उत्तर प्रदेश सरकार ने बुंदेलखंड में पहले टाइगर रिसर्व को मंजूरी दी, जानें क्या होगा खास
Bundelkhand News:उत्तर प्रदेश में बाघ संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए मंत्रिमंडल ने बुंदेलखंड में बाघ अभयारण्य (टाइगर रिसर्व) बनाने को मंगलवार को मंजूरी दे…
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Bundelkhand News:उत्तर प्रदेश में बाघ संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए मंत्रिमंडल ने बुंदेलखंड में बाघ अभयारण्य (टाइगर रिसर्व) बनाने को मंगलवार को मंजूरी दे दी. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई बैठक में, मंत्रिमंडल ने वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत रानीपुर बाघ अभयारण्य को अधिसूचित करने की मंजूरी दी. यह अभयारण्य 52,989.863 हेक्टेयर में होगा, जिसमें 29,958.863 हेक्टेयर बफर क्षेत्र और 23,031.00 हेक्टेयर मुख्य क्षेत्र शामिल है. इसे पहले राज्य के चित्रकूट जिले में रानीपुर वन्यजीव अभयारण्य के रूप में अधिसूचित किया गया था.
राज्य सरकार द्वारा जारी एक बयान में कहा कि आवश्यक पदों की मंजूरी के साथ ‘रानीपुर टाइगर कंजर्वेशन फाउंडेशन’ की स्थापना का भी निर्णय लिया गया है. इसके संचालन हेतु एकमुश्त 50 करोड़ रुपये निधि की व्यवस्था तथा रानीपुर बाघ अभयारण्य के प्रशासनिक नियंत्रण हेतु व्यवस्था किए जाने के प्रस्ताव को मंत्रिमंडलने स्वीकृति प्रदान कर दी है.
रानीपुर बाघ अभयारण्य अधिसूचित होने के बाद भारत सरकार की ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ योजना के तहत आ जाएगा.
मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण के आदेशों, भारत सरकार की अपेक्षाओं तथा प्रदेश में जैव ऊर्जा उद्यमों की स्थापना की संभावनाओं को फलीभूत करने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य जैव ऊर्जा नीति-2022 को स्वीकृति प्रदान कर दी है. इससे प्रदेश में 5,500 करोड़ रुपये का निवेश प्राप्त होगा.
बयान में कहा गया कि इस नीति के अन्तर्गत स्थापित होने वाले संयंत्रों से किसानों की आय में वृद्धि होगी और पराली जलाए जाने की समस्या का समाधान होगा. इससे वायु प्रदूषण में भी कमी आएगी.
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