यूपी पुलिस ने चीनी ऑपरेटर से जुड़े ₹4200 करोड़ के क्रिप्टो धोखाधड़ी मामले का किया खुलासा

भाषा

ADVERTISEMENT

UPTAK
social share
google news

उत्तर प्रदेश पुलिस (Uttar Pradesh Police) की साइबर अपराध शाखा ने चीन में स्थित अपराधियों से जुड़ी 4,200 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का खुलासा किया है. एक वरिष्ठ अधिकारी शुक्रवार को बताया कि यह धोखाधड़ी पूरे भारत में की गई.

उत्तर प्रदेश साइबर अपराध शाखा के पुलिस अधीक्षक त्रिवेणी सिंह ने कहा कि पुलिस ने क्रिप्टो कारोबार से जुड़ी धोखाधड़ी का पता लगाया है. इसे तत्काल कर्ज देने वाले ऐप और बल्क एसएमएस के जरिए फर्जी नौकरी के विज्ञापनों की मदद से अंजाम दिया गया.

उन्होंने कहा कि पुलिस को इस साल की शुरुआत में चीन स्थित ऑपरेटरों द्वारा तत्काल ऋण देने वाले ऐप और प्रमुख कंपनियों में अंशकालिक नौकरी की पेशकश करने वाले एसएमएस के जरिए एक संपर्क मिला था. उन्होंने बताया कि इस जालसाजी का मकसद पूरे भारत में करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करना था.

सिंह ने पीटीआई-भाषा से कहा, ”हमने पहले चीन से जुड़े करीब 3,000 करोड़ रुपये के घोटाले का पता लगाया था. लेकिन, अब उनके तार फर्जी वेबसाइट के जरिए क्रिप्टो ट्रेडिंग से भी जुड़ गए हैं.”

यूपी साइबर पुलिस के प्रमुख ने कहा, ”इन लोगों ने क्रिप्टो ट्रेडिंग के लिए नकली वेबसाइट और ऐप बनाए और लोगों को भारी मुनाफे के लिए निवेश करने का लालच दिया.”

यह भी पढ़ें...

ADVERTISEMENT

उन्होंने कहा कि यह धनराशि पहले स्थानीय भारतीय बैंक खातों और घोटाले से जुड़े लोगों के डिजिटल वॉलेट में भेजी जाती है. सिंह ने कहा, ”इसके बाद पैसा जेबपे (भारत में उपलब्ध एक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज मंच) में और फिर बिनैंस (एक अंतरराष्ट्रीय क्रिप्टो एक्सचेंज मंच) में स्थानांतरित कर दिया जाता है. फिर यह धनराशि पूरे घोटाले के मास्टरमाइंड की पहुंच में आ जाती है.”

उन्होंने कहा कि यह एक बहुत बड़ा रैकेट है और कुछ संचालक नेपाल में भी हैं, लेकिन इसे अंततः चीन से नियंत्रित किया जा रहा है.

सिंह ने कहा कि अभी तक के अनुमानों के मुताबिक यह धोखाधड़ी 4,200 करोड़ रुपये की है और चीनी ऑपरेटरों से जुड़ी हुई है.

ADVERTISEMENT

जानें क्या है ‘ऑपरेशन प्रहार’, जिसके तहत मुख्तार अंसारी पर एक्शन की तैयारी कर रही मऊ पुलिस

ADVERTISEMENT

    follow whatsapp

    ADVERTISEMENT