हैं. सीटीईटी परीक्षा को पास करने वाले केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय और आर्मी स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए आवेदन करते हैं.
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इसके साथ-साथ कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में भी टीचर बनने के लिए सीटीईटी पास होना जरूरी होता है, जबकि यूपीटीईटी पास अभ्यर्थी सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही शिक्षक की भर्ती पर आवेदन कर सकता है, इसलिए अभ्यर्थी यूपीटीईटी के साथ सीटीईटी की परीक्षा का फॉर्म भी भरते हैं.
शिक्षा विभाग को टीईटी के नए प्रश्न पत्र बनाने के साथ-साथ पेपर की छपाई की सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखना होगा. पेपर लीक होने के बाद से सबक लेते हुए इस बार की टीईटी परीक्षा में आमूलचूल परिवर्तन किए जाएंगे.
हर परीक्षार्थी के लिए एक अलग लिफाफा बना होगा. इस लिफाफे में बच्चे का प्रश्न पत्र, कॉपी और ओएमआर शीट रखी होगी. पेपर लीक होने की संभावनाओं को खत्म करने के लिए कोशिश की जा रही है कि हर ओएमआर शीट की कोडिंग अभ्यर्थी के आधार नंबर से लिंक किया जाए यानी ओएमआर शीट, रोल नंबर और अभ्यर्थी का आधार कार्ड नंबर इंटरलिंक होंगे.
पेपर लीक के पिछले अनुभव से सबक लेते हुए प्रश्न पत्र छापने का काम उसी प्रिंटिंग प्रेस को दिया जाएगा, जिसको गोपनीय दस्तावेज छापने का अनुभव होगा. मानकों के अनुसार चयनित प्रिंटिंग प्रेस किसी दूसरे राज्य की होगी, जिसकी दूरी कम से कम 1000 किलोमीटर हो.
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यूपी तक से बातचीत में बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने कहा कि जल्द परीक्षा की तारीखों का ऐलान किया जाएगा, लेकिन नए प्रश्न पत्र का चयन और नई सिक्योरिटी प्रिंटिंग प्रेस का चयन होना है, इसलिए थोड़ा वक्त लग रहा है.
क्या परीक्षा नियामक प्राधिकारी के सचिव संजय उपाध्याय अकेले ही पेपर लिक के लिए जिम्मेदार हैं या कोई और बड़ा ओहदेदार भी शामिल है? इस पर शिक्षा मंत्री का कहना है, “वह जिम्मेदार व्यक्ति होता है जिसके नेतृत्व में परीक्षा होती है, उसकी सर्वाधिक जिम्मेदारी होती है. संजय उपाध्याय को सारी चीजों को देखना चाहिए था समझना चाहिए, ताकि प्रिंटिंग प्रेस सुरक्षित है या नहीं.”
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