मंगेश यादव का एनकाउंटर करने वाली टीम के DK शाही का सम्मान! जाति देख मारने के आरोप पर क्या बोले?

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STF DK Shahi
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Mangesh Yadav Encounter News: उत्तर प्रदेश में फिलहाल एक एनकाउंटर को लेकर राजनीतिक घमासान मचा हुआ है. 5 सितंबर को यूपी एसटीएफ की टीम ने मंगेश यादव नाम के बदमाश का एनकाउंटर किया था. पुलिस के मुताबिक मंगेश यादव सुल्तानपुर में एक ज्वैलरी शॉप में लूट का आरोपी था. सबसे पहले समाजवादी पार्टी चीफ अखिलेश यादव ने इस एनकाउंटर पर सवाल उठाए और कहा कि मंगेश यादव को जाति देखकर मारा गया है.

अखिलेश का आरोप था कि इस मामले में एक खास जाति के मुख्य आरोपी का सरेंडर कराया गया और फिर जात देखकर एनकाउंटर हुआ. असल में इस लूटकांड के सरगना बताए जा रहे विपिन सिंह के सरेंडर के बाद ऐसे आरोप उठे हैं. उधर मंगेश के परिवार ने भी कहा है कि पुलिस ने उसे घर से उठाकर मार दिया. अब एनकाउंटर करने वाली टीम में शामिल रहे यूपी पुलिस के डिप्टी एसपी और STF के सीओ डीके शाही से जुड़ी एक खबर आई है. 

सुल्तानपुर में डीके शाही का बकायदा सम्मान किया गया है. ये सम्मान समारोह सुल्तानपुर बॉलीबॉल ने आयोजित किया था. इस मौके पर उनसे मंगेश यादव के एनकाउंटर से जुड़े सवाल भी पूछे गए. 

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STF के डीके शाही ने क्या बताया? 

पुलिस अधिकारी डीके शाही ने दावा किया कि अब यूपी से ऑर्गनाइज्ड क्राइम खत्म कर दिया गया है. छिटपुट घटनाएं हो रही हैं. जो जेल जाने लायक है, उसे जेल भेजा जा रहा है. जो पुलिस पर गोली चला रहा उसका वैसे जवाब दे दिया जा रहा है. सुल्तानपुर में ज्वेलर्स के यहां 28 अगस्त को डकैती हुई थी. इससे पूरे प्रदेश खासकर सुल्तानपुर में दहशत का माहौल था. तभी से एसटीएफ की टीम और जिला पुलिस इस मामले में लगी थी. कल (5 सितंबर) अचानक गिरफ्तारी के दौरान बदमाशों द्वारा हमारी एसटीएफ टीम पर फायरिंग किया गया, हमारे लोग बाल-बाल बचे. जवाबी फायरिंग में एक बदमा्श मारा गया और एक भागने में सफल रहा.'

उन्होंने आगे कहा, 'अन्य बदमाशों की तलाश जारी है, जल्द ही उनकी गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाएगी.' डीके शाही से अखिलेश यादव के ट्वीट और आरोपों को लेकर सवाल हुआ, तो उन्होंने कहा कि इसपर अब क्या ही कहा जाए, सबकी अपनी-अपनी राय है.

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कौन हैं डीके शाही?

डीके शाही यूपी पुलिस में डिप्टी एसपी हैं. फिलहाल वह यूपी एसटीएफ का हिस्सा हैं. डीके शाही की पत्नी ऋतु शाही बीजेपी की नेता हैं. ऋतु शाही को हाल में ही उत्तर प्रदेश महिला आयोग का सदस्य नियुक्त किया गया है. साफ कर दें कि ऋतु शाही की नियुक्ति मंगेश यादव की एनकाउंटर से पहले हुई थी.  ऋतु शाही गोरखपुर क्षेत्र में बीजेपी महिला मोर्चा की क्षेत्रीय कोषाध्यक्ष के पद पर कार्यरत हैं. 

मंगेश यादव के परिवार ने क्या कहा है?

इस एनकाउंटर पर उठ रहे सवालों को लेकर यूपी Tak की टीम ने मंगेश की बहन प्रिंसी से बातचीत की.  मंगेश की बहन ने बताया कि सोमवार रात लगभग 2 बजे पुलिस वाले सादी वर्दी में घर से मंगेश को पूछताछ के लिए लेकर जाते हैं. इसके अलावा घर की तलाशी भी ली जाती है. फिर गुरुवार की सुबह उनके पास एनकाउंटर की खबर पहुंचती है. मृतक मंगेश की मां शीला देवी ने बताया कि, 'पुलिस वाले मंगेश को पूछताछ के लिए लेकर गए थे और उसके बाद सुबह उसकी मौत की खबर आई.

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मंगेश के पिता राकेश का कहना है कि पुलिस पूछताछ के बहाने उसे उठाकर ले गई थी. उस वक्त घर में छोटी बहन और मंगेश की मां मौजूद थी. इसके बाद गुरुवार को यह सूचना दी गई कि आपके बेटे का शव पोस्टमार्टम हाउस में पड़ा हुआ है. उसका कोई गार्डियन यहां मौजूद नहीं था इसलिए पुलिस ने उसे मार दिया.

मंगेश यादव पर कुल सात मुकदमे दर्ज थे. यह मुकदमे चोरी लूट और डकैती के मामले में दर्ज किए गए थे. जौनपुर के लाइन बाजार पुलिस स्टेशन में 3, प्रतापगढ़ के पट्टी में 1, सुल्तानपुर के करौंदीकला थाने में 2 और कोतवाली नगर में 1, कुल 7 मुकदमे दर्ज थे.

मंगेश यादव के एक लाख के इनामी बनने की टाइमिंग पर भी सवाल

अब तो मंगेश पर घोषित हुए इनाम की टाइमिंग पर सवाल उठाए जा रहे हैं. रुवार (5 सितंबर) की सुबह STF ने मंगेश यादव को एनकाउंटर में मार गिराया था. पुलिस सूत्रों मिली जानकारी के अनुसार, 2 सितंबर को IG रेंज (अयोध्या) प्रवीण कुमार के यहां से मंगेश यादव के ऊपर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित हुआ. फिर 4 सितंबर को ADG जोन लखनऊ एसबी शिरोडकर के यहां से कुल 10 बदमाशों पर 1-1 लाख का इनाम घोषित हुआ, जिनमें मंगेश का नाम भी शामिल था. 

अब अखिलेश की टिप्पणी के बाद से ही इस मामले पर राजनीति तेज है. समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल जौनपुर स्थित मंगेश यादव के घर भी पहुंचा था. इसमें शामिल नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव ने कहा कि, 'परिवार का दावा है कि पुलिस मंगेश को पूछताछ के लिए घर से उठाकर लेकर गई थी. पुलिस अभिरक्षा में उसकी मौत हुई है.  सरकार पुलिस की सहायता से यादव, मुस्लिम और बैकवर्ड क्लास को टारगेट बना रही है. सरकार से यह सवाल पूछना चाहिए कि क्या यादव और मुस्लिम आयातित लोग हैं.'

बीजेपी ने भी इस मामले में तीखी प्रतिक्रिया दी है. बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा है कि, 'अपराधियों के साथ खड़े होने में सपा न्यूनता तक उतर गई है. सपा के जाति प्रेम ने उत्तर प्रदेश को गर्त तक पहुंचाया था. मुख्तार अंसारी के बाद अब फिर अपराधी के घर मातमपुर्सी करने जा रहे हैं सपा नेता.'

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