पिता मुख्तार अंसारी की कब्र पर फिर पहुंच गए उमर, चालीसवें से पहले किया ये काम करने का ऐलान

विनय कुमार सिंह

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Mukhtar Ansari News: गैंगस्टर से माफिया बने मुख्तार अंसारी की कब्र पर वीआईपी लोगों का आना-जाना लगा हुआ है. इस बीच मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी पिता की कब्र पर पहुंचे. उनके साथ गाजीपुर के सपा विधायक जय किशुन साहू और सकलडीहा, चंदौली से सपा विधायक प्रभुनारायण यादव मजूद रहे. इस मौके पर मुख्तार के बेटे ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि 'जेल में खाने में जहर की शिकायत का आरोप तो खुद पिताजी ने ही लगा दिया था. हमने उनके बाद कहना शुरू किया है. 26 तारीख को जब वो बेहोश होकर गिर गए, उनको बांदा मेडिकल कॉलेज के आईसीयू में भर्ती किया गया. कोई आईसीयू में स्वस्थ भी हो जाता है तो उसे ऑब्जर्वशन में रखा जाता है. 

उमर ने आगे कहा, "28 को मेरी उनके इंतकाल के तीन घंटे पहले बातचीत हुई थी, जिसका ऑडियो वायरल है. मैंने साफ किया है ये स्वाभाविक मौत नहीं है ये सुनियोजित हत्या है." 

 

 

अब्बास अंसारी को लेकर उमर ने ये कहा 

जेल में बंद बड़े भाई से हालिया मुलाकात पर उमर ने कहा कि 'हमारे बड़े भाई विधायक हैं. सुप्रीम कोर्ट बंद होने की वजह वो आ नहीं पाए. लेकिन उम्मीद है कि चालीसवां से पहले वो आ जाएंगे. पिता सबकुछ होता है. एक पुत्र अपने पिता के लिए कुछ कर नहीं सकता है. वे गरीबों की जो मदद करते थे, उनकी लड़ाई लड़ते थे...वो रास्ता मेरे लिए छोड़ गए हैं. गरीबों को लामबंद करके उनकी मदद करेंगे."

मेरे पिता गरीबों के रहनुमा थे: उमर

 

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मुख्तार की कब्र पर दूर दराज से लोगों के आने और वीडियो कॉल के जरिए दीदार करने और फातिया पढ़ने के सवाल पर उमर ने कहा, "चलिए सच तो बताया आप लोगों ने. कतर, दुबई, सिंगापुर, अमेरिका, इंग्लैंड से लोग काल कर रहे हैं. वीडियो कॉल से लोग दुआ दे रहे हैं. उनके जनाजे ने उनको माफिया और गुंडा कहने वाली मीडिया का भी जनाजा निकाल दिया. मेरे पिता को कोई कुछ कहे, लेकिन वे गरीबों के रहनुमा थे. वो उनके कभी ढाल बनकर खड़े रहे तो कभी तलवार बनकर लड़े. 

 

 

मां अफ्शा को लेकर उमर ने ये बताया

अपनी फरार मां अफ्शा अंसारी के सवाल पर उमर ने कहा, "मेरी वकील से बात हुई है और उम्मीद करते हैं कि जल्द उनको रेमेडी मिलेगी. कानूनी रूप से हम अपनी लड़ाई को जारी रखेंगे."

बांदा जेल में कैदियों के बीच मुख्तार की लोकप्रियता पर उमर ने एक राज खोला और कहा कि 'उनको जब पंजाब से बांदा की जेल लाया गया, वहां की जेल में कोई फूल नहीं बचा था, कैदियों ने जेल की क्यारी के सारे फूल तोड़कर उनके ऊपर न्योछावर किए थे. मेरे पिता की खबर सुनकर लोग महाराष्ट्र, केरला, और कई जगहों से आए हैं बाइक से लोग बाहरी प्रदेशों से चले आ रहे हैं.'

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