लखीमपुर खीरी हिंसा: कौन हैं आशीष मिश्रा, जिनके काफिले पर लगे किसानों को रौंदने के आरोप?

शिल्पी सेन

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उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी स्थित तिकुनिया इलाके में रविवार, 3 अक्टूबर को भारी हिंसा भड़क गई. यूपी पुलिस ने बताया है कि इस हिंसा में कुल 8 लोगों की मौत हुई है. इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा पर आरोपों के घेरे में हैं. संयुक्त किसान मोर्चा का आरोप है कि आशीष मिश्रा के गाड़ियों के काफिले ने किसानों को रौंदा था. बताया जा रहा है कि यह काफिला तिकुनिया में आयोजित कुश्ती कार्यक्रम के लिए यूपी के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को रिसीव करने के लिए जा रहा था.

कौन हैं आशीष मिश्रा?

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बड़े बेटे हैं आशीष मिश्रा उर्फ मोनू. घर में अजय मिश्रा टेनी की वजह से राजनीतिक माहौल था जिसके चलते आशीष की चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी से पढ़ाई के दौरान ही राजनीति में रुचि हो गई थी. आशीष मिश्रा भारतीय जनता युवा मोर्चा के अवध क्षेत्र के उपाध्यक्ष भी रहे हैं. बताया जाता है कि 2012 के बाद से आशीष को इलेक्शन कैम्पेनिंग संभालने का भी अनुभव रहा है.

आशीष मिश्रा इस समय अजय मिश्रा टेनी और परिवार का व्यवसाय संभालते हैं, जिसमें पेट्रोल पंप, ईंट भट्ठा, 2 राइस मिल और ब्याज का काम शामिल है. आशीष के छोटे भाई लखीमपुर में जिला सहकारी बैंक के डायरेक्टर हैं. इसके अलावा उनकी एक बहन भी हैं. आशीष मिश्रा को क्षेत्र के लोग सामाजिक और राजनीतिक रूप से सक्रिय बताते हैं. लोगों का कहना है कि निघासन विधानसभा सीट से आगामी चुनाव के लिए आशीष को टिकट दावेदार भी बताया जा रहा है. निघासन से अजय मिश्रा विधायक रह चुके हैं.

मोनू खेल के शौकीन हैं और अपने दादाजी के नाम पर सालाना होने वाले दंगल के अलावा लखीमपुर में क्रिकेट टूर्नामेंट भी कराते हैं. वह खुद भी क्रिकेट खेलने के शौकीन हैं.

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आपको बता दें कि आशीष के दादाजी और अजय मिश्रा टेनी के पिता अम्बिका प्रसाद मिश्रा पहलवान थे. उनके समय से मिश्रा परिवार के पैतृक गांव बनवीरपुर में सालाना दंगल का आयोजन होता है. मौजूदा समय में आशीष उसी के आयोजन समिति के अध्यक्ष भी हैं. बीजेपी कार्यकर्ताओं के अनुसार, आशीष मिश्रा साल में एक बार निर्धन परिवार की लड़कियों की शादी कराते हैं.

बीजेपी सहकारिता प्रकोष्ठ के क्षेत्रीय संयोजक मनीष साहनी ने मुताबिक, “मुख्यमंत्री जी ने जांच में दोषी पाए जाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की बात कही है. उससे हम सब सहमत हैं. उस समय जब ये दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई मोनू उसी दंगल में मौजूद थे, जिसको सबने देखा है. ये तथ्य सामने आना चाहिए.”

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गाड़ियों के काफिले द्वारा किसानों को रौंदने के आरोप पर आशीष मिश्रा ने कहा है कि घटना के वक्त वह काफिले की गाड़ियों में मौजूद नहीं थे.

यूपी तक से हुई बातचीत में आशीष ने बताया, ”हमारे यहां लगभग 30-35 सालों से दंगल का आयोजन होता है. वो बाबा के टाइम से शुरू हुआ, फिर पिताजी ने उसे संचालित किया. अब यह हम लोगों की जिम्मेदारी बन गया था. इसके लिए अबकी बार हमने खुद जाकर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से टाइम लिया, उन्होंने हमको समय दिया.”

उन्होंने आगे कहा, “हमारे यहां एक शिष्टाचार होता है कि जब हमारा मुख्य अतिथि आता है तो 2-3 वाहनों में कार्यकर्ता जाकर उनको रिसीव करते हैं. माला वगैरह पहनाकर उनको सम्मान के साथ लाया जाता है.”

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आशीष ने दावा किया, “हमारे कार्यकर्ता डिप्टी सीएम को रिसीव करने जा रहे थे, जैसे ही वो लोग तिकुनिया से निकले, तो अपने आप को किसान कहने वालों ने आक्रमण कर दिया.”

उन्होंने कहा कि काफिले में तीन वाहन थे, “अगर हमको कोई घटना करनी होती तो तीन वाहन लेकर कौन जाता है माला-गुलाब लेकर घटना करने.”

आपको बता दें कि लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में अजय मिश्रा के बेटे और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ FIR दर्ज हुई है.

(अभिषेक वर्मा के इनपुट्स के साथ)

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