Noida twin towers Demolition: इस मशीन से होगा धमाका, भरभराकर गिरेगा ट्विन टावर, देखें

यूपी तक

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UPTAK
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एक्सपर्ट्स ने up tak को बताया कि इस काले रंग के डिब्बे में लगे एक पैनल को घुमाया जाएगा जिससे करंट पैदा होगा और लाल बत्ती जलेगी.

फिर इस हरे बटन को दबाना होगा. बटन दबते ही धमाके के साथ बिल्डिंग धराशाई हो जाएगी.

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बिल्डिंग के नींव से लेकर पास की बिल्डिंग को ढकने तक की ऐसी है तैयारी.

एमरॉल्ड कोर्ट और ट्विन टावर के बीच इतनी ही दूरी है. एहतियात के तौर पर एमरॉर्ल्ड कोर्ट के रहवासियों से बिल्डिंग खाली कराई गई.

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विध्वंस से एक-दो दिन पहले से ट्विन टावर के साथ सेल्फी लेने वालों की होड़ मच गई है.

एमरॉल्ड कोर्ट को जियो टेक्सटाइल फाइबर से ढक दिया गया है. इससे ब्लास्ट के दौरान डस्ट और टुकड़े रोके जा सकते हैं.

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100 और 97 मीटर ऊंचे टावर में कुल 1000 से ज्यादा छेद कर 3500 किलो से ज्यादा बारूद लगाया गया है.

28 अगस्त दोपहर ढाई बजे के बाद ये दोनों टावर बस तस्वीरों में याद रह जाएंगे.

पास स्थित एमरॉल्ड कोर्ट को बचाते हुए ट्विन टावर को गिराना अफ्रीकन कंपनी एडिफिस के लिए बड़ी चुनौती है.

टॉवर के बेस के पास बनाया गया गड्‌ढा, मलबा इधर ही समाएगा.

ट्विन टावर गिरने के बाद उठने वाले धूल के गुबार को रोकने के लिए 10 एंटी स्मोग गन लगाए गए हैं.

विस्फोट से 97 और 100 मीटर के टावर गिरने के बाद होने वाले कंपन को मापने के लिए इन्स्ट्रूमेंट्स लगाए जा रहे हैं.

एमरॉल्ड कोर्ट के रहवासी पास पार्श्वनाथ प्रेस्टीज में रुकवाए गए हैं. यहां कम्यूनिटी हॉल में वे पहुंच चुके हैं.

देखा जाए तो ये ट्विन टावर (97-100 मीटर) अमेरिका में स्थित स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी (93 मीटर) से भी ऊंचे हैं.

यही नहीं ये टावर दिल्ली स्थित कुतुब मीनार (75.5 मीटर) से काफी ऊंचे हैं.

ट्विन टावर की पूरी कहानी…

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