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यूपी में बिजली क्राइसिस बढ़ी, हड़ताल से इन जगहों पर चरमराई व्यवस्था, लोग परेशान

अभिषेक मिश्रा

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उत्तर प्रदेश में बिजली विभाग के हजारों कर्मचारियों ने हड़ताल शुरू कर दी है. बिजली विभाग के कर्मचारियों की 72 घंटे की हड़ताल का असर भी देखने को मिल रहा है. उत्पादन निगम की 1030 मेगावाट क्षमता की 5 इकाइयां ठप हो गई है. प्रदेश के कई क्षेत्रों में बिजली गुल है या घंटों से गायब है. इसी के साथ लोगों की फाल्ट या बिजली संबंधित अन्य परेशानियां आने पर भी उसे ठीक नहीं किया जा रहा है. बता दें कि बिजली विभाग के कर्मचारियों की इस हड़ताल पर विभाग के संविदा कर्मचारी भी शामिल हैं.

बिजली कर्मियों की हड़ताल के संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने यूपीतक से खास बातचीत की है. उन्होंने कहा है कि बिजली कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उप्र के आह्वान पर 16 मार्च की रात से यह हड़ताल शुरू हुई है, जिसका असर प्रदेश की बिजली व्यवस्था पर व्यापक तौर से पड़ा है.

‘उत्पादन निगमों की 5 इकाइयां हुई ठप और 33/11 केवी उपकेंद्रों की आपूर्ती चरमराई’

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शैलेंद्र दुबे ने बताया कि इस हड़ताल से उत्पादन निगमों की की 5 इकाइयां ठप हो गई हैं तो वहीं पारेषण की कई लाइनें बंद हैं. हड़ताल से  व्यापक पैमाने पर 33/11 केवी उपकेंद्रों की आपूर्ति व्यवस्था चरमरा गई है.

समिति के पदाधिकारियों का दावा है कि इस हड़ताल से अनपरा में 210-210 मेगावाट क्षमता की 2 इकाइयां, ओबरा में 200-200 मेगा वाट क्षमता की 9 एवं 11 नंबर की इकाई, पारीछा में 210 मेगा वाट क्षमता की 3 नंबर की इकाई बंद करनी पड़ी है.

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इसी के साथ दावा किया है कि अनपरा में 210 मेगवाट की एक इकाई, 500 मेगा वाट की एक इकाई और पारीछा में 110 मेगावाट की एक इकाई जो पहले से बंद थी, उसे भी बिजली कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने के कारण नहीं चलाया जा सका. दावा है कि इस हड़ताल से कुल 1850 मेगा वाट का उत्पादन प्रभावित हुआ है. समिति के पदाधिकारियों का कहना है कि बिजली आपूर्ती से हड़ताल पर बड़ा असर पड़ा है.

क्या है बिजली विभाग कर्मियों की मांगे

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बता दें कि बिजली विभाग कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली, वेतनमान समेत कई मांगे हैं. कर्मचारियों का का दावा है कि पिछले साल 3 दिसंबर को बिजली विभाग के कर्मचारियों का ऊर्जा मंत्री के साथ समझौता हुआ था. मगर आरोप है कि अभी तक उस समझौते का पालन नहीं किया गया है.

विभाग के कर्मचारियों का कहना है कि समझौते का पालन नहीं किया गया. इस वजह से पूरे उत्तर प्रदेश में बिजली विभाग के कर्मियों ने हड़ताल शुरू कर दी है.

ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबंधन को ठहराया हड़ताल का जिम्मेदार

बता दें कि संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबंधन को हड़ताल का जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा है कि बिजलीकर्मी ऊर्जा मंत्री के साथ हुए समझौते के सम्मान के लिए लड़ रहे हैं. बिजलीकर्मी बिजली संयंत्रों को अपनी मां मानते हैं. ऐसे में तोड़फोड़ के आरोप गलत हैं. हड़ताल शांतिपूर्ण तरीके से चल रही है.

ऊर्जा मंत्री पर लगाया आरोप

संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा है कि ऊर्जा मंत्री के साथ समझौता किया गया था. मगर ऊर्जा मंत्री ने उस समझौते का पालन नहीं किया. बातचीत के दरवाजे भी खुले हुए हैं, लेकिन कभी बात करने के लिए बुलाया नहीं गया. फिलहाल यह हड़ताल 3 दिन तक रहेगी, लेकिन अगर बिजली विभाग का ऐसा ही रवैया रहा तो कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के लिए भी मजबूर हो सकते हैं.

दावा-एक भी बिजली कर्मी नहीं गया ड्यूटी पर

समिति के पदाधिकारियों का दावा है कि 16 मार्च की रात 10 बजे हड़ताल शुरू हुई है. उसके बाद से उत्पादन गृहों, एसएलडीसी और पारेषण विद्युत उपकेंद्रों की रात्रि पाली में कार्य करने के लिए एक भी बिजली कर्मी ड्यूटी पर नहीं गया है.

यूपी के कई जिलों में बिजली की समस्या

बड़ताल का असर यूपी में दिख रहा है. करीब-करीब हर जिले से बिजली आपूर्ति बाधित होने की खहरें आ रही हैं. बाराबंकी में भी बिजलीकर्मियों की 72 घंटे की हड़ताल खलवली मच गई है. बिजली कर्मियों की हड़ताल की वजह से दर्जनों गांवों में बिजली गुल है. सिरौली-गौसपुर के सरकारी अस्पताल की इमरजेंसी में सन्नाटा पसरा हुा है. आम नागरिकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बिजली न होने से पानी की समस्या भी शुरू हो गई है. ग्रामीणों का कहना है कि बिजली कर्मचारियों की हड़ताल से की वजह से बुरा हाल हो गया है. बिजली न होने की वजह से सारे काम बंद है

बता दें कि यूपी में बारिश भी हो रही है. ऐसे में बाराबंकी में बिना बिजली के इमरजेंसी सर्विस अस्पताल, फायर स्टेशन, तहसील सहित कई सरकारी कार्यालयों की बिजली आपूर्ति कई घंटों से बाधित है. क्षेत्र में हुई बारिश के चलते कई फीडर ब्रेकडाउन भी हुए हैं.

हड़ताल का दिख रहा बड़ असर

बता दें कि बरेली के आस-पास जिलों  और गाजिपुर के क्षेत्रों में भी हड़ताल का असर दिख रहा है. यहां  पिछले कई घंटे से बिजली गायब रही. इस दौरान बरेली समेत यूपी के कई जिलों में बारिश भी हो रही है. ऐसे में लोगों को बिना बिजली के भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

कृष्ण गोपाल यादव के इनपुट के साथ

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