इस चिट्ठी को 2038 में  खोलना... मरने से पहले 4 साल के बेटे के लिए अतुल ने छोड़ा मिस्ट्री वाला Gift!

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सोशल मीडया पर इस समय बस एक ही नाम की चर्चा है और नाम है अतुल सुभाष का. अतुल की कहानी जिसने भी सुनी उसे दर्द का अहसास हुआ. जिसने भी अतुल की दास्तां सुनी उसने यही कहा कि 'ऐसा भी हो सकता है क्या'. अतुल ने मरने से पहले अपने बेटे के लिए क्या-क्या कहा, इसे जानिए.

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Atul Subhash Update
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सोशल मीडया पर इस समय बस एक ही नाम की चर्चा है और नाम है अतुल सुभाष का. अतुल की कहानी जिसने भी सुनी उसे दर्द का अहसास हुआ. जिसने भी अतुल की दास्तां सुनी उसने यही कहा कि 'ऐसा भी हो सकता है क्या'. बता दें कि मूल रूप से बिहार के रहने वाले 34 वर्षीय अतुल ने बेंगलुरु में आत्महत्या कर ली है. अपना जीवन समाप्त करने से पहले पहले अतुल ने 23 पन्नों का सुसाइड नोट बनाया और डेढ़ घंटे के वीडियो में अपनी पीड़ा सुनाई. अतुल ने अपनी पत्नी निकिता सिंघानिया, ससुराल वालों और जौनपुर की एक कोर्ट की जज रीता कौशिक के ऊपर संगीन आरोपों की बौछार की है. साथ ही अतुल ने अपने बेटे के लिए एक गिफ्ट और लेटर छोड़ा है. इसके अलावा अतुल ने अपने बेटे के लिए कई बातें भी कहीं हैं, जिन्हें आप खबर में आगे विस्तार से जानिए. 


बेटे व्योम के लिए मैं कुछ कहना चाहता हूं: अतुल

 

अतुल ने सुसाइड नोट में लिखा, "अपने बेटे व्योम के लिए, मैं कुछ कहना चाहता हूं. मुझे उम्मीद है कि एक दिन वह इसे समझने के लिए पर्याप्त समझदार बनेगा. जब मैंने तुम्हें पहली बार देखा था, तो सोचा था कि मैं तुम्हारे लिए कभी भी अपनी जान दे सकता हूं. लेकिन दुख की बात है कि मैं तुम्हारी वजह से अपनी जान दे रहा हूं. मुझे अब तुम्हारा चेहरा भी याद नहीं आता जब तक कि मैं तुम्हारी तस्वीरें न देखूं. अब मैं तुम्हारे बारे में कुछ भी महसूस नहीं करता, सिवाय कभी-कभी हल्के से दर्द के. अब तुम सिर्फ एक ऐसे औजार की तरह लगते हो जिसका इस्तेमाल करके मुझसे और ज्यादा उगाही की जाएगी."

 

 

'अब तुम एक गलती की तरह महसूस होते हो'

बकौल अतुल, "शायद तुम्हें दुख होगा, लेकिन सच्चाई यह है कि अब तुम एक गलती की तरह महसूस होते हो. यह शर्मनाक व्यवस्था एक बच्चे को उसके पिता के लिए बोझ और जिम्मेदारी बना देती है. मैंने कई ऐसे पिता देखे हैं जो अपने बच्चों से अलग कर दिए गए हैं और जब वे ईमानदार होते हैं तो ऐसी ही बातें कहते हैं. कुछ भावुक पिता हर रोज (प्रतीकात्मक रूप से) मरते हैं, अपने बच्चों की जिदगी का हिस्सा बनने की कोशिश में. यह व्यवस्था हर पिता के साथ ऐसा ही करना चाहती है, लेकिन मैं इसे नहीं होने दूंगा."

