UP की सड़कों का रिएलिटी चेक: डिप्टी CM जी! आपका ही विभाग है, गृह जनपद के गड्ढे कौन देखेगा?

अखिलेश कुमार

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर गड्ढा मुक्त सड़क का अभियान चलाया है. अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने 15 नवंबर तक प्रदेश की सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है.

इस बीच, यूपी तक मौजूदा समय में प्रदेश की सड़कों का असल हाल जानने के लिए सड़कों का रिएलिटी चेक कर रहा है. इसी कड़ी में आज हम आपको यूपी के डिप्टी सीएम और लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मंत्री केशव प्रसाद मौर्य के गृह जनपद कौशांबी की सड़कों का हाल बता रहे हैं. पढ़िए कौशांबी से अखिलेश कुमार की यह खास ग्राउंड रिपोर्ट.

जब हम प्रयागराज से कौशांबी उत्खनन स्थल की मुख्य सड़क पर पहुंचे तो देखा कि सड़क में गड्ढे ही गड्ढे हैं. इस सड़क पर पता ही नहीं चलता है कि सड़क में गड्ढे हैं या फिर गड्ढे में सड़क बना दी गई है. इस रोड पर आगे बढ़ने के बाद हम मनौरी इलाके में पहुंचे, जहां हमें सड़कों में बड़े-बड़े गड्ढे दिखे.

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मनौरी इलाके के स्थायी निवासी राजू केसरवानी बताते है, “सड़क की मरम्मत तो कई बार हुई, पर जल निकासी न होने से कुछ दिनों में ही सड़क टूट जाती है. फिर सड़क में गड्ढे ही गड्ढे हो जाते हैं. इसकी शिकायत कई बार सांसद, विधायक से की गई लेकिन कोई निस्तारण नहीं हुआ.”

प्रयागराज से कौशांबी उत्खनन स्थल की सड़क का निर्माण पीडब्ल्यूडी विभाग ने कराया है. यह सड़क पर्यटन की दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण है. इसी सड़क से देश और दुनिया के पर्यटक जिले की प्राचीन विरासत को देखने पहुचते हैं.

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इसके बाद हम जिला मुख्यालय से सिराथू तहसील को जोड़ने वाली मंझनपुर-सिराथू रोड पर पहुंचे को देखा कि सड़क में करीब 400 से अधिक छोटे-बड़े गड्ढे हैं. यहां के रहने वाले अजय गौतम कहते हैं, “सिराथू-मंझनपुर रोड पर सबसे ज्यादा गड्ढा है. डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का गृह जनपद होने के बावजूद भी यह हाल है. इस सड़क में बड़े-बड़े गड्ढे हैं. गड्ढाें के कारण कई बार हादसे हो चुके हैं.” ये सड़क पीडब्ल्यूडी विभाग के दायरे में आती है.

इसके बाद हम चायल विधानसभा में पहुंचे तो देखा कि सड़कों पर डामर डाल कर काला कर दिया गया, लेकिन सड़कों को गड्डा मुक्त नहीं किया जा सका है. मामूली सी बारिश होने से ही सड़कों की हालत खराब हो जाती हैं. ये सड़क भी पीडब्ल्यूडी विभाग के दायरे में आती है.

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जब सड़क में गड्ढे को लेकर हमने चायल विधायक सजंय गुप्ता से पूछा तो उन्होंने गोलमोल जवाब दिया. उन्होंने कहा, “जल निकासी नहीं होने की वजह से पानी सड़कों में जमा हो जाते हैं, जिससे सड़कों में गड्ढे हो गए हैं. 21 करोड़ 20 लाख की टेंडर की कार्रवाई चल रही है. जल्द ही सड़क की मरम्मत का काम शुरू हो जाएगा.”

जिले में पीडब्ल्यूडी विभाग के दायरे में आने वाली खराब सड़कों की स्थिति को लेकर जब हम पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिशाषी अभियंता हरवंश सिंह से बातचीत करने की कोशिश किए तो उन्होंने खुद को अधिकृत अधिकारी नहीं बताते हुए बातचीत करने से मना कर दिया.

इसके बाद हम जनपद के सड़कों की जर्जर स्थिति को लेकर जिलाधिकारी सुजीत कुमार से बातचीत करने की कोशिश किए तो उन्होंने इस संबंध में जानकारी न होने का हवाला देते हुए बातचीत करने से मना कर दिया.

UP की सड़कों का रिएलिटी चेक: गड्ढों का तो पूछिए ही मत, यहां पूरी रोड ही खत्म, हाल आजमगढ़ का

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