30 साल की इस महिला के गर्भ में नहीं लीवर में पल रहा भ्रूण! मेरठ जैसा ये केस नहीं देखा होगा आपने
UP News: मेरठ में डॉक्टरों को चौंकाने वाला दुर्लभ मामला मिला. महिला के लीवर में पल रहा था 12 हफ्ते का गर्भ. मां की जान खतरे में.
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UP News: विज्ञान और चिकित्सा की फील्ड में कभी-कभी ऐसे मामले सामने आते हैं, जिन्हें जान हर कोई हैरत में पड़ जाता है. इसी कड़ी में अब एक अजीबो-गरीब मामला यूपी के बुलंदशहर जिले से आया है. यहां एक दुर्लभ मामले ने सबके होश उड़ा दिए हैं, जिसमें 30 वर्षीय एक महिला के पेट दर्द की जांच में पता चला कि उसका 12 हफ्ते का गर्भ गर्भाशय की जगह सीधे लीवर में पल रहा था. इस घटना ने डॉक्टरों को भी अचंभित कर दिया है. ऐसा दावा किया जा रहा है कि इस प्रकार का मामला आज तक कभी उत्तर प्रदेश में सामने नहीं आया है.
पेट दर्द की शिकायत के बाद पता चली ये बात
यह चौंकाने वाला मामला बुलंदशहर की एक गृहिणी का है. महिला के पहले से दो बच्चे हैं और उसका पति एक निजी कंपनी में नौकरी करता है. महिला पिछले दो महीनों से लगातार पेट दर्द और उल्टी की शिकायत से परेशान थी. उसने कई जगहों पर अपना इलाज कराया, लेकिन किसी भी डॉक्टर को समस्या की असली वजह समझ नहीं आ रही थी. इस कारण महिला काफी परेशान थी.
जब महिला का दर्द असहनीय हो गया, तो उसे एक निजी इमेजिंग सेंटर पर पूरे पेट के एमआरआई (MRI) जांच के लिए भेजा गया. रेडियोलॉजिस्ट डॉ. केके गुप्ता ने जब एमआरआई की रिपोर्ट देखी तो उनके होश उड़ गए. जांच में साफ पता चला कि 12 हफ्ते का गर्भ, जिसकी धड़कन भी स्पष्ट थी वह गर्भाशय में न होकर सीधे महिला के लीवर के दाहिने भाग में पल रहा था.
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डॉ. केके गुप्ता ने इस घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि 22 जुलाई को यह महिला एमआरआई के लिए आई थी. उन्होंने कहा, "महिला दो महीने से पेट दर्द और उल्टी से परेशान थी. जब हमने उसका एमआरआई की तो पाया कि उसके लीवर में 12 हफ्ते की प्रेगनेंसी है, गर्भ की धड़कन भी थी और वह 12 हफ्ते का पूरा विकसित गर्भ था."
डॉ. गुप्ता के अनुसार, यह घटना इतनी दुर्लभ है कि उन्होंने इस बारे में विस्तृत शोध किया. उन्हें पता चला कि पूरी दुनिया में अब तक लीवर में गर्भधारण के केवल 18 मामले ही सामने आए हैं. उन्होंने आशंका जताई है कि यह भारत में दर्ज किया गया पहला ऐसा मामला हो सकता है.
मां की जान का है खतरा!
डॉ. गुप्ता ने यह भी बताया कि ऐसे मामलों में 14 हफ्ते तक ही गर्भ को रखा जा सकता है, जिसके बाद मां के जीवन को गंभीर खतरा पैदा हो जाता है. उन्होंने कहा कि 14 हफ्ते से पहले ही ऑपरेशन करके गर्भ को निकालना बेहद जरूरी होता है. ताजा जानकारी के अनुसार, महिला की गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे बेहतर इलाज के लिए दिल्ली एम्स (AIIMS) रेफर कर दिया गया है.
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