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अतुल सुभाष ने कहा, "जब तक मैं जीवित हूं और पैसे कमाता हूं, वे तुम्हें एक औजार की तरह इस्तेमाल कर मेरे माता-पिता, भाई और मुझ पर अत्याचार करेंगे. मैं ऐसा कभी नहीं होने दूंगा. मैं तुम्हारे लिए 100 बेटों की कुर्बानी दे सकता हूं, लेकिन अपने पिता के सम्मान के लिए तुम्हें भी कुर्बान कर सकता हूं. मुझे शक है कि तुम कभी समझ पाओगे कि पिता क्या होते हैं. लेकिन मैं जानता हूं कि एक पिता होना कितना बड़ा गर्व है. पिता वह हैं जिन्हें हर बेटा गर्व महसूस कराना चाहता है. मैं चाहता था कि मैं तुम्हारे साथ रहूं और जो कुछ मैंने सीखा, समझा और जाना, वह सब तुम्हें दे सकूं."

 

 

तुम्हारी विरासत पैसे की नहीं थी: अतुल

अतुल ने आगे कहा, "तुम्हारी विरासत पैसे की नहीं थी, बल्कि मूल्य, प्रेम, बलिदान, संस्कृति, इतिहास, ज्ञान, और स्वतंत्रता जैसी चीजें थीं, जो मैं तुम्हें देना चाहता था. पिछले 3 सालों में मैंने दुनिया में हो रहे बदलावों को समझने की कोशिश की. पहले मैं भी मानता था कि महिला सशक्तिकरण एक अच्छा कदम है, लेकिन यह आंदोलन अब बेकाबू हो चुका है. इसे सबकुछ नष्ट करने से पहले रोका जाना चाहिए. शायद यह सब अब तुम्हारे लिए समझना व्यर्थ है. मैं आशा करता हूं कि तुम्हें कभी इस चरम सीमा तक न जाना पड़े, लेकिन अगर जरूरत हो तो संकोच मत करना, मेरे बेटे! हर पुरुष के अंदर यह शक्ति होती है और इसका उपयोग करना एक उद्देश्य पर निर्भर करता है."

'अगर मेरे खून का अंश तुममें जीता रहा...'

"अब मेरे जाने के बाद लूटने के लिए कोई पैसा नहीं रहेगा और मुझे उम्मीद है कि शायद अब वे इन मामलों के तथ्यों पर ध्यान देंगे. एक दिन तुम अपनी मां और उसके लालची परिवार का असली चेहरा जान पाओगे. मैं प्रार्थना करता हूं कि वे तुम्हें और तुम्हारी आत्मा को न निगल जाएं. मुझे अक्सर हंसी आती है जब याद करता हूं कि मैंने तुम्हारे कॉलेज जाने पर तुम्हारे लिए एक कार खरीदने के लिए (महंगाई को ध्यान में रखते हुए) पैसे बचाना शुरू किया था. कितनी मूर्खता थी मेरी. यह हमेशा याद रखना कि तुम किसी के भी ऋणी नहीं हो. न समाज पर भरोसा करना, न व्यवस्था पर. दोनों- समाज और व्यवस्था, तुमसे अपना पेट भरना चाहती है. अगर मेरे खून का अंश तुममें जीता रहा, तो तुम पूरे दिल से जीओगे, प्यार करोगे, संघर्ष करोगे, अपने दिमाग से खूबसूरत चीजें गढ़ोगे और समस्याओं को खत्म करोगे.

 

 

"मैं प्रार्थना करता हूं कि तुम उस आत्मविश्वास और गर्व के साथ जियो जिसके साथ मैंने जिया. और तुम कभी एक समाजवादी या साम्यवादी परजीवी न बनो, क्योंकि यह भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा रूप है. आत्मा का भ्रष्टाचार. अलविदा मेरे बेटे!"

अतुल ने बेटे के लिए छोड़ा एक गिफ्ट

प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार, अतुल ने अपने 4 साल के बेटे के लिए एक गिफ्ट और एक लेटर छोड़ा है, जिसे साल 2038 में खोलने के लिए कहा गया है. बता दें कि अतुल का बेटा अभी 4.5 साल का है और 2038 में वह 18 साल हो जाएगा. हो सकता है कि अतुल ने चाहा हो कि उसका बेटा इस गिफ्ट और लेटर को तभी खोले जब वह बालिग हो जाए.

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