फ्लैट, लग्जरी गाड़ियां और फैक्ट्री के मालिक प्रवीण मित्तल को बनना पड़ा था टैक्सी ड्राइवर! पूरे परिवार के The End की ये कहानी चौंका देगी
UP News: देहरादून के प्रवीण मित्तल ने हरियाणा के पंचकूला में गाड़ी खड़ी की. गाड़ी के अंदर उनकी पत्नी, 3 बच्चे और बुजुर्ग माता-पिता थे. इसके बाद सभी ने दुनिया को अलविदा कह दिया. अब प्रवीण मित्तल की अर्श से फर्श पर आने की जो कहानी सामने आई है, उसने सभी को चौंका दिया है.
ADVERTISEMENT

देहरादून के रहने वाले प्रवीण मित्तल का मामला जान हर कोई हैरान है. आखिर ऐसा क्या हो गया कि उन्होंने अपने पूरे परिवार के साथ इस दुनिया को अलविदा कह दिया? आखिर ऐसी क्या मजबूरी आ गई कि पूरे परिवार ने गाड़ी में बैठकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली? पहले पूरा परिवार हरियाणा के पंचकूला में आयोजित बाबा बागेश्वर धाम की हनुमंत कथा में गया और फिर वहां से देहरादून के लिए लौटने लगा. मगर पंचकूला में ही इस पूरे परिवार ने सामूहिक रूप से अपनी जान दे दी.
प्रवीण मित्तल की जो कहानी सामने आ रही है, वह और सनसनीखेज है. दरअसल ये कहानी अर्श से फर्श पर आने की है. एक समय था जब प्रवीण मित्तल फैक्ट्री के मालिक हुआ करते थे. उनके पास करोड़ों की संपत्ति थी. मगर फिर एक वक्त ऐसा भी आया जब वह टैक्सी ड्राइवर बनकर अपने परिवार का पालन-पोषण करने के लिए मजबूर हो गए. बुरी तरह से आर्थिक तंगी में फंस गए और आखिर में इन परेशानियों ने पूरे परिवार को ही निगल लिया.
क्या हुआ प्रवीण मित्तल के साथ?
मिली जानकारी के मुताबिक, प्रवीण मित्तल हरियाणा के हिसार के रहने वाले थे. कुछ साल पहले तक उनकी हिमाचल के बद्दी में स्क्रैप फैक्ट्री थी. जिंदगी में सब कुछ सही चल रहा था. प्रवीण की शादी रीना मित्तल से हुई थी. शादी के बाद 1 बेटा और 2 बेटियां भी हुई.
यह भी पढ़ें...
पूरा परिवार पंचकूला में ही रहता था. मगर फिर किस्मत बदली और प्रवीण मित्तल के अर्श से फर्श पर आने का सफर शुरू हुआ. बताया जा रहा है कि फैक्ट्री का काम चौपट होता चला गया. व्यापार में घाटा होने लगा. प्रवीण मित्तल के ऊपर 15 से 20 करोड़ का कर्जा हो गया. बैंक ने फैक्ट्री सीज कर दी. फ्लैट से लेकर प्रवीण मित्तल की संपत्तियां भी सीज कर दी गईं.
देहरादून चला गया परिवार
फैक्ट्री बंद होने और 15 से 20 करोड़ का कर्ज होने के बाद ये पूरा परिवार देहरादून शिफ्ट हो गया. 5 सालों तक ये परिवार किसी के संपर्क में नहीं रहा. परिवार आर्थिक परेशानियों में फंस गया. रिश्तेदार भी काफी अमीर थे. मगर परेशानी में किसी ने मदद नहीं की. परिवार ने खुद को संभालने की हर संभव कोशिश की. मगर कामयाब नहीं हो पाया.
टैक्सी चालक बन परिवार का किया पालन-पोषण
परिवार का पालन-पोषण करने के लिए प्रवीण मित्तल ने फिर देहरादून भी छोड़ दिया और पंचकूला के पास स्थित एक गांव में रहने लगे. परिवार का पालन-पोषण करने के लिए वह टैक्सी ड्राइवर बन गए. दरअसल उनके 2 फ्लैट, फैक्ट्री और गाड़ियों को बैंक ने सीज कर दिया था. ऐसे में टैक्सी ड्राइवर बनकर उन्होंने अपने परिवार का पालन पोषण किया. मगर आर्थिक हालत संभले नहीं और लगातार बिगड़ते ही चले गए. करीब 2 सालों से वह टैक्सी चला रहे थे.
पूरे परिवार ने की जिंदगी खत्म
अब प्रवीण मित्तल ने अपने पूरे परिवार के साथ अपनी जिंदगी खत्म कर ली है. पंचकूला में ही गाड़ी खड़ी करके सभी ने गाड़ी के अंदर जहर खा लिया. जब आस-पास के लोगों को मामले की जानकारी मिली तो प्रवीण मित्तल गाड़ी के बाहर निकले. इस दौरान उनका दर्द एक बार फिर उनकी जुबान पर आया.
प्रवीण मित्तल ने वहां खड़े एक शख्स से कहा कि हम सभी ने जहर खा लिया है. बहुत कर्ज था. मेरे रिश्तेदार बहुत रहीस-अमीर हैं. मगर किसी ने भी हमारी मदद नहीं की. जब लोगों ने गाड़ी के अंदर मौजूद लोगों को देखा तो किसी में कोई हरकत नहीं हो रही थी. कुछ पल बाद प्रवीण मित्तल की भी मौत हो गई.
आखिरी नोट में क्या लिखा?
बता दें कि पुलिस को गाड़ी के अंदर से एक नोट मिला है. नोट में प्रवीण मित्तल ने लिखा है कि उनके रिश्ते के भाई संदीप अग्रवाल ही उन सभी का अंतिम संस्कार करें. बता दें कि प्रवीण ने संदीप से 5 दिन पहले ही फोन पर बात की थी.
परिवार में थे ये सदस्य
बता दें कि इस परिवार में प्रवीण मित्तल, उनकी पत्नी रीना मित्तल, उनके पिता देशराज मित्तल, उनकी मां बिमला मित्तल, बड़ा बेटा हार्दिक (14 साल) दो बेटियां दलिषा और द्रुविका (उम्र-12) थे. इन सभी ने एक साथ इस दुनिया को अलविदा कह दिया.
वीडियो देखिए
(अमन भारद्वाज के इनपुट के साथ)