बैग में रखे एक लाख रुपए लेकर भागा बंदर, रामपुर में हुआ अजब तमाशा फिर देखने को मिला ये
अगर आप रुपया-पैसा लेकर रजिस्ट्री करने जा रहे हैं तो चोर उचक्कों के इलावा कोई और भी है जिससे सावधान रहना चाहिए वो है रामपुर…
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अगर आप रुपया-पैसा लेकर रजिस्ट्री करने जा रहे हैं तो चोर उचक्कों के इलावा कोई और भी है जिससे सावधान रहना चाहिए वो है रामपुर की शाहबाद तहसील भवन क्षेत्र के बंदर जो अक्सर ही रुपये भरे बेग ले उड़ते हैं. बंदरों के चलते लोगों में दहशत हैं.
रामपुर की शाहबाद तहसील में एक बंदर एक ही झटके में लखपति बन गया. रजिस्ट्री ऑफिस में बैनामा कराने आए व्यक्ति की मोटर साइकिल से बंदर द्वारा एक लाख रुपये लेकर भागने पर हंगामा मच गया. शोर-शराबा सुनकर मौके पर लोग इकट्ठा हुए, जिन्हें पेड़ पर चढ़े बंदर से पैसे वापस लेने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी.
मंगलवार को मोहल्ला जिलेदारन के रहने वाले अबरार पुत्र शराफत हुसैन वर्तमान में दिल्ली में रहते हैं. तहसील में बैनामा कराने के लिए आए थे, तभी एक लाख रुपये उनकी मोटरसाइकिल के बैग में रखे हुए थे.
अबरार अपनी मोटरसाइकिल खड़ी कर वकील के बिस्तर पर जा कर बैठे और बैनामे की बाबत हिसाब-किताब लगवाना शुरू किया. इतने में बंदर बैग में रखे एक लाख निकालकर भाग गया. माजरा देख अबरार के होश उड़ गए. शोर सुनकर तहसील में मौजूद वकील और ग्रामीण मौके पर इकट्ठा हो गए. बंदर का पीछा किया गया तब जाकर बड़ी मशक्कत के बाद अबरार को एक लाख रुपये वापस मिले.
शाहाबाद में बंदरों का आतंक चरम सीमा पर है. तहसील के अलावा भी नगर और ग्रामीण क्षेत्रों में आए दिन बंदरों के द्वारा घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है. इसको लेकर अब प्रशासन के भी कान खड़े हो गए हैं और अधिकारी भी अब इन बंदरों के आतंक से नगर और ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को सुरक्षित रखने के लिए बंदरो को पकड़वा कर जंगल मे छुड़वाने की बात कर रहे हैं.
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इस विषय पर उपजिलाधिकारी शाहबाद अनिल कुमार ने बताया कि ‘यहां पर बंदरों का प्रकोप ज्यादा देखने को मिल रहा है तो बंदरों की संख्या कम करने के लिए किसी प्रोफेशनल को पता लगा कर बुलाया जाएगा. कुछ बंदरों को पकड़वा करके सेफ सुरक्षित तरीके से किसी जंगल में भेज कर उनकी संख्या कम की जाएगी.
संभावना है कि हम पूरे तहसील लेवल पर कर पाए, लेकिन जो भी यहा पर तहसील में स्थान है, तहसील है और नगर पंचायत का एरिया है. यही दो-तीन जगह पहले कम करने का प्रयास करेंगे और फिर पूरे तहसील क्षेत्र में कम कराने के लिए प्रधानों से बैठक करके निर्णय लिया जाएगा.
